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Devesh Dixit

#इश्क_और_अश्क़ #nojotohindi #nojotohindipoetry इश्क और अश्क़ इश्क और अश्क़ का तो, चोली दामन का साथ है। कहती है ये दुनिया सारी, इसमें कामदेव #Poetry #sandiprohila

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Ravendra

जिलाधिकारी ने महर्षि बालार्क चिकित्सालय व महिला विंग का किया किया औचक निरीक्षण,परिसर में अलाव जलाए जाने के दिये निर्देश बहराइच की जिलाधिकार #न्यूज़

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

उसका जलवा कमाल है अब भी । वो नही मेरा मलाल है अब भी ।।१ देख उसको सभी अभी कहते । जान तुझ पर निहाल है अब भी ।।२ #शायरी

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उसका जलवा कमाल है अब भी ।
वो नही मेरा मलाल है अब भी ।।१

देख उसको सभी अभी कहते ।
जान तुझ पर निहाल है अब भी ।।२

वो जो उसने कभी नही पूछा ।
लब पर वो ही सवाल है अब भी ।।३

सुर्खी जितनी लगा रही लब पर ।
सुर्ख उतने ही गाल है अब भी ।।४

रूख पे बेशक नकाब हो उसके ।
हाथ रखता रुमाल है अब भी ।।५

तूने देखा नही अभी उसको ।
लाखो में बेमिसाल है अब भी ६

मत बुला तू प्रखर सनम अपना ।
आ गई तो बवाल है अब भी ।।७
३१/१२/२०२३     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उसका जलवा कमाल है अब भी ।

वो नही मेरा मलाल है अब भी ।।१


देख उसको सभी अभी कहते ।

जान तुझ पर निहाल है अब भी ।।२

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

उसका जलवा कमाल है अब भी । वो नही मेरा मलाल है अब भी ।।१ देख उसको सभी अभी कहते । जान तुझ पर निहाल है अब भी ।।२ #शायरी

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उसका जलवा कमाल है अब भी ।
वो नही मेरा मलाल है अब भी ।।१

देख उसको सभी अभी कहते ।
जान तुझ पर निहाल है अब भी ।।२

वो जो उसने कभी नही पूछा ।
लब पर वो ही सवाल है अब भी ।।३

सुर्खी जितनी लगा रही लब पर ।
सुर्ख उतने ही गाल है अब भी ।।४

रूख पे बेशक नकाब हो उसके ।
हाथ रखता रुमाल है अब भी ।।५

तूने देखा नही अभी उसको ।
लाखो में बेमिसाल है अब भी ६

मत बुला तू प्रखर सनम अपना ।
आ गई तो बवाल है अब भी ।।७
३१/१२/२०२३     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उसका जलवा कमाल है अब भी ।

वो नही मेरा मलाल है अब भी ।।१


देख उसको सभी अभी कहते ।

जान तुझ पर निहाल है अब भी ।।२

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- इश्क़ तुमको पुकारे चले आइए । राह तेरी बुहारे चले आइए ।।१ #शायरी

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ग़ज़ल :-
इश्क़ तुमको पुकारे चले आइए ।
राह तेरी बुहारे चले आइए ।।१

क्या हँसी हैं नजारे चले आइए ।
हम तुम्हीं को पुकारे चले आइए ।।२

यार छत पर कभी आप आये नज़र ।
तो करें हम इशारे चले आइए ।।३

पास बैठो कभी तो घड़ी दो घड़ी ।
जलवा तेरा निहारे चले आइए ।।४

होश बाकी रहा गर तुम्हें देखकर ।
जुल्फ़ तेरी सँवारे चले आइए ।।५

चाहता हूँ तुम्हें इक झलक देखना ।
प्राण से आप प्यारे चले आइए ।।६

लूट कर ले गई दिल हसीना वही ।
जो किया कल इशारे चले आइए ।।७

शाम तंहा यहां यार अपनी लगे ।
बाँह फिर हम पसारे चले आइए ।।८

दर्द का आज मारा प्रखर है पड़ा ।
आप ही है सहारे चले आइए ।।९

२९/१२/२०२३    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-


इश्क़ तुमको पुकारे चले आइए ।

राह तेरी बुहारे चले आइए ।।१

Sakir Ali 786

पढ़ लो मोमिनो, नमाज जलवा दिखाऐगि #2023Recap

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VEER NIRVEL

कभी रोटी के टुकड़े में कभी दाल की कड़ाई में, तुम्हारी ज़ुल्फो का जलवा है बेग़म हर निवाले में... #Chai_Lover

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कभी रोटी के टुकड़े में कभी दाल की कड़ाई में,
तुम्हारी ज़ुल्फो का जलवा है बेग़म हर निवाले में...
#Chai_Lover

©VEER NIRVEL कभी रोटी के टुकड़े में कभी दाल की कड़ाई में,
तुम्हारी ज़ुल्फो का जलवा है बेग़म हर निवाले में...
#Chai_Lover

VEER NIRVEL

कभी रोटी के टुकड़े में कभी दाल की कड़ाई में, तुम्हारी ज़ुल्फ़ का जलवा है बेग़म हर निवाले में... #Chai_Lover

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कभी रोटी के टुकड़े में कभी दाल की कड़ाई में,
तुम्हारी ज़ुल्फ़ का जलवा है बेग़म हर निवाले में...
#Chai_Lover

©VEER NIRVEL कभी रोटी के टुकड़े में कभी दाल की कड़ाई में,
तुम्हारी ज़ुल्फ़ का जलवा है बेग़म हर निवाले में...
#Chai_Lover

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#Palestine #Israel जीना हुआ मुहाल,तो मरना कमाल है,तशदूदे इजरइल तु खुदका *जवाल है//१ *अस्त*विनाशता ना तेरी हैबतो में फिलिस्तीनी मुसलमां, क् #Trending #writersofindia #nojotohindi #poetsofindia #NojotoFilm #poetrycorner #shamawritesBebaak

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मनहरण घनाक्षरी :- देख-देख लुट गये , फिर हम मिट गये , भोली-भाली सजनी के , सुन लो शृंगार में । याद नहीं नूँन तेल  , रहा सब कुछ झेल , माँगे क् #कविता

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मनहरण घनाक्षरी :-

देख-देख लुट गये , फिर हम मिट गये ,
भोली-भाली सजनी के , सुन लो शृंगार में ।
याद नहीं नूँन तेल  , रहा सब कुछ झेल ,
माँगे क्रीम पाऊडर , वह उपहार में ।
डाल गले बाँह हार , करे खूब मनुहार ,
कहे ऐसी प्रीत पिया , मिलें न बाजार में ।
करें मीठी-मीठी बातें , कहे क्यूँ है छोटी रातें ,
लगता है काम टेढ़ा , आया है विचार में ।। -१


पूछ मत बात कुछ , याद मुझे सब कुछ ,
ऐसा उसने जलवा , दिखाया दीदार में ।
नशा ऐसा चढ़ रहा , पिये बिन झूम रहा ,
जिसका उतार बस , है उसके प्यार में ।
सुन उसकी पायल , ये दिल होता घायल ,
सुन लगे मीठी बोली , अब तकरार में ।
वह जो पसंद करे , मन में आनंद भरे ,
दिल का दे दूँ तोहफा , फिर इजहार में ।।

०२/११/२०२३      -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :-

देख-देख लुट गये , फिर हम मिट गये ,
भोली-भाली सजनी के , सुन लो शृंगार में ।
याद नहीं नूँन तेल  , रहा सब कुछ झेल ,
माँगे क्
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