Find the Latest Status about मन्दाकिनी रिवर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मन्दाकिनी रिवर.
Ruchi Baria
महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः। सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै: केदारमीशं शिवमेकमीडे ॥ ©Ruchi Baria महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः। सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै: केदारमीशं शिवमेकमीडे ॥ जो भगवान् शंकर पर्वतराज हिमा
Ruchi Baria
महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः। सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै: केदारमीशं शिवमेकमीडे ॥ ©Ruchi Baria महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः। सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै: केदारमीशं शिवमेकमीडे ॥ जो भगवान् शंकर पर्वतराज हिमाल
Babita Kumari
एक ख़्वाब देखा है मैंने,की कुछ पल बिताए हम तुम्हारे साथ एक नदी के किनारे गुजारे, हाथों में तुम्हारा हाथ हो,और बतियाते रहें हम तुम्हारे कांधे के सहारे हमारे चेहरे पर जो आए हमारी जुल्फें, तुम बड़े ही प्यार से उन्हें अपने हाथों से हटाए तुम मेरी जिंदगी हो,और तुम्हारे बिना मेरा वजूद नहीं कहो तुम प्यार से,और हम पलके झुकाए मुस्कुराए माथा चूम तू मेरा, मुझे सीने से लगाए आंखों ही आंखों में तू करे मुझ से हजारों बात सांझा करे अपने जज़्बात तेरे दिल की धड़कन, महसूस करू में तेरी बांहों में आंखे बन्द कर अपनी , महसूस करू तेरे प्यार को घुल जाऊं तेरी सांसों में ओर यूं ही नींद आ जाए मुझे तेरी बाहों में महफूज़ महसूस करते है खुद को तेरी बाहों में तू मेरा सिर्फ मेरा मेरी आबरू का रक्षक खुले जो आँख मेरी , कह जाए तुझ से ओर रोते रोते तुझे हम सीने से लगाए ©Babita Kumari #woaurmain #रिवर #, love pramodini mohapatra neha gaTTubaba KhaultiSyahi ANSARI ANSARI pramod malakar Raj Yaduvanshi –Varsha Shukla ad sa
Shree
शीर्षक/Caption: ले चलो मुझे... बस और मन में नहीं दब सकती...! मुझे चाहिए... अब वो गोदावरी का तट, और साबरमती रिवर फ्रंट, सागर की वो अधसोई लहरें और उन लहरों का शोर, दे दो मुझ
Vandana
"जिस इंसान को बहुत दर्द और असहनीय पीड़ा मिल चुकी है वह इंसान कभी किसी को दर्द नहीं दे सकता और उस इंसान के लिए पैसा और शोहरत कोई मायने नहीं रखती,,, जो इंसान संवेदनशील हो जाता है क्योंकि वह हर दर्द और पीड़ा से गुजर जाता है शायद दुख भी जरूरी है इंसान के लिए,,, इस स्टोरी को पढ़कर आपको शायद
विष्णुप्रिया
गृहस्थ और वैराग्य के मध्य उलझे कुछ विचार, कुछ भाव, कुछ मान्यताएं, और, उनका उत्तर खोजती मैं... इसी उधेड़बुन में यह कहनी रच गई... ' हिमाद्रि ' कैप्शन में पढ़े... हिमालय....यह....नाम सुनते ही तीव्र अद्यात्मिक ऊर्जा का संचार सा होने लगता है मेरे भीतर । फिर भी आज तक हिमालय दर्शन का सौभाग्य, प्राप्त ना हो
विष्णुप्रिया
यूँ ही नही होता किसी नृत्य का सृजन जब अंतस की गहराई में संवेदनाएँ विस्तृत हो उद्वेलित करने लगती है दैहिक और आत्मिक आयामों को... तब मन्दाकिनी सी, कोई धारा महामौन को धारण कर स्फूरित होने लगती है आदियोगी की जटाओं से... और झरने लगता है मौन नृत्य रूप में सहसा ही... जैसे मृदु स्पर्श पा झाड़ देते है वृक्ष, रात्रि भर से सिंचित संपूर्ण ओस प्रेम रूप में.... यूँ ही नही होता किसी नृत्य का सृजन जब अंतस की गहराई में संवेदनाएँ विस्तृत हो उद्वेलित करने लगती है दैहिक और आत्मिक आयामों को...
Divyanshu Pathak
कहते हैं लोग मोहब्बत में, ये दिल दिल से जुड़ जाता है ! ये तो ऐसा "पंछी" है जो, पिंजरा लेके उड़ जाता है !! :💕👨आओ आपको मोहब्बत की मन्दाकिनी में डुबकी लगवाऊं..🍫💕🐒 : यारो इस झूठी दुनियां में जब कोई सच्ची बात कहे जब भोर भये पंछी जागे और शिव मंदिर में
Divyanshu Pathak
आपको मेरी ओर से जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई हो । ☕🍸😂😋💕💕 Dedicating a #testimonial to komal sharma जी.... : सुनो.... तुम चाँद की रोशनी सी सीतल भावनाओं की उत्कल मन्दाकिनी हो ! गुलाब की 'कोमल' पंखुड़ी