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प्रतिजीत
वो मसरूफ ( busy ) हैं ,ये ना मिलनेके बहाने हुए । उनसे मिलके भी हमें ,अब जमाने हुए ॥ उन्हें वहाँ कोई और क्या मिल गया । और हम उनके लिए पुराने हो गए ॥ ©प्रतिजीत दोघांत तिसरा .
Ajit Bhai Yadav
बिहार की राजनीति का हुआ अब बुरा हाल भैया,हुआ अब बुरा हाल,नीतिश कुमार हजम ना होते लालू हैं बेकार भैया, लालू है बेकार । सुशासन के शासन में प्रशासन मारा जाय, कहने को राजनीति की जननी,कब-तक जुल्म सहा जाय,भू-माफिया,बालू-माफिया,लुट-लुट सब खाय,भैया लुट-लुट सब खाय। रोज दिन हत्याये होती,हो रहा बलत्कार,शिक्षा हो या अस्पताल हो सबका बुरा हाल,भैया सबका बुरा हाल। दो पार्टियो को 30 साल दिया ,अबकी बार हो बदलाव ,तिसरा विकल्प हैं महाजरूरी ,क्यो ना चुने भाजपा-लोजपा का सरकार। नीतिश कुमार हजम ना होते, लालू है बेकार ,भैया लालू है बेकार। #NojotoQuote तिसरा विकल्प महाजरुरी।
vivek kumar
मिलकर मिट्टी का घर बनाया, महल का अभी वो सपना था! वही पुरानी आंधी आई, यार साथ में तुम्हे तो सहना था! हवा चली वो घर गिर गया, मिट्टी जो गई बह! साथ मिला ना यार तुम्हारा, घर जो गया ढह! तुम उठो ना साथ रहो ना, अब ऐसा घर बनाना हैं! तेज हवा क़्या आंधी आए, अब सबसे टकराना हैं! मैं गिरा मुझे हैं पता, ये घर मिट्टी का ना बस मेरा था! तुमने कहा था रे ईट लगा लो, ये मौसम से खतरा हैं! हाँ भूल हुई है मेरी ये, मुझपे यूँ ना अब तंज कसो! मुझे चाहिए बस साथ तुम्हारा, यार गुस्सा थूक कर साथ रहो!! ©vivekchoudhary #love #fight #relationship #घर - #संबंध #आंधॊ - तिसरा
कविता पुराणिक
कधी होत असे पाऊस धारा रिमझिमणारी माझी स्वरा सहजच सांगून जाते मला जगण्याचा स्वच्छंदी अर्थ खरा ©कविता पुराणिक स्वर तरंग
रामेश्वर मिश्र
...चाँद जब विदा लेंने लगा, तारे सब भरसक रोए, एक तारा मगर चुप रहा, कोने मे बैठा उदास रहा.... ...गीत ग़ज़ल सब हार गए, समंदर भी कितना शांत रहा, हंसो ने रख दिए दाने, कितना फीका प्रभात रहा... ......रामेश्वर मिश्र #विविध स्वर
Mohan Sardarshahari
तुम तो दिल की धड़कन हो आज लगती ईनाम जैसी कल का निवेश सुरक्षित हो तू मेरे साथ रही तो हंसते - हंसते पार करेंगे चाहे कैसी भी अड़चन हो दिनों की धूप सुहानी लगती रातों की चांदनी रूमानी तेरे आने की आहट से सजते मेरे स्वर जिस्मानी।। ©Mohan Sardarshahari स्वर जिस्मानी
Parasram Arora
इंद्रधनुष के सातो रंग आपस मे लड़ झगड़ कर बदरंग हुए है वीणा का एक तार क्या टूटा कि सातों स्वर भीबेसुरे हुए ©Parasram Arora सत स्वर