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Udaychaudhary
गैरों से क्या अपनों से भी अनुबंध कहाँ हमने माना । भुले से भी जग जीवन में प्रतिबंध कहाँ हमने माना।।
read moreAnjali Singhal
"चाँद सी आवारगी तेरी, स्याह आँखों को जच गई। साँसों के अनुबंध से, प्रीत मुझमें रच गई। कैसे छोड़ दूँ महकना मैं, अमर गंध तेरी हृदय में मेरे बस #Quotes #AnjaliSinghal
read morecomedy lspk 39
फूल 🌼 डाल 🌼 पर जब रहे, मन 💖 में बसे सुगंध 💖 झर 🌸 कर 🏵 बिखरे राह 🛣🌺🌹🛣 में, टूटे ❌❎ जब अनुबंध 🙏🏻🤝🏻..... #शायरी
read moreAyesha Aarya Singh
उसके घर से प्रेम की,कैसे आए गंध फूलों से जिसके नहीं,हुए कभी अनुबंध || ©Ayesha Aarya Singh #उसके घर से,प्रेम की,कैसे आए गंध फूलों से जिसके नहीं,हुए कभी अनुबंध || #FlowersLove #Ayesha #Quote #shayari Pramodini mohapatra B Ravan R
#उसके घर से,प्रेम की,कैसे आए गंध फूलों से जिसके नहीं,हुए कभी अनुबंध || #FlowersLove #Ayesha #Quote shayari Pramodini mohapatra B Ravan R #anu
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White देखिए मतलबीयों के भी मतलबीयों से अनुबंध हो गए//१ नेवलों के भी सांपों से संबंध हो गए//२ देखिए और तो और लोमड़ी के भी सियारों से गठबंध हो गए// ३ बिल्लियां तो बेचारी बेरोजगार बैठी है, रास्ता काटने में कुत्ते लोमड धुरंध हो गए//४ "शमा"शेर ने जरा जम्हाई क्या ली,धूर्त गीदड़ों के भी मंसूबे अंधाधुंध हो गए//५ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Smile देखिए मतलबीयों के भी मतलबीयों से अनुबंध हो गए//१ नेवलों के भी सांपों से संबंध हो गए//२ देखिए और तो और लोमड़ी के भी सियारों से गठबं
#Smile देखिए मतलबीयों के भी मतलबीयों से अनुबंध हो गए//१ नेवलों के भी सांपों से संबंध हो गए//२ देखिए और तो और लोमड़ी के भी सियारों से गठबं #shamawritesBebaak
read moreNeelam Modanwal ..
🙏 मेंरी छंद की अवधारणा 🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा.. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी. फूल से फल तक मधुर मकरंद की अवधारणा.. जीव ईश्वर का अनाविल नित्य चेतन अंश है. द्वन्द से होती प्रगट निर्द्वन्द की अवधारणा.. एक रचनाकार तो स्थितप्रज्ञ होता है उसे आँसुओं में भी मिली आनंद की अवधारणा.. प्यार से ही स्पष्ट होती है, अघोषित अनलिखे और अनहस्ताक्षरित अनुबंध की अवधारणा.. प्रेम में सात्विक समर्पण के सहज सुख से पृथक. अन्य कुछ होती न ब्रम्हानंद की अवधारणा.. मुक्तिका मेरी पढ़ी हो तो निवेदन है लिखें क्या बनी सामान्य पाठक वृन्द की अवधारणा.........✍️ प्लीज़....... 🙏🙏 ©Neelam Modanwal 🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी.
🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी. #कविता
read moreAnil Ray
बेवफाई का अब शिक्षा पर आकर ठहराव हुआ भटकता रहा पुरूष आज नारी भटककाव हुआ सफल पुरूषों के पीछे हमेशा हाथ रहा नारी का पुरुष ने कामयाब की और बुद्धि अटकाव हुआ ©Anil Ray 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 अपील 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 होती है कुछ स्त्रियाँ संस्कार से पत्नी मन से प्रेमिका और देह से विधवा... परन्तु यह गलती जब-जब पुरुष ने की सब ने
Mili Saha
// राणा अमर सिंह // जिनकी वीरता और साहस ने, अकबर तक को विचलित किया, उस वीर दयालु और राष्ट्र प्रेमी, राणा अमर सिंह की है यह कथा, बचपन से ही सुनते आ रहे थे जो, अपने पूर्वजों की गौरव गाथा, पौत्र महाराणा उदय सिंह के और महारानी अजबदे पंवार माता, शिशोदिया राजवंश मेवाड़ के शासक पिता वीर महाराणा प्रताप, पिता की भांति ही अमर सिंह में कूट-कूट कर था देशभक्ति भाव, न्याय भावना, नेतृत्व, वीरता, दयालुता और बहादुरी का सम्मान, मुगलों के समक्ष महाराणा अमर सिंह को मिला चक्र वीर उपनाम, महाराणा प्रताप सदैव समझते, अमर सिंह आलस से है ग्रसित, किन्तु उन्होंने साहस से, अपनी वीरता को कई बार किया सिद्ध, राष्ट्र से प्रेम था अमर सिंह को, पूर्वजों के इतिहास से था लगाव, शौर्य और प्रताप का संगम था वो, था उसमें देशभक्ति का भाव, संग्राम और प्रताप का वंशज फिरंगीयों के आगे कभी न झुका, अपनी रगों में बहते हुए लहू का, सदैव अमर सिंह ने मान रखा, मृत्यु से पूर्व महाराणा प्रताप ने उत्तराधिकारी था किया घोषित, मेवाड़ वंश परंपरा अनुसार, अमर सिंह हुए शासक स्वीकारित, न्याय प्रियता, कृपाशिलता गुण इनके, प्रजा करती थी आदर, राष्ट्र-हित के लिए अमर सिंह ने, निर्माण करवाया बढ़-चढ़कर, प्रतापेश्वर महादेव मंदिर, महाराणा प्रताप के नाम से बनवाया, सिसोदिया राजवंश का इतिहास, ग्रंथ अमरसार में लिखवाया, मुगलों से कभी न मानी थी हार, हर अनुबंध को पैरों तले रौंदा, राष्ट्रभक्ति दिल में लिए मर मिटा था वो अमर सिंह वीर योद्धा। ©Mili Saha राणा अमर सिंह जिनकी वीरता और साहस ने, अकबर तक को विचलित किया, उस वीर दयालु और राष्ट्र प्रेमी, राणा अमर सिंह की है यह कथा, बचपन से ही सुन
राणा अमर सिंह जिनकी वीरता और साहस ने, अकबर तक को विचलित किया, उस वीर दयालु और राष्ट्र प्रेमी, राणा अमर सिंह की है यह कथा, बचपन से ही सुन #Trending #poem #kavita #nojotopoetry #nojotohindi #पौराणिककथा #sahamili
read moreRavendra
नशा उन्मूलन का सामुहिक संकल्प लिया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कार्यवाहक सेना नायक हिमांश #न्यूज़
read moreRavendra
चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन मरीमाता मन्दिर पहुंचे डीएम व एसपी प्रतिबन्धित प्लास्टिक का प्रयोग न करने के लिए लोगों को किया जागरूक बहराइच 22 #न्यूज़
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