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Gudiya Gupta (kavyatri).....
सूखा सूखा यह रेत समुंदर का बसेरा.. भटकी इधर-उधर तेरी आंखें अब डेरा..! भंवरे की करतूत से .....फूल है खफा.. जिन कांटो को छुआ वो जिस्म था मेरा..! अगर खिल उठी ...तो मुरझाएंगे फूल इन कांटों के हक में ...ये कैसा सवेरा? कैसा भंवरा ..जो समझे काटो की प्यास मगर.. समुंदर के पानी ने ...प्यास से मुंह फेरा..! ये मोहब्बत की बूंदे फूलों को मुबारक.. हमें वरदान जीना .....बिन पानी का घेरा.!! ©Gudiya Gupta (kavyatri)..... #कांटों से मोहब्बत
Neha Gupta
कांटा से भरा रास्ता मस्ती में चल रहे थे। अचानक से देखा नदी आ गई। जब मैंने अपना चेहरा देखा। तो खुद का आईना देख गया। नदी में अपना चेहरा देखा। तो कुछ ऐसा लिखा था। जिंदगी में वो हौसला हमें बुलंद कर जाना है। जाने कहां है। अपनी फूलों से बनी किस्मत बस उसे छू जाना है। कलम के लफ़्ज़ Neha Gupta कांटों से भरा रास्ता कलम के लफ़्ज़ #Riverbankblue
Azaad Pooran Singh Rajawat
"आपकी एक नजर आजाद कर्मभूमि पर" "आगे कांटे हैं,पीछे फूल है आज कदमों में मखमल सी चादर है कभी कदमों में होती धूल है छांव भी है यहां ,धूप भी है यहां ।" "सत्य है जिंदगी का यही फ़लसफ़ा है जिंदगी में खुशी के फूल पाने के लिए पहले कांटों से जूझना ही पड़ेगा।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #खुशी पाने के लिए कांटों से जूझना ही पड़ेगा#
चंचल 'चमन'
मैं कांटों के शहर में रहता हूँ, फिर भी है इन पे प्यार मेरा| फूल फिजाओ में बनकर महकता हूँ, बस यही है व्यापार मेरा|| @चंचल चमन ©Goswami Pintu Giri मैं कांटों के शहर में
poetess poonam Udaichandra
उलझ रहे थे तार जिन्दगी के,दो नावों में। दोनों ही थे दिल की धड़कन, दोनों ही थे सांसों में।। जो आज है वो कल नहीं था, जो कल था वो आज नहीं। बनके दीपक भटक रहा मन, अंधेरी राहों में।। कैद हुए है सारे सपने अपनी ही सोचों के पिंजरे में। और धीरे-2 उम्र की माला के मोती,छूट रहे हैं हाथों से।। दर्द पुराना जख्म पुराना, अंदाज -ए -बयां मुश्किल सा है। उसकी खातिर बर्बाद हुए हम, सो ना पाए रातों में।। बाग बगीचे जल मिट्टी, ज़मीं आसमां,सब ही तो अपने हैं। सोच के हैरान है Poonam फिर क्यों गुलाब घिरा है कांटों से।। गुलाब घिरा है कांटों से।।
Amit Sir KUMAR
फुलों से सीखों कांटो के संग रहकर भी मुस्कुराना विपरित परिस्थितियों में भी अपने चरित्र को बचाना फुलों से सीखो अपनी खुशबू फैलाना हर परिस्थितियों में ढल जाना फुलों से सीखो अपनी शख्सियत को उभारना अपने कर्मों से लोगों को आकर्षित कर जाना। ©Amit Sir KUMAR #Hope फुलों से सीखों कांटों संग मुस्कुराना......