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Stories related to बैंकों की

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Vibha Katare

इस श्लोक के माध्यम से आज के दौर में फोन की महत्ता को दर्शाना कुछ अनुचित नहीं होगा। कभी उच्च शिक्षा के लिए, कभी अच्छे रोजगार के लिए अपने परि #hindiwriters #yqdidi #yqdidichallenge #स्क्रॉलिंग

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यह लत भी है,
ज़रूरत भी है...

कुछ शब्द फोन को समर्पित :

।।त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ,
त्वमेव विद्या च द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वं च मम देवोदेवः ।।

Continued in caption ...
 इस श्लोक के माध्यम से आज के दौर में फोन की महत्ता को दर्शाना कुछ अनुचित नहीं होगा।
कभी उच्च शिक्षा के लिए, कभी अच्छे रोजगार के लिए  अपने परि

Namit Raturi

नमस्ते दोस्तों, मेरी नई कविता "किसान" ,किसानों कि व्यथा उनके दर्दों को दर्शाति हुई,अफसोस भारत जैसे कृषि प्रधान देश मे भी किसानों कि यह दुर् #Hindi #yqbaba #hindipoetry #yqdidi #yqhindi #currentaffairs #farmersuicide #farmbill

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एक पुरानी कविता,,आजकल सबको किसान याद आ रहे है तो उनके लिए...।।
 नमस्ते दोस्तों,

मेरी नई कविता "किसान" ,किसानों कि व्यथा उनके दर्दों को दर्शाति हुई,अफसोस भारत जैसे कृषि प्रधान देश मे भी किसानों कि यह दुर्

Namit Raturi

नमस्ते दोस्तों, मेरी नई कविता "किसान" ,किसानों कि व्यथा उनके दर्दों को दर्शाति हुई,अफसोस भारत जैसे कृषि प्रधान देश मे भी किसानों कि यह दुर् #Hindi #yqbaba #Suicide #farmer #yqdidi

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Read my poem on "kisaan" in caption. नमस्ते दोस्तों,

मेरी नई कविता "किसान" ,किसानों कि व्यथा उनके दर्दों को दर्शाति हुई,अफसोस भारत जैसे कृषि प्रधान देश मे भी किसानों कि यह दुर्

Ravikant Raut

एक बैंकर का पत्र तुम गांव में रहती थी , पढ़ने में तेज़ मैं भी उसी गांव से था और शहर में रहता था तेरे सपनों का मान रख तेरे पिता ने इज़ाजत द

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 एक बैंकर का पत्र 

तुम गांव में रहती थी , पढ़ने में तेज़ 
मैं भी उसी गांव से था और शहर में रहता था 
तेरे सपनों का मान रख तेरे पिता ने 
इज़ाजत द

Guru mantra 444

बैंकों में होने वाले बदलाव 2021 #story

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Gyani202

स्टेट ऑफ इंडिया बैंकों ने क्या नया नियम लागू😘♥️🥰tranding #viral #News #न्यूज़

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Rakesh frnds4ever

#उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनि #जीवन #मनुष्य #दुनिया #ज़िन्दगी #ज़िन्दगी #रिश्तों #धरती #AdhureVakya

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उलझन इस बात की है कि   हमें .......उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
दुनिया के झमेले की या  मन के अकेले की
पैसों की तंगी की 
या जीवन कि बेढंगी की
रिश्तों में कटाक्ष की 
या फिर किसी बकवास की
दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की
अपनी व्यर्थता की 
या ज़िन्दगी की विवशता की
खुद के भोलेपन की 
या फिर लोगो की चालाकी की
अपनी खुद की खुशी की 
या दूसरों की चिंता की
खुद की संतुष्टि की
 या फिर दूसरों से ईर्ष्या की
खुद की भलाई की
 या फिर दूसरों की बुराई की
धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की
मनुष्य की कष्टता की
 या धरती मां की नष्टता की
मानव की मानवता की 
या फिर इसकी हैवानियत की
बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की
प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,,
विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की
बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की
,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों
 या उनके समस्याओं या समाधानों 
या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,,
की हम किस बात की उलझन है..==...........

rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,,
हमें ......
उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी #मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
#दुनि

आलोक कुमार

आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

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बस यूँ ही चलते-चलते .........
जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

Raj

# इंसान की सफलता की# #विचार

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Anuj Ray

# खुशबू की चरित्र की" #कविता

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