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SONA DEVI
White कुर्बानी की वास्तविक परिभाषा! कुर्बानी गर्दन काटने से नहीं होती, समर्पण से होती है। प्रभु को हृदय से तन-मन-धन समर्पण कर दे यही कुर्बानी प्रभु को पसन्द है। हिंसा, हत्या प्रभु कभी पसंद नहीं करता। #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi ©SONA DEVI #eid_mubarak कुर्बानी की वास्तविक परिभाषा! कुर्बानी गर्दन काटने से नहीं होती, समर्पण से होती है। प्रभु को हृदय से तन-मन-धन समर्पण कर दे यही
#eid_mubarak कुर्बानी की वास्तविक परिभाषा! कुर्बानी गर्दन काटने से नहीं होती, समर्पण से होती है। प्रभु को हृदय से तन-मन-धन समर्पण कर दे यही #भक्ति #SaintRampalJi #AlKabir_Islamic
read moreARTI DEVI(Modern Mira Bai)
White कुर्बानी की वास्तविक परिभाषा! कुर्बानी गर्दन काटने से नहीं होती, समर्पण से होती है। प्रभु को हृदय से तन-मन-धन समर्पण कर दे यही कुर्बानी प्रभु को पसन्द है। हिंसा, हत्या प्रभु कभी पसंद नहीं करता। #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi ©ARTI DEVI(Modern Mira Bai) #rajdhani_night #लव #शायरी #कविता #viral #Love कुर्बानी की वास्तविक परिभाषा! कुर्बानी गर्दन काटने से नहीं होती, समर्पण से होती है। प्रभु को
#rajdhani_night #लव #शायरी #कविता #viral Love कुर्बानी की वास्तविक परिभाषा! कुर्बानी गर्दन काटने से नहीं होती, समर्पण से होती है। प्रभु को #भक्ति #SaintRampalJi #AlKabir_Islamic
read moreN S Yadav GoldMine
White ॥ इति श्रीमद् भागवते महापुराणे पारमहंस्यां संहितायां अष्टमस्कन्धे गजेंन्द्रमोक्षणे तृतीयोऽध्यायः ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} गजेंद्र ने कहा :- जो जगत के मूल कारण हैं, और सबके हृदय में पुरुष के रूप मैं विराजमान हैं, एवं समस्त जगत के एकमात्र स्वामी हैं। जिनके कारण इस संसार में चेतना का विस्तार होता है, उन भगवन को मैं नमस्कार करता हूँ, प्रेम से में उनका ध्यान करता हूँ। यह संसार उन्हीं में स्थित है, उन्हीं की सत्ता से प्रतीत हो रहा है, वे ही इसमें व्याप्त हो रहे हैं , और स्वयं वे ही इस रूप में प्रकट हो रहे हैं। यह सब होने पर भी वे संसार और इसके कारण -प्रकृति से सर्वथा परे हैं। उन स्वयंप्रकाश, स्वयंसिद्ध सत्तात्मक भगवान की मैं शरण ग्रहण करता हूँ। ©N S Yadav GoldMine #good_night_images ॥ इति श्रीमद् भागवते महापुराणे पारमहंस्यां संहितायां अष्टमस्कन्धे गजेंन्द्रमोक्षणे तृतीयोऽध्यायः ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey
#good_night_images ॥ इति श्रीमद् भागवते महापुराणे पारमहंस्यां संहितायां अष्टमस्कन्धे गजेंन्द्रमोक्षणे तृतीयोऽध्यायः ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey #मोटिवेशनल
read moreNeetu Sharma
neetu sharma ©Neetu Sharma प्रेम की परिभाषा ❤️🥀Satyaprem Upadhyay Namit Manak desai SIDDHARTH.SHENDE.sid Arshad Siddiqui
प्रेम की परिभाषा ❤️🥀Satyaprem Upadhyay Namit Manak desai SIDDHARTH.SHENDE.sid Arshad Siddiqui #Poetry
read moreअदनासा-
विडिओ सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C6ZAZcPujdc/?igsh=MXZjZnhhajBtdjh5ZA== #हिंदी #धर्म #सनातन #साहित्य चेत #Instagram #Facebook #विचार #चेतना #साहित्यकार #अदनासा #श्रीपुरुषोत्तमअग्रवालजी
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
White चेतना के चाहरदीवारी में नव चेतना की खोज कर,चेतन मन में मैने भी चेतना का संचार किया।। चेतन पुरुष में अचेतन प्रकृति के मिलन से नित्य नव-नव चेतना का अनुराग मिला।। कैसे कहें चेतन और अचेतन के संयोग से मिले आनंद को;क्योंकि मुझ जैसे चेतन में तुझ जैसे का अचेतन अनुराग मिला।। जैसे चेतन मोती को अचेतन पराग मिला,वैसे अचेतन सागर को चेतन जीवों का संसार मिला।। चलो आज तुम भी मन मय नदी के एक छोर पर बैठ कर चिंतन करो,कैसे चेतन को अचेतन का इतना सारा प्यार मिला।। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र चेतना
चेतना #भक्ति
read moreYogi Sonu
White कहते है बैठो पर अपनी चेतना को नाभी केंद्र पर टांग कर बैठो #yogisonu ©Yogi Sonu #Friendship कहते है बैठो पर अपनी चेतना को नाभी केंद्र पर टांग कर बैठो #yogisonu
#Friendship कहते है बैठो पर अपनी चेतना को नाभी केंद्र पर टांग कर बैठो #yogisonu #विचार
read moreMahadev Son
White जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना है अर्थ - भौतिक समृद्धि, आय सुरक्षा, जीवन के साधन इन तीनों के लिये सभी निरंतर प्रयास करते... मोक्ष के लिये सोचते भी नहीं क्योंकि मुश्किल या मालूम ही नहीं.... मोक्ष - मुक्ति, आत्म-साक्षात्कार। जीवन की अंतिम परिणति है। मोक्ष आत्मा को भौतिक संसार के संघर्षों और पीड़ा से मुक्त करता है! आत्मा को जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से मुक्त करता है! ©Mahadev Son जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना ह
जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना ह #Bhakti
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