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Poonam Suyal
पढ़ सको तो पढ़ लो (अनुशीर्षक में पढ़ें) ©Poonam Suyal पढ़ सको तो पढ़ लो, जो मेरी ये निगाहें कहना चाहती हैं तुमसे एक असीम सुख का एहसास होता है मुझे, जब भी तुम्हारे नैन मिलते हैं मुझसे तुम्हे द
Dev Sharma
🇮🇳always_smile11_15
Poonam Suyal
तुमसे मिलकर ज़िंदगी में देखा बहुत कुछ हमने दिल चकनाचूर होता रहा हर दिन फ़िर भी खामोश रहे हम आँसुओं को पीते रहे निस दिन जो भी हुआ उसे मान लिया था हमने किस्मत अपनी सारी उम्मीदें छोड़कर जीते रहे हम ज़िंदगी अपनी (अनुशीर्षक में पढ़ें) ©Poonam Suyal तुमसे मिलकर ज़िंदगी में देखा बहुत कुछ हमने दिल चकनाचूर होता रहा हर दिन फ़िर भी खामोश रहे हम आँसुओं को पीते रहे निस दिन जो भी हुआ उसे
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
Mrs Smita Sandeep Raghuvanshi
(लघु कथा) "एक अलग सोच" (ख्याल_ए_स्मिता) " ©Mrs Smita Sandeep Raghuvanshi #LateNight लघु कथा विषय: "अच्छी नियत का अच्छा परिणाम" गांव में रमेश और उसकी पत्नी शारदा रहते थे उनके बेटा और बहू पास के ही एक शहर में रहते
Sangeeta Patidar
यकायक ही उनका जहाँ होते-होते, मैं और मेरा दिल ग़ैर हो गए, ऐसी भी क्या नाराज़गी,कि यकायक ही वो हमारे बग़ैर हो गए। यकायक - अचानक #sangeetapatidar #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #life #यकायक #yqdidi
Sachin Ratnaparkhe
ग़ज़ल मुझमें अजीब सी बैचेनी घर कर गई, खामखां इधर की बाते उधर कर गई। ये जमाना है ही आदतन तमाशबीन, आज कहानी पार हर शहर कर गई। बस सुना ही था दीवारों के कान भी है, ये कहावत यकायक कहर कर गई। मज़ा-ए-जाम-ए-इश्क़ की भी सीमा है, उससे ज्यादा असर-ए-जहर कर गई। अर्ज़-ए-कश्मकश है कि अब क्या करे? ये मुहब्बत मुश्किल हर पहर कर गई। जीना भी नहीं ओ मर भी सकते नहीं, ये ज़िन्दगी मुझे मजबूर मगर कर गई। राही भी तन्हा है खड़ा उस दो राह पर, जहां से बेशुमार हस्तियां गुजर कर गई। #बैचेनी #आदतन #तमाशबीन #यकायक #मज़ा_ए_जाम_ए_इश्क़ #असर_ए_जहर #अर्ज़_ए_कश्मकश
Aafia khan
यका-यक उल्फ़त ने हिज्र से एक सवाल कर रखा है, उसने मेरा तोहफ़ा आज भी क्यों संभाल कर रखा है। यका-यक=Suddenly उल्फ़त=Love हिज्र=separation from beloved. #हिज्र #yqdidi #urdupoetry #hindishayari #newwritersclub
P Rai Rathi
मौत यकायक हो जाए तो अच्छा है मुस्कुराता हुआ कोई जाए तो अच्छा है। कतरा अश्क ने ही सागर भर डाला दुखों से हिलमिल जाए तो अच्छा है। जिंदा लोगों मे वरना कितने जिंदा है बेहोशों को होश आजाए तोअच्छा है। दूर से दुआओं का असर नहीं होता वो आकर मिल जाए तो अच्छा है। कंधा देने वाले माना अपने ही होते है मरनेवाला भरम ले जाए तो अच्छा है। दुनिया अपने स्वार्थ में इतनी डूबी है थोड़ा सा निकल आए तो अच्छा है। हार सजा कर, खूब तस्वीरोंको टांगा झूठ की दीवारें गिर जाए तो अच्छा है। थाम कर उंगली जिन्हें चलना सिखाया अब बेटे घर भी आ जाए तो अच्छा है। जिसने जाग कर कभी हमें सुलाया उन्हें सुकूँ नींद आजाए तो अच्छा है। वो कौन घड़ी ये इंतजार खत्म होगा कुछ हँसी पल मिल जाए तो अच्छा है कितना भी करलें रत्ती भर दे न सके ये अहसान उतर जाए तो अच्छा है। ©#p_rai_poetry #TerribleMemory मौत यकायक हो जाये तो अच्छा है