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Ghanshyam Ratre
White आपके जुदाई में ऐसा लगता है जिंदगी विराना सा हो गया है। आपके यादों के गम में हमारे रातों की नींद दिन की चैन उड़ गया है।। ©Ghanshyam Ratre जुदाई के गम
जुदाई के गम
read moreRAMLALIT NIRALA
White लोग तो लोग जब मैं अपनो को बदलते देखा है साहब तो पैरो तले जमीन खिसक गई जिस तरह बरसात में मोंसम बदलता है पानी में कौई रंग डालो और पानी का रंग बदल जाता है मतलब के दुनियां में ईसांन कम मीलते हैं जनाब किस्मत रंग बदले तो भाग्य बदल देती है अपने रंग बदले तो रूला देते हैं ©RAMLALIT NIRALA दुनिया बदल रहीं हैं साहब खुद को अकेला सिखो
दुनिया बदल रहीं हैं साहब खुद को अकेला सिखो
read moreKulwant singh
हाथ में मेंहदी पांव महावार मांग सजाना कुमकुम को। उसके साथ तो पड़ेगा जाना जो घोड़ीचढ़ लेने आयेगा तुमको। रुखसत होकर तुम मुझसे साजन के घर जाओगी। पर मुझको तुम भूल ना जाना पाकर अपने प्रीतम को। ©Kulwant singh #रुखसत ए गम
#रुखसत ए गम
read moreKulwant singh
हाथ में मेंहदी पांव महावार मांग सजाना कुमकुम को। उसके साथ तो पड़ेगा जाना जो घोड़ीचढ़ लेने आयेगा तुमको। रुखसत होकर तुम मुझसे साजन के घर जाओगी। पर मुझको तुम भूल ना जाना पाकर अपने प्रीतम को। ©Kulwant singh #intezaar रुखसत ए गम
#intezaar रुखसत ए गम
read moreनवनीत ठाकुर
" वो नहीं जो भाग्य को दोष दें, हम वो जो खुद से अपनी राहें चुनते हैं। ग़म के साए में भी हम मुस्कान सजा लेते हैं, मुसीबतों के दरवाज़े को भी खुद खोला करते हैं। हम वो हैं, जो हालात को नहीं, अपनी ताकत को बदलते हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर वो नहीं जो भाग्य को दोष दें, हम वो जो खुद से अपनी राहें चुनते हैं। ग़म के साए में भी हम मुस्कान सजा लेते हैं, मुसीबतों के दरवाज
#नवनीतठाकुर वो नहीं जो भाग्य को दोष दें, हम वो जो खुद से अपनी राहें चुनते हैं। ग़म के साए में भी हम मुस्कान सजा लेते हैं, मुसीबतों के दरवाज
read moreParasram Arora
White आदमी की जिंदगी दरिया भी है सहरा भी है लेकिन कोहरा गम का दोनों पर बराबर गिरता है ©Parasram Arora गम का कोहरा
गम का कोहरा
read moreगणेश शर्मा 'विद्यार्थी'
घुट-घुटकर यूँ तो रोज, हमी जीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। जीवन में मुश्किल रोज, नयी आती हैं। नदियाँ भी तट पर मैल, बहा लाती हैं। दिन भर दिमाग में ऊँच-नीच चलती है। दुनिया की तब हर एक बात खलती है। ऐसे ही कितने साल यहाँ बीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। अदरक-इलायची संगति कर दी जाती। जब गर्म चाय कुल्लड़ में भर दी जाती। कर देता है मदहोश चाय का प्याला। न्यौछावर इस पर कई-कई मधुशाला। यूँ ही हम छोटे - बड़े घाव सीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं। इससे बढ़कर फल, फूल, नहीं मेवा है। इससे बढ़कर दूसरी नहीं सेवा है। इससे बढ़कर के पुण्य नहीं दूजा है। इससे बढ़कर कुछ अन्य नहीं पूजा है। क्यों अब तक सबके चाय-पात्र रीते हैं? बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। ©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी' चलो चाय पीते हैं!!! #Tea #HindiPoem #hindipoetry #hindikavita कविताएं कविता हिंदी कविता
चलो चाय पीते हैं!!! #Tea #HindiPoem #hindipoetry #hindikavita कविताएं कविता हिंदी कविता
read more-Imran- khan.@-sad shayari
White मिले गे फिर कभी तो तुम्हे हम अपनी सारी बात सुनाए गे. कैसे गुजर रही है तेरे बिना यह ज़िन्दगी भरकर तुझें बाहों में हम अपने गम सुनाए गें. Imran khan.sad ©-Imran- khan.@-sad shayari #love_shayari ✍️अपने गम सुनाए गे✍️
#love_shayari ✍️अपने गम सुनाए गे✍️
read moreDANVEER SINGH DUNIYA
White मन,मान,मनी,मोहब्बत किसके लिए बचाऊं मेरा सब कुछ तो लुट चुका है ना इस जहां में मुझे धोखा देकर पुछते हो मुझे चाहने वालों अब मिलन हो नही सकता कहां तुम कहां मैं ©DANVEER SINGH DUNIYA #love_shayari एक और गम...
#love_shayari एक और गम...
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