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gopal Bajag
Jai bhim 🇪🇺 b #महापुरुष #महापरिनिर्वाण_दिन #संविधान #भीमराव_अंबेडकर बाबा, शत-शत तुम्हें प्रणाम, भारत की पावन गाथा, में अमर तुम्हारा नाम। माता श्रीमती
Vijay Tyagi
न दर्द का तराना था..... न कोई फ़साना था...... .......... .......... .......... उसने घूर कर देखा तो मुझे चुपचाप सो जाना था 😴😴😴 आज बहुत रात हो गई आँखो आँखो में ही शेरनी से बात हो गई... दे रही है चेतावनी घर बना दूंगी छावनी... जल्दी से सो जा... वरना कल रखेगा रोजा
Ravendra
सांडो का आतंक, राहगीर परेशान ©Ravendra सड़क पर सांडो का आतंक बहराइच शहर के छावनी चौराहे पर सोमवार को दो सांड आपस में ही लड़ने लगे। इससे आवागमन करने वाले लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
Ravendra
Ravendra
Nisheeth pandey
अतीत की कटीली पहाड़ों से कर्म पथ का मार्ग फिर उतर आया -चुपचाप समेटे हुए केशरिया प्रकाश सा बचपन से मैंने देखा है पहाड़ों सा दुर्लभ यात्रा कभी चढ़ते कभी उतरते हुए कभी चट्टानों की ठोकर, कभी पेड़ों की छावनी, कभी झाड़ियों की उलझन, कभी रेत में धसना चलना , पर रुका नहीं थमा नहीं , गुजरता रहा , टकराकर शोर करता रहा अपना आवेग खोकर हानिरहित होता रहा , स्वच्छ जल सा होकर प्यासे के अंजुलि में खुद को भरकर पिलाया अमृत जैसा तब भी वो सोचा नहीं जल की शीतलता और महत्व उसकी आकांक्षाओं को पहाड़ों से गिरते जल धार को बस स्वार्थ सिद्धि के इमारतों को खड़े करते रहें मुझे वृक्षों के जंगल गुमराह करते रहें पर स्वम में दृढ़ता संकल्प खंडित हुआ नहीं मानव जीवन में विनाश नहीं सुख सम्पत्ति हेतु संघर्ष तत्पर रहें ..... _ #निशीथ (ˇˍˇ) ©Nisheeth pandey अतीत की कटीली पहाड़ों से कर्म पथ का मार्ग फिर उतर आया -चुपचाप समेटे हुए केशरिया प्रकाश सा बचपन से मैंने देखा है
Ravendra
Ravendra
पुलिस ने उतरवाए बैनर पोस्टर ©Ravendra आचार संहिता लगते ही हटाए गए बैनर और पोस्टर बहराइच नगर निकाय चुनाव के तारीख का एलान होते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। सोमवार को शहर में
Ravendra
Sudha Tripathi
कोई मुझसे पूछे मेरी जिंदगी कब जश्न मनाती है.. मैं जी जाती सौ-सौ बार उस पल को जब जब वो मुस्कुराती है...!! मेरी ही छाँव सी लगती है.. कभी मेरा भविष्य कभी मेरा बचपन बनकर सामने आती है..!! मेरा मस्तक गर्व से उठ जाता है और मैं उसमें खो जाती हूं जब जब वो किताबों के साथ नज़र आती है..!! मेरे वर्षों की साधना और तप के सुखद फल उसके स्वरूप में जब देखती हूं बढ़ते सम्भलते हुये तो ईश्वर पर आस्था प्रबल हो जाती है... मेरी पहली और आखिरी ख़्वाहिश है वो, मेरी खुशियों का आरम्भ उसकी मुस्कान है जिसे देखते ही ममता छलक जाती है.. !! हर बार जब जब ये दिन आता है मेरी अंतरात्मा प्रफुल्लित हो जाती है.. और एक माँ सारी दुनिया का दुलार समेटकर अपनी सोनपरी पर लुटा जाती है.. कि.. तुझे प्यार दूँ दुलार दूँ तुझ पे लुटा दूँ जमाने की हर खुशी.. हैप्पी बर्थ डे.. हैप्पी बर्थ डे..हर्षिता.. मेरी सोनपरी.. ©Sudha Tripathi #BirthdaySpecial कोई मुझसे पूछे मेरी जिंदगी कब जश्न मनाती है.. मैं जी जाती सौ-सौ बार उस पल को जब जब वो मुस्कुराती है...!! मेरी ही छाँव सी