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अपर्णा विजय
White कौन है यह चार लोग जो कि सवाल बहुत करते हैं हर एक की जिंदगी में ,बवाल बहुत करते हैं बिन पोथी के ही ये ज्ञानी सारा ज्ञान रखते हैं सही गलत के क़ायदों की ये तो खान रखते हैं न जाने कितने ही ख्वाबों को ये निगल जाते हैं और कहते हैं हम तो अपने काम से काम रखते हैं कहीं शहनाई हो या किसी की अंतिम विदाई हो ये तो अपनी ज़बान को व्यस्त सरेआम रखते हैं और कहते हैं कि हम बस अपने काम से काम रखते हैं ©अपर्णा विजय #चार लोग
#चार लोग
read moreParasram Arora
White चार दिनों क़ी जिंदगी मे से दो दिन तों हमने हँसरे खेलते किसी तरह गुज़ार दिए अब बचे खुचे बाकि के दो दिन कैसे गुजरेँगे? उनका मुस्तकबिल क्या होगा? मै क्या कोई भी नही जानता मेरे खुदा के सिवाय ©Parasram Arora चार दिनों क़ी जिंदगी
चार दिनों क़ी जिंदगी
read moreAnukaran
उड़ना भी जरूरी है, ख़्वाब और हकीकत में अंतर समझ में आता है। कुछ कदम चल कर रुकना भी जरूरी है, अपने पराये का साथ समझ आता है, मुश्किलें तो बहुत हैं राहों में, कुछ कदम बढ़ाने की शुरुआत से, हर मुश्किल आसान सा लगता है। जीत जाएँगे हम अगर खुद पे विस्वास हो, वरना एक कदम भी चलना सैकड़ो योजन सा लगता है। ©Anukaran #Mic उड़ना भी जरूरी है, ख़्वाब और हकीकत में अंतर समझ में आता है। कुछ कदम चल कर रुकना भी जरूरी है, अपने पराये का साथ समझ आता है, मुश्किलें तो
#Mic उड़ना भी जरूरी है, ख़्वाब और हकीकत में अंतर समझ में आता है। कुछ कदम चल कर रुकना भी जरूरी है, अपने पराये का साथ समझ आता है, मुश्किलें तो
read moreSarfaraj idrishi
White पोस्ट को समझ कर पढ़े कमेंट करके बताएं असदुद्दीन ओवैसी आर•एस•एस• के एजेंट हैं। बदरुद्दीन अजमल कांग्रेस के दलाल हैं। डा.अय्यूब बीजेपी के हाथ बिके हैं। आमिर रशादी सौदे की तलाश में हैं। लेकिन, राहुल गांधी मसीहा-ए-क़ौम हैं। लालू प्रसाद यादव रफीकुल मुल्क हैं। अखिलेश यादव मुस्लिम परस्त हैं। मायावाती मुसलमानों की गॉडमदर है। नीतीश कुमार पंजवकता नमाजी है। ममता चार पांच दफा हज कर आई है। केजरीवाल मिललत ए सदर ©Sarfaraj idrishi #election_2024 लेकिन, राहुल गांधी मसीहा-ए-क़ौम हैं। लालू प्रसाद यादव रफीकुल मुल्क हैं। अखिलेश यादव मुस्लिम परस्त हैं। मायावाती मुसलमानों
#election_2024 लेकिन, राहुल गांधी मसीहा-ए-क़ौम हैं। लालू प्रसाद यादव रफीकुल मुल्क हैं। अखिलेश यादव मुस्लिम परस्त हैं। मायावाती मुसलमानों
read moreJAGAT HITKARNI 274
White जय परमेश्वर यह बनीये बेइमांन जादुके जुल्मसे-जमीनमाताको-आठ महीना रोगरखतेहें सो,गरमीके-महीनोंमें-तो,चारमहीना गरमीका रोगरखतेहें किजो-लुऐंवगैरा-जीयादा चलतीहें यह जमीनको गरम-ताओका-रोगहै?जब?आदमीयोंको और चोपायांन,पंखेरुओंको,गरम,ताओकी वजहसे बीमारीयांहोतीहें;और,सरदीके,महीनोंमें चार महीना सरदीका रोगरखतेहें,किजो,सरदीकीवजहसे जांनवरों वगैराको और;आदमीयों,वगेराको,ठंडा;ताओवगैरा चढताहे सोजबकि जमीनमाताको.ठंडा.ताओ चढताहे और जादुसे ठंडे ताओका.रोगकरतेहें.जब,अनाज,और बनासपतीवगेरा सरदीके,रोगकीवजहसे,जलजातीहे जेसाकि आदमीयोंको.ठंडा.ताओचढताहे और कलेजेमेंसेभी और पेटमेंसेभी.ठंडउठतीहे.उसीतरहसे जमीनकोभी सरदीकी-मोसममें;ठंडे;ताओका-रोग जादुसेकीयाहे और!जोगरमीके-दीनआतेहें-और लुऐंवगैरा जीयादा चलतीहें तोजादुसे-जमीनमाताको?गरम ताओका रोगकीयाहे और,जोआदमीको,यह,सरदी,और गरमीके रोगनहीहूं,तो हमेशां.तंन्दुरस्तीसे.सरीररहताहे और तबीयत खुशरहतीहे..... ( २४७ ) अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©JAGAT HITKARNI 274 जय परमेश्वर यह बनीये बेइमांन जादुके जुल्मसे-जमीनमाताको-आठ महीना रोगरखतेहें सो,गरमीके-महीनोंमें-तो,चारमहीना गरमीका रोगरखतेहें किजो-लुऐंवगैरा
जय परमेश्वर यह बनीये बेइमांन जादुके जुल्मसे-जमीनमाताको-आठ महीना रोगरखतेहें सो,गरमीके-महीनोंमें-तो,चारमहीना गरमीका रोगरखतेहें किजो-लुऐंवगैरा
read moreAnjali Singhal
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset "सुना है ज़िन्दगी चार दिन की होती है! हंँसती-खेलती गुज़रे तो कितनी ख़ूबसूरत होती है!!" ©Anjali Singhal "सुना है ज़िन्दगी चार दिन की होती है! हंँसती-खेलती गुज़रे तो कितनी ख़ूबसूरत होती है!!" #shayari #shayristatus #whatsappstatus #quote #life
"सुना है ज़िन्दगी चार दिन की होती है! हंँसती-खेलती गुज़रे तो कितनी ख़ूबसूरत होती है!!" #Shayari #shayristatus #whatsappstatus #Quote life
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज, मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती। नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं, वो अब मेरे साथ नहीं चलती। स्टेटस से बयाँ करती है अपना दर्द, वो मुझसे अब प्यार नहीं करती। जो कहती थी, "सात खून माफ़ तेरे", गलती पर अब आँखें चार नहीं करती। कसती है अपने शब्दों से मुझपे तंज, सीधे-सीधे अब मुझसे कुछ नहीं कहती। बयाँ करती है मुझसे अपने रंज सभी, वो आँखों से कत्ल-ए-आम नहीं करती। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Thinking वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज, मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती। नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं, वो अब मेरे साथ नहीं चलती। स्टेट
#Thinking वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज, मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती। नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं, वो अब मेरे साथ नहीं चलती। स्टेट
read moreBharat Bhushan pathak
बीत रहा फिर वर्ष सुनहरा,नूतन आने वाला। इसने हमको यही बताया,जीवन अच्छी शाला।। पढ़ा यहाँ पे जो भी इसमें,अनुभव उसने पाया। प्रथम सदा वह ही होता है,जो कभी न भरमाया।। आना-जाना वर्षों का तो,सुनें खेल ये बहुत पुराना। जो हम सीखे और सिखाए,इसको बस अपनाना।। ©Bharat Bhushan pathak सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त । 16 मात्रिक पद ठ
सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त । 16 मात्रिक पद ठ
read moreRakesh frnds4ever
White हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ... ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ... आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३ चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २ ढल जायेगा ढल जायेगा - २ तू यहाँ मुसाफ़िर है ये सराये फ़ानी है चार रोज की मेहमां तेरी ज़िन्दगानी है ज़र ज़मीं ज़र ज़ेवर कुछ ना साथ जायेगा खाली हाथ आया है खाली हाथ जायेगा जानकर भी अन्जाना बन रहा है दीवाने अपनी उम्र ए फ़ानी पर तन रहा है दीवाने किस कदर तू खोया है इस जहान के मेले मे तु खुदा को भूला है फंसके इस झमेले मे आज तक ये देखा है पानेवाले खोता है ज़िन्दगी को जो समझा ज़िन्दगी पे रोता है मिटनेवाली दुनिया का ऐतबार करता है क्या समझ के तू आखिर इसे प्यार करता है अपनी अपनी फ़िक्रों में जो भी है वो उलझा है - २ ज़िन्दगी हक़ीकत में क्या है कौन समझा है - २ आज समझले ... आज समझले कल ये मौका हाथ न तेरे आयेगा ओ गफ़लत की नींद में सोनेवाले धोखा खायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २ ढल जायेगा ढल जायेगा - २ ,,,,,,, 1 ,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ... ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ... आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३ #चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता
हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ... ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ... आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३ #चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता
read moreAshraf Fani
कोई नाराज़ हो तो हो जाये मुझे बस तुमसे प्यार हो जाये राह में -भीड़ में -चौराहे पर तुमसे नज़रें ये चार हो जाये ©Ashraf Fani कोई नाराज़ हो तो हो जाये मुझे बस तुमसे प्यार हो जाये राह में-भीड़ में -चौराहे पर तुमसे नज़रें ये चार हो जाये #ashraffani हिंदी शायरी लव शायर
कोई नाराज़ हो तो हो जाये मुझे बस तुमसे प्यार हो जाये राह में-भीड़ में -चौराहे पर तुमसे नज़रें ये चार हो जाये #ashraffani हिंदी शायरी लव शायर
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