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Rajendra Prasad Pandey Kavi
sandeep sharma
Manjeet Sharma 'Meera'
Dr. Bhagwan Sahay Meena
विधा - लघुकथा शीर्षक - श्रम साधना चिमनी की टिमटिमाती रोशनी में रामू चटनी के साथ बाजरे की रोटी का कोर मुंह में चबाते हुए पत्नी से शिकायत भरे लहजे में कहा 'यह लगातार तीसरा महिना है, जिसमें हमारी बनाई ईंटों में ठेकेदार ने कमी निकालकर पैसे काट लिए' गौरी मेरे समझ में नहीं आता, हमारे बाद आकर भट्टे पर लगी भंवरी की ईंटें हमारी बनाई ईंटों से अच्छी कैसे हो सकती है। गौरी चूल्हे पर रोटी सेंकतीं हुई अपने पति की बातें बड़े इत्मीनान से सुन रही थी। वो फिर खीझ और झुंझलाहट से बोला, तुझे रोज कहता हूं घारा (गीली मिट्टी) अच्छी तरह मिलाया कर लेकिन तू मेरी सुनतीं कहां है, अब देख सारा पैसा कट गया, बैंक की किस्त फिर बाकी रहेगी, बैंक का ब्याज दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। रामू फिर बोला 'ठेकेदार भंवरी की ईंटों का पूरा भुगतान किया है, वो कह रहा था 'भंवरी गारा अच्छी तरह मिलाती है इसलिए उसकी ईंटें बहुत अच्छी बनती है। और एक तू है जो ऐसा गारा मिलाती है।' बहुत देर से पति का उलाहना सुन रही गौरी आखिर में कांपती सी आवाज़ में बोल उठी...."ईंटें तो मेरी भी अच्छी हो जायेगी, मेरे द्वारा बनाया जा रहा गारा भी मुलायम रहेगा मगर... गौरी आगे नहीं बोल पाई, उसने कांपते होंठ दांतों से दबा लिए। रामू कुछ गुस्से में बोला... मगर क्या, बोल मगर क्या.... गौरी - "मगर पिछले तीन महीने से ठेकेदार की कोठरी से जो बुलावा आ रहा, जिस पर भंवरी जाती है, मुझे भी जाना पड़ेगा।" इतना कहकर गौरी फूट-फूटकर रोने लग गई। यह सुनते मानों रामू पर वज्रपात हो गया हो, वो भावशून्य हो कर गौरी के दोनों हाथ पकड़ लिया और बोला - "नहीं गौरी, नहीं। मुझे माफ़ कर दें। हम अन्य स्थान पर चलकर श्रम साधना कर लेंगे लेकिन अब यहां काम नहीं करेंगे। मैं सुबह ही इस दलदल से तुझे बाहर ले चलूंगा। मैं तेरे काम में कमी निकालता रहा, मुझे माफ़ कर दें गौरी! मुझे माफ़ कर दें। डॉ. भगवान सहाय मीना बाड़ा पदमपुरा जयपुर राजस्थान। ©Dr. Bhagwan Sahay Rajasthani #onenight लघुकथा - श्रम साधना
Anil Ray
प्रेम सुषुप्त नही चेतन प्रक्रिया है प्रेमपथ के राही प्रेम को परिस्थितिवश भी, अचेतन में मत लाये। कभी रोशन रहा जहां उस घर-आंगन के चाँद से रब महर करे चमचमाती "वों रात" फिर से आये। ©Anil Ray 💕💕💞 प्रिय के लिए प्रेमी मरे 💞💕💕 वासनायुक्त नज़र ठहर जाती है बस! जिस्मों पर प्रेमस्वरूप में यह पूर्णतः अदृश्य कामवासना है। अनमेल मेल मन का
Ragini Singh
PФФJД ЦDΞSHI
छोटे हो तो क्या हुआ हिम्मत रखो हर काम आसान हो जाएगा भारी पत्थर भी हल्का नज़र आएगा जुनूने मेहनत से सब काम आसान हो जाएगा ©Puja Udeshi #मेहनत #श्रम #POOJAUDESHI Urvashi Kapoor Anshu writer Bhardwaj Only Budana Raj Guru ram singh yadav R K Mishra " सूर्य " Poonam Suyal RAVI
Teena Verma (Meera)