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N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} 🎆 पूजा का किसी भी धार्मिक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। कोई भी व्यक्ति अपने किसी ईष्ट को, अपने किसी देवता को, किसी गुरु को मानता है, तो वह उनकी कृपा भी चाहता है। वह चाहता है कि उसके ईष्ट, देवता हमेशा उसके साथ रहें, गुरु का उसे मार्गदर्शन मिलता रहे। इसी कृपा प्राप्ति के लिए जो भी साधन या कर्मकांड अथवा क्रियांए की जाती हैं, उन्हें पूजा विधि कहते हैं। धर्मक्षेत्र के अलावा कर्मक्षेत्र में भी पूजा का बहुत महत्व है इसलिये काम को भी लोग पूजा मानते हैं। 🎆 जिस प्रकार हर काम के करने की एक विधि होती है, एक तरीका होता है, उसी प्रकार पूजा की भी विधियां होती हैं, क्योंकि पूजा का क्षेत्र भी धर्म के क्षेत्र जितना ही व्यापक है। हर धर्म, हर क्षेत्र की संस्कृति के अनुसार ही वहां की पूजा विधियां भी होती हैं। मसलन मुस्लिम नमाज अदा करते हैं, तो हिंदू भजन कीर्तन, मंत्रोच्चारण हवन आदि, सिख गुरु ग्रंथ साहब के सामने माथा टेकते हैं, तो ईसाई प्रार्थनाएं करते हैं। इस तरह हर देवी-देवता, तीज-त्यौहार आदि को मनाने के लिए, अपने ईष्ट - देवता को मनाने की, खुश करने की अलग-अलग पद्धतियां हैं, इन्हें ही पूजा-पद्धतियां कहा जाता है। 🎆 जिस प्रकार गलत तरीके से किया गया कोई भी कार्य फलदायी नहीं होता, उसी प्रकार गलत विधि से की गई पूजा भी निष्फल होती है। जिस प्रकार वैज्ञानिक प्रयोगों में रसायनों का उचित मात्रा अथवा उचित मेल न किया जाये, तो वह दुर्घटना का कारण भी बन जाते हैं, उसी प्रकार गलत मंत्रोच्चारण अथवा गलत पूजा-पद्धति के प्रयोग से विपरीत प्रभाव भी पड़ते हैं, विशेषकर तंत्र विद्या में तो गलती की माफी नहीं ही मिलती। ये कर्म काण्ड है, और भगवान श्री कृष्ण की मन से की गई भक्ति सर्वोत्तम और सर्वोपरि तथा सर्वसश्रेष्ठ हैं।। ©N S Yadav GoldMine #bachpan {Bolo Ji Radhey Radhey} 🎆 पूजा का किसी भी धार्मिक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। कोई भी व्यक्ति अपने किसी ईष्ट को, अप
Ƈђɇҭnᴀ Ðuвєɏ
Ravendra
Ravendra
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल सच को मिलती हैं गालियाँ देखो । झूठ पे बजती तालियाँ देखो ।।१ पेट कितना भरा हमारा है । तुम भी आकर ये थालियाँ देखो ।।२ काट कर पेट बेटियाँ पाली । क्या बचा आज झोलियाँ देखो ।।३ नाम ऊँचा जरूर होगा कल । पढ़ रही आज बेटियाँ देखो ।।४ किसका मक़सद हुआ यहाँ पूरा । हर बशर में हैं सिसकियाँ देखो ।।५ वो नहीं फिर मिले कभी हमसे । बन्द जबसे ये खिड़कियाँ देखो ।।६ आह दिल से अगर मिरे निकली । टूट जायेगी फिर बेडियाँ देखो ।।७ पीठ पे मार कर चले ख़ज़ंर । मीठी जिनकी थी बोलियाँ देखो ।।८ रूह तक हो गई प्रखर घायल । भीगती आप आँखियाँ देखो ।।९ २२/१२/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल सच को मिलती हैं गालियाँ देखो । झूठ पे बजती तालियाँ देखो ।।१
नाग
लोग तो आस्तीन की बात करते हैं हमने तो दिल में नागिन पाली है ©नाग लोग तो आस्तीन की बात करते हैं हमने तो दिल में नागिन पाली है
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
#मै तो हर नारी में समाई हूं। फिर घर की नारी को अबला समझा। कहीं मै #दुर्गा तो कहीं काली हूं। फिर नारी को सबला न समझा। #नवरात्रि में मै कन्या रूप में पुजी जाऊं। गली नुक्कड़ ढूंढने निकले। फिर ओर दिन क्यों मुझ पर #कुदृष्टि होती है। जरा दया दृष्टि क्यों न दिखाते हैं। क्या नवरात्री के अलावा#कन्या देवी नहीं होती। और बाला मै घर की बेटी न समझा। बुरी दृष्टि डालने वाले भीं कंजक ढूंढे नोरातो में। उनके पैर पूजना पुण्य समझा। घर में भूखी पड़ी है बूढ़ी माई, और मुझे छप्पन भोग लगाते। क्या मुझे अनाड़ी समझा। मां मां कहकर पुकारने वाले घर में मां मे #मै नज़र न आई जब जब मीठा भजन कीर्तन करके मुझे सुनाते हैं। घर में मां बहन बेटी पत्नी से कड़वा घुट पिलाए, उनका कभी मन न समझा। मै तो भाव की भूखी हूं संतान #सुखी हों बस इस कारण हर दुकान पर दिखती हूं। कोई भूखा न रहे, प्यार सम्मान और त्याग करना सिखाया है। हर मानव को मानव को स्नेह से रहना सिखाया है। हर किसी मदद करना सिखाया। मर्यादा का पाठ सिखाया, क्या मुझे खुद मर्यादा में नहीं रहते देखा। हर हाल मे मुझे बांधा है, पर कभी गहनों से तो कभी शस्त्रों से पर बंधी हुई तो भक्तो के प्रेम से। मां का प्यार इतना हैं, उस संतान के लिए लड़ी, पर दुष्टों के लिए पहले शास्त्र है, और बाद में शस्त्र हैं। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #कैप्शन में पढ़े मै तो हर नारी में समाई हूं मै ही दुर्गा मै ही काली माई हूं #dhoop #soch #मै तो हर नारी में समाई हूं। फिर घर की नारी को अब
Rakesh frnds4ever
जूठे फरेबी लोगों ने फितरत ऐसी पाली है कि , हैरान हों ,परेशान हों मुझको अपना कहने वाले मुझसे तुम बिलकुल अनजान हो हूं रूबरू ओर वाकिफ भी तुझसे तुम ना सोचो कि मैं भ्रम में हूं कि तुम नादां हो मंजिल का कोई पता नहीं मिले या ना मिले पर सफर ही तो है जिसमे किसी को आराम हो ©Rakesh frnds4ever #adventure #जूठे #फरेबी #लोगों ने फितरत ऐसी पाली है कि , #हैरान हों ,परेशान हों मुझको अपना कहने वाले मुझसे तुम बिलकुल अनजान हो हूं #रूब