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Satish Giri
श्रम,,,,, जागो उठो लगो काम पर,,तब आगे बढ पाओंगे,,,,तब क्या पाओंगे जीवन मे,, जो सोते रह जाओंगे,,,,,,समय यही है,, समय वही है ना बदला कुछ आयाम से,,,, कर ले श्रम का काम रे बंदे,,, दिन कट जाये आराम से,,,,, ना करनी पडे गुलामी,,ना भीक किसीसे मांगे हम,, सब मीलकर कुछ करेंगे ऐसा,, श्रम मशाल जलाए हम,,,,श्रम से सारे बन जाऐंगे,,, बीगडे हुए काम रे,,,, रे मन कैसे समझाउ,,, तेरा कर्म है कितना महान रे,,,,,, ,, श्रम
HP
बहुत दिनों तक इस हाथो ने तुझे फूल दिया है चल इश्क के समन्दर में डूब कर पानी की गहराई मापते हैं चुप हो जाओ श्रम आ रही है मुझे...! श्रम
Kavita jayesh Panot
श्रम जाग जा ए मानव अपनी शक्ति को पहचान, आलस्य और बुराइयों को त्याग, कर तु अपने जीवन का नवनिर्माण। श्रम कर तु मानव, अपनी शक्ति को पहचान, श्रम से ही संभव है दुनिया के सारे काम। श्रम ही है तेरी हर समस्या का समाधान, श्रम से ही मिलती मंजिल, श्रम से ही शांति, श्रम के बिना दुनिया मे , तिनका भी पाना मुश्किल। श्रम नही करेगा तो बोझ दिल का बढ़ जायेगा, कामनाएं बढ़ जाएगा , तु दीन दुःखी हो जाएगा, श्रम के बिना जीवन मे तु, कुछ नही पायेगा। श्रम से ही किसानों ने अन्न उपजाया, श्रम से ही राम ने सीता को पाया। श्रम से ही पाई हमने आजादी, श्रम से ही काबिल जिंदगी। श्रम से ही मिलती जीवन की हर खुशी। श्रम ही हमारा भगवान है, श्रम के बिना ना सम्भव कोई काम है, श्रम से ही जीवन का निर्माण है। श्रम कर तु मानव अपनी शक्ति को पहचान, आलस्य और बुराईयों को त्याग, कर तु अपने जीवन का नवनिर्माण।। #श्रम
Deepanjali Patel (DAMS)
कि ये पसीने की बूँदें मेरी थकान या टूटे, हारे हुए मेरे मनोबल को नहीं बता रही है। बल्कि, ये मेरे जज्बे और परिश्रम को साबित करने, इन मोती रूप में माथे पर निखर आई है।। ©dpDAMS #श्रम
vineet Upadhyay
खाना तलाशते कचरे में, नंगे पैर ही चलते हैं। मैं उस देश का वासी हूं, जहां बच्चे मजदूरी करते हैं।। बाल श्रम
Rajesh vyas kavi
श्रम के पसीने से _ क्या नहीं बनाया मैने। पूछता हूं आप सभी से क्या सही पाया मैने।। कुछ मिला न मिला _ छोड़ा नहीं श्रम कभी_ मैं परिश्रमी परिश्रम ही कमाया मैने।। © Rajesh vyas kavi श्रम दिवस _ #श्रम #परिश्रम #मेहनत #मजदूर #मजदूरी #कर्म
arvind bhanwra
मकड़ी बुने ताना जार -जार से, सुन्दर गेह निर्माण करे। भंवरा विचरण करे यंहा-वंहा, फिर कलियो का रसपान करे। पक्षी चुगकर दाना -दाना, कुटुम्ब का निर्वाह करे। जुड़े रेशम का तार-तार, सुवस्त्र का निर्माण हो। सटे पत्थरो से पत्थर, चट्टानो का निर्माण हो। माटी कण जुड़ कर आपस मे, ईन्ट का निर्माण करे। सभी सुरो का हो सन्गम, सरगम का उदगम बने। कठिन कार्य हो जाए सरल, गर श्रम का इस्तेमाल करे। सपनो को आकार दो, आकार ही साकार बने। arvind bhanwra श्रम से निर्माण ।