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Pushpendra Pankaj
समाज मे कुछ लोग आपको बुरा तो कुछ आपको सही भी कहते हैं, यह सब पर लागू होता है । अतः मात्र स्वयं को ही दोषी नहीं मान । समाज की संरचना ही ऐसी है । पुष्पेन्द्र पंकज ©Pushpendra Pankaj विचार बिंदु
Parasram Arora
शब्दों से जुडी है कविता जैसे. नींद से जुड़ा है ख्वाब जैसे साँसे जुडी है जिंदगी से जैसे वैसे ही मैं जुड़ा हूँ तुमसे और तुम मुझसे इस जुड़ाव बिंदु पर कोई तो है जो जोड़े रखता है हमेँ एक दूसरे से कदाचित वो प्रेम का सम्पुट हो या फिर हमारे विश्वासों का उल्लास या फिर रात्रि के अभिसार का कोई प्रणय गीत जो हमारे अस्तित्व क़ो बरकरार ऱखने के लिए और एक दूसरे से जोड़े ऱखने के लिए. तत्पर हो ©Parasram Arora जुड़ाव बिंदु
अरविंद राव
दो जिस्म ओर वो बिस्तर फिर भी हैं फ़ासले यूँ हमबिस्तर होना है जोड़ मात्र एक होता अगर संयोंग ये जिस्मों का मिलना तो जुड़ती रूह ना होते बोझिल और धुंधले से ये सम्बंधो के फ़ासले बहुत कुछ है अब क्षितिज की बिंदुरेखा सा इक तेरे मेरे दरमियाँ।। ©Arbind #क्षितिज बिंदु
Pushpendra Pankaj
विचार बिंदु संबंध की डोर बहुत महीन होती है जिसके दोनों छोर विश्वास नामक पेंचों से कसे होते हैं ।किसी भी पेच के ढीले होने से डोरी का ढीली होना स्वाभाविक है । पुष्पेन्द्र " पंकज " ©Pushpendra Pankaj विचार बिंदु
Parasram Arora
अनुभव की धरोहर धूप की गरमाहट से पिघल कर पसीने का निर्माण करती रही मै जानता था यही दंश एक न एक दिन मेरे रूपांतरण का केंद्र बिंदु बनेगा ©Parasram Arora केंद्र बिंदु
रिंकी✍️
बिंदु तुमसे ही शुरू हुआ था मेरा पहला पड़ाव सीखा था मैंने कुछ लकीरें तुमसे ही तुमसे ही मै कुछ अक्षर और फिर शब्द तक कि यात्रा तय कर पाई बिंदु तुम शुरुआत थी मेरी जिंदगी के खूबसूरत एहसासों की तुम मात्र बिंदु थी लेकिन तुम शुरुआत थी मेरी यात्राओं की तुम थी उन यात्राओं मे हमेशा बरकरार जहां तुम्हारे सिवा मेरा कोई और न था ✍️ चन्द्र विद्या #बिंदु #यकदीदी #यकबाबा
Chintoo Choubey
देखो इस बिंदु को, छोटी सी इस किंतु को, न हो कर भी जो होती है, ऐसी ही बिंदु है, नजरों में नहीं आती जो, काली सी जो बिंदु है, आकार एक सा रहता है, सबको हमेशा रोकता है, ऐसी ही बिंदु है, कभी तो माथे का श्रंगार बने, कभी रिक्त का भार सहे, कभी आकृति बन जाते, कभी प्रश्न आगाज करे, ऐसी ही बिंदु है, नि:शब्द बना दे, अंकुश लगा दे, ऐसी ही है बिंदु । नि:शब्द है बिंदु
Rahul Saraswat
बिंदु से बिंदु मिले बन जाती है लकीर न कोई ठोर ठिकाना तेरा चलते रहो फकीर #बिंदु#yqdidi#yqbhaijan
Surya Ratre
मैं सुनता हूँ और भूल जाता हूं, , मैं देखता हूं और याद रखता हूँ, मै करता हूँ और समझ जाता हूँ ! Surya ratre #SAD केन्द्र बिंदु