Nojoto: Largest Storytelling Platform

New इंटीग्रेटेड शाला दर्पण Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about इंटीग्रेटेड शाला दर्पण from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, इंटीग्रेटेड शाला दर्पण.

    PopularLatestVideo

Kumari Nirupma

#साहित्य संगम संस्थान #गीत शाला

read more
mute video

Mamta Kumari

दर्पण

read more
दर्पण में जब निहारा ख़ुद को.. 
तो,..ख़ुद के अक्स को देख ऐसा लगा ...
जैसे कि,.. पूरे हैं हम!














जब टूटा दर्पण तो,
हर टुकड़े में था अक्स हमारा,
पर...
हर एक में थे .... अधूरे हम..!!!
....... मून🌛

©Mamta Kumari दर्पण

SHANU KI सरगम

दर्पण #शायरी

read more
🌹🌹

प्रेम समर्पण


मेरे सजना तुझपे मेरा 
       तन मन भी ये अर्पण है,
 दिया तुझे उपहार आज जो
     मेरा प्रेम समर्पण है,
प्यार झलकता रूप छलकता
     और निखरता यौवन भी,
दुनियां कहती नैना जिनको
      वो तो मेरा दर्पण है।

©SHANU  KI सरगम दर्पण

Anmol Chauhan

ए दर्पण खुद पे इतना गुरूर ना कर,
उसे अपनी खूबसूरती दिखाने के लिए तू नहीं मेरी आंखे ही काफ़ी हैं ।। #दर्पण

Parasram Arora

#दर्पण......

read more
अब तक  नहीं मिला 
मुझे 
वो स्फटिक   निर्मल   स्वच्छ  सा 
दर्पण
जो मेरे चेहरे  क़े  पीछे  छिपे  मुखोटों  का 
पर्दाफाश  कर  सकता हो 
जो मेरे  आचरण  मे  छिपे   अपराध  क़े साथ  साथ 
मेरी  करुणा को भी स्पष्ट  
दिखा सकता हो #दर्पण......

Raju Rahi

दर्पण...... #DearZindagi

read more
#DearZindagi हमारा सबसे अच्छा दोस्त दर्पण
होता हैं..
                       क्योंकि
जब हम रोते हैं तो वह कभी नहीं
रोता हैं!!!

..राजू राही.. दर्पण......

सुरेश चौधरी

दर्पण

read more
दर्पण के चटखने से 
अक्स बिखर जाते हैं 
पर 
जब 
जिंदगी चटखती है 
तब 
अस्तित्व ही 
बिखर जाता है | दर्पण

Mohit Bajpai

दर्पण #Mirror

read more
मैं हंसू
तो तू भी हंसे
मैं रोऊं
तो तू भी रोये
मैं गाउं
तो तू भी गाये
मैं नाचूँ
तो तू भी नाचे
ऐ दर्पण
कितना सच्चा 
साथी है तू
काश!
तेरी तरह सच्चे
इंसान भी होते।
✍️✍️मोहित बाजपेई
22/०५/२०२१

©Mohit Bajpai दर्पण

#Mirror

Agastya namdev ,,darpan,

शायर दर्पण #शायरी

read more
mute video

Parasram Arora

#जीवन दर्पण......

read more
जीवन  दर्पण की छाया  है 
ये  झूठ है या फिर सच. ये तो पता नहीं 
लेकिन ये तो सर्वसिद्ध  है क़ि 
इस जीवन ने  तुष्टि. को कहाँ पाया  है 

ताउम्र ये डोलता रहता है  राग और विराग 
क़े झूले मे कभी इधर कभी उधर 
कभी  आरोह कभी  अवरोह  की रागो मे
फिर भी  कोई राग इसे कहाँ  भाया  है 

तन  कहे j  चला जाता है  'मै '  ही हूँ  पर ज्ञान  ने 
इसे क्षणभंगुरता 
का पाठ   पढ़ाया है l
शाश्वत  से  जुड़ने का  ज़ब भी  इसने प्रयास 
किया 
मोह  आसक्ति  ने   इसे  बंधक   बनाया   है

©Parasram Arora #जीवन दर्पण......
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile