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m.rajasthani
Er Karan Soni
है आँसूओ मे डुबी मेरे प्यार की कहानी है, अंदर से बुढापा बहार से है जवानी, नजरो से तेरी नजरे कैसे मीलाऐ जानी, तेरी दाई आंख कानी मेरी बाई आंख कानी... 😂 #NojotoQuote है आँसूओ मे डुबी मेरे प्यार की कहानी है, .. #HKS #Nojotoapp #love Satyaprem Shailja S Savita Veer Navneet Sarada Badrinath Kumar
Pawan Didwaniyaa
डुबी है दुनिया आधी सी वो राह है बर्बादी की रहमत कर मुझ पर मेरे खुदा मुझे मोहब्बत इश्क से बचाने की डुबी है दुनिया आधी सी वो राह है बर्बादी की रहमत कर मुझ पर मेरे खुदा मुझे मोहब्बत इश्क से बचाने की #yqbaba #yqdidi #didwaniyaa #openforc
Sanjay Kachhap
हमे तो आपनो ने लुटा 💪💪💪💪💪गैरा में कहा दम था 💪💪💪💪 मेरी कसती डुबी वाहा जहा पानी कम था👈👈👈
Deepak Katkani
Rabindra Kumar Ram
" उन्हें कुछ भले ही याद ना होगा, उनकी यादें मुझे किस तरह बर्बाद कर रही है, कभी शौंक था जुनून था तेरी चाहतों का, आज याद डुबी में तेरी रुबाई किस तरह बर्बाद कर रही हैं, कभी नशा था तेरे प्यार का, आज फिर वही यादें और रुसवाई तबाह कर रही हैं. " --- रबिन्द्र राम " उन्हें कुछ भले ही याद ना होगा, उनकी यादें मुझे किस तरह बर्बाद कर रही है, कभी शौंक था जुनून था तेरी चाहतों का, आज याद डुबी में तेरी रुबा
Rabindra Kumar Ram
" उन्हें कुछ भले ही याद ना होगा, उनकी यादें मुझे किस तरह बर्बाद कर रही है, कभी शौंक था जुनून था तेरी चाहतों का, आज याद डुबी में तेरी रुबाई किस तरह बर्बाद कर रही हैं, कभी नशा था तेरे प्यार का, आज फिर वही यादें और रुसवाई तबाह कर रही हैं. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " उन्हें कुछ भले ही याद ना होगा, उनकी यादें मुझे किस तरह बर्बाद कर रही है, कभी शौंक था जुनून था तेरी चाहतों का, आज याद डुबी में तेरी रुबा
Vandana
तेरे शहर की शाम कितनी खूबसूरत होगी,, जब नीला आसमान गुलाबी हो जाता होगा,,,और डूबते हुए सूरज की किरनें तेरे चेहरे को छु कर जाती होगी,,,तु कहीं मुंडेर में बैठी ख्यालों में डुबी रहती होगी,,,और हवा के झोंके से एहसास तुझे मेरा हो जाता होगा,,,, तेरे शहर की शाम कितनी खूबसूरत होगी,, जब नीला आसमान गुलाबी हो जाता होगा,,,और डूबते हुए सूरज की किरनें तेरे चेहरे को छु कर जाती होगी,,,तु कहीं
बे-फ़सील
चलो मैँ काबिल नही हुँ उसके फिर भी साजिश है जर्रे की क्युँ हर शाम खता कि बारिश मे डुबी जिन्दगी कट रही यादोँ के सहारे क्युँ,, हर बार जिन हाथोँ से सजदा किया पर आज हाथ नही मेरे क्युँ,, हर दफा कदमोँ मे रखा था जहान हर दफा ठुकरा के चल दिये क्युँ,, कातिलोँ पर कर भरोसा कातिल हो गये गैरोँ को छोङ अपनो के साथ आते हो क्युँ......! चलो मैँ काबिल नही हुँ उसके फिर भी साजिश है जर्रे की क्युँ हर शाम खता कि बारिश मे डुबी जिन्दगी कट रही यादोँ के सहारे क्युँ,, हर बार जिन