Find the Latest Status about कर्मणा गहनो गतिः from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कर्मणा गहनो गतिः.
अशेष_शून्य
कर्तवयनिष्ठता में यशोधरा ही बुद्ध हैं; और त्याग पराकाष्ठा में बुद्ध ही यशोधरा....! ये पर्याय हैं अभिन्नता का, और सूचक सृष्टि की भिन्नता का!! द्वंद है ही नहीं कहीं बस सत्य है जो "मनसा वाचा कर्मणा से शुद्ध है वहीं बुद्ध है" फ़िर चाहे वो बुद्ध हों या यशोधरा हम हों या आप !! -Anjali Rai जो "मनसा, वाचा, कर्मणा से शुद्ध है वहीं बुद्ध है" -Anjali Rai #अशेष_शून्य #yourquote #hindisoul
Shailendra Anand
रचना दिनांक,,२८,,,११,,२०२३ वार मंगलवार समय सुबह सात बजे ्््निजविचार ््् ््् छाया चित्र में भावचित्र प्रेम शब्द नानकणा।। चित्र में नानकजी कहयो मानव जीवन सार।। ््््शंख चक़ रेचक से आज्ञा चक्र नानकजी का योग है्््् मानुष आहे असे निरंजन जगणे प्रेमचा,, सागर सा गहरा हो प्यारा प्रेम शब्द।। नानकणा सिखृक पावणा,, जो आनंण को णेम करत भोग रमण विलास त्याग कर देख रहयो सेवादार।। सिंखपंथ का एक स्वरूप है ,, गुरु साहिब की गुरुवाणी।। मन का दर्पण कांच का देखण को परखणा जो मन का सांचा, नाम है।,, ।वी गुरु सत्संगी सत्संग में।। मन की कंन्ठी फेरणो,, जगत किय्यो उध्दार।। जणम मरण को फेरणो,, मणक मणक मी जावे कियो मगन हो ग्यान को,, रस भर प्रेम को लंगर कियो।। तेरे अर्पण कर दूं सब कुछ,, समर्पण यह मेरी गुरु दक्षिणा में।। गुरु गोविंद सिंह जी हूकम से,, धनानकणा पंथ को आगे बढ़ायो है।। गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागूं पाय,, बलिहारी गुरु आपकी गोविंद दोऊ बताय।। ््््् कवि शैलेंद्र आनंद २८नवम्बर,,,२०२३ कघल्लू उठे नानका,, सदी उठी जाय।। नानक प्रीत विहार में,, क्या उंच नीच का विचार।। एशं ©Shailendra Anand #gurunanakjayantनानकणा जयती मन की शुद्धि होय,, कर्मणा आयुष्यणा गुरु प्रेम का श्रंगार।। मन का मोती फेरणा जगत में होय सिखपंथ को णेम प्रेम की अ
Sarvesh Kumar Maurya
Sarvesh ji maurya
Shiv Pratap Rav
क्या गजब का योग है, एक अद्भुत ही संयोग है, है एक पवित्र बंधन आज बहन भाई का, एक देश की स्वतन्त्रता पे शुभ घड़ी बधाई का। दिन समरपित आज का रहेगा उन बहनो को, दे दिया जो देश को भाई रूपी गहनो को, जय रहे, विजय रहे, हर्षित पूरे लोग हैं, क्या गजब का योग है, एक अद्भुत ही संयोग है। क्या गजब का योग है, एक अद्भुत ही संयोग है, है एक पवित्र बंधन आज बहन भाई का, एक देश की स्वतन्त्रा पे शुभ घड़ी बधाई का। दिन समरपित आज का र
Hari Mohan
नास्ति मातृसमा छाया नास्ति मातृसमा गतिः। नास्ति मातृसमं त्राणं नास्ति मातृसमा प्रपा॥ माता के समान कोई छाया नहीं, कोई आश्रय नहीं, कोई सुरक्षा नहीं। माता के समान इस दुनीया में कोई जीवनदाता नहीं॥ There is no shade like mother, no resort like a mother, no security like a mother, no other ever-giving fountain of life! Source: Skanda Purana Mo. Ch. 6.103-104 This mother’s day let us make her feel special, read out this shloka from Skanda Purana to her. नास्ति मातृसमा छाया नास्ति मातृसमा गतिः। ना
Vikas Sharma Shivaaya'
शुक्र गायत्री मंत्र : -ॐ भृगुजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र: प्रचोदयात् || -ॐ भृगुपुत्राय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नो कवि: प्रचोदयात् || -ॐ भृगुवंशजाताय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नो शुक्रः प्रचोदयात || विष्णु सहस्रनाम-एक हजार नाम -(प्रतिदिन 11 नाम) आज 12से 22 नाम 12 मुक्तानां परमा गतिः: सभी आत्माओं के लिए पहुँचने वाला अंतिम लक्ष्य 13 अव्ययः अविनाशी 14 पुरुषः पुरुषोत्तम 15 साक्षी बिना किसी व्यवधान के अपने स्वरुपभूत ज्ञान से सब कुछ देखने वाला 16 क्षेत्रज्ञः क्षेत्र अर्थात शरीर; शरीर को जानने वाला 17 अक्षरः कभी क्षीण न होने वाला 18 योगः जिसे योग द्वारा पाया जा सके 19 योगविदां नेता योग को जानने वाले योगवेत्ताओं का नेता 20 प्रधानपुरुषेश्वरः प्रधान अर्थात प्रकृति; पुरुष अर्थात जीव; इन दोनों का स्वामी 21 नारसिंहवपुः नर और सिंह दोनों के अवयव जिसमे दिखाई दें ऐसे शरीर वाला 22 श्रीमान् जिसके वक्ष स्थल में सदा श्री बसती हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' शुक्र गायत्री मंत्र : -ॐ भृगुजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र: प्रचोदयात् || -ॐ भृगुपुत्राय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नो कवि:
Vikas Sharma Shivaaya'
गुरुवार: गुरुवार सप्ताह का पाँचवा दिन है-इसे बृहस्पतिवार या वीरवार भी कहा जाता है-मुसलमान इसे जुमेरात कहते हैं क्योंकि यह जुम्मा (शुक्रवार) से एक दिन पहले आता है..., "धार्मिक मान्यताओं के अनुसार"- भाग्य जागृत करने और लंबी आयु के लिए गुरुवार का व्रत करना चाहिए... ये कार्य न करें : इस दिन शेविंग न बनाएं और शरीर का कोई भी बाल न काटें अन्यथा संतान सुख में बाधा उत्पन्न होगी ... दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य में यात्रा करना वर्जित है... गुरुवार को ऊपर से नमक डालकर नहीं खाना चाहिए ... इस दिन दूध और केला खाना भी वर्जित माना गया है...केले के वृक्ष में देवगुरु बृहस्पति का वास होता है. मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु निवास करते हैं. इसलिए गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है. पोछा न लगाएं: मान्यता है कि गुरुवार के दिन घर में पोछा नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि इस दिन पोछा लगाने से घर का ईशान कोण कमजोर होता है और ईशान कोण को संबंध घर के छोटे सदस्यों से है. वास्तु के अनुसार घर की उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण का कारक ग्रह गुरु है-घर की इस दिशा में पोंछा लगाने से गुरु ग्रह अशुभ होता है-व्यक्ति को भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है... विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 442 से 453 नाम 442 क्षमः समस्त कार्यों में समर्थ 443 क्षामः जो समस्त विकारों के क्षीण हो जाने पर आत्मभाव से स्थित रहते हैं 444 समीहनः सृष्टि आदि के लिए सम्यक चेष्टा करते हैं 445 यज्ञः सर्वयज्ञस्वरूप 446 इज्यः जो पूज्य हैं 447 महेज्यः मोक्षरूप फल देने वाले सबसे अधिक पूजनीय 448 क्रतुः तद्रूप 449 सत्रम् जो विधिरूप धर्म को प्राप्त करता है 450 सतां-गतिः जिनके अलावा कोई और गति नहीं है 451 सर्वदर्शी जो प्राणियों के सम्पूर्ण कर्मों को देखते हैं 452 विमुक्तात्मा स्वभाव से ही जिनकी आत्मा मुक्त है 453 सर्वज्ञः जो सर्व है और ज्ञानरूप है 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' गुरुवार: गुरुवार सप्ताह का पाँचवा दिन है-इसे बृहस्पतिवार या वीरवार भी कहा जाता है-मुसलमान इसे जुमेरात कहते हैं क्योंकि यह जुम्मा (शुक्रवार)
Jyotish Jha
माँ से शुरू माँ से ही अंत हो, मेरी जिंदिगी का हरएक पल माँ तेरे ही संग हो| #drjyotishwrites #bestmom मैं अब से कई वर्षों से उससे दूर हूं, लेकिन हर पल, हर तकलीफ में, हर अच्छे वक़्त में उसकी स्मरण करता हूँ, और मैं जब