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Nitin Gupta
इश्क़ में मिला जख्म लेकर दवाखाना गया, हकीम ने दवा के पर्चे में 'जहर' लिखा है ! #इश्क़ #जहर #हक़ीम #दवाखाना
Rishu
कर लो बेइज्जत,ट्रोल करवा लो,नाके लगा लो, लगा लो पहरेदारी,लगा दो मुखबिर पीछे मेरे कर लो दिल खोलकर ख्वाईश पूरी,वक़्त आपका है, कर लो जितना परेशां यह 'शख्श' किया जाता है, कमी यही है आप की, कि मुखबिरी सिर्फ आप कमियों की करते है,थोड़ा सब्र किजीए जनाब, 'दवाखाना' खोलेंगे हम,'दो-तीन' के इलाज से समझ जाएंगे, "मुखबिरों का इलाज यहां तस्सलीबक्श किया जाता है" #yqbhaijan #yqdidi #मुखबिरी #दवाखाना #इलाज
Dr. Vishal Singh Vatslya
प्यार का दवाखाना ------------------------- वो मर्ज दिखाते दिखाते दर्द दे गर्ई क्यूंकि जनाब... बर्बाद करने का हुनर कोई उससे सीखे वो दिल में बसा कर बेघर कर देतीं है गर गिला करें तो कहतीं है... अब उसके घर( दिल )में कोर्ई और रहता है... _-- डा विशाल सिंह😋 प्यार का दवाखाना series 3😋
साहिल गोस्वामी
जख्म तो दे दिए मोहब्बत में तुमने। सुनो जरा दवाखाना तो बताते जाओ इलाज के लिए। साहिल गोस्वामी #NojotoQuote दवाखाना #sadness #sadquotes #sadshayri#maut #sadshayri #SHAYR #bewafa #maut#pyaar #mohobbat
Dr. Vishal Singh Vatslya
प्यार का दवा खाना --------------------------------------------- यहाँ उसी का इलाज़ 👀✍होता है .... जो मेरे प्यार ❤ का बीमार होता है .... Dr. Vishal Singh वात्सल्य प्यार का दवा खाना .... opening 😋😋 series 1 #प्यार #दवाखाना #इश्क़ #मरीज #इलाज
सुसि ग़ाफ़िल
विश्वास की कंटीली तारों से लिपटकर जख्मी हुआ हूं , क्या तेरे शहर का मयखाना, दवाखाना!! विश्वास की कंटीली तारों से लिपटकर जख्मी हुआ हूं , क्या तेरे शहर का मयखाना दवाखाना!!
RV Chittrangad Mishra
ना जाने कितनें लबों का अब मैं तराना हूं हजारों दर्द-ए-दिलों का दवाखाना हूं ©R.V. Chittrangad 9839983105 ना जाने कितनें लबों का अब मैं तराना हूं हजारों दर्द-ए-दिलों का दवाखाना हूं -चित्रांगद
Divyanshu Pathak
मेरी ज़िन्दगी का सफ़र सुहाना हो गया। क़ायनात की हर शै का लुभाना हो गया। यूँ तो जिये जा रहे थे ख़ुशनुमाई में हम! आपसे मिलकर ये और रूहाना हो गया। मिले हैं ज़ख्म और दर्द भी ख़ूब होता है। वल्लाह! ये तेरा इश्क़ दवाखाना हो गया। थामके मेरा हाथ जो तुम चलती हो साथ! मेरी और तेरी रूह का दोस्ताना हो गया। कोई फ़र्क़ नहीं लगता ज़मीं-आसमान में! यह प्यार का 'पंछी' फ़रिस्ताना हो गया। मेरी ज़िन्दगी का सफ़र सुहाना हो गया। क़ायनात की हर शै का लुभाना हो गया। यूँ तो जिये जा रहे थे ख़ुशनुमाई में हम! आपसे मिलकर ये और रूहाना हो गय
R.S. Meena
महल या प्रकृति ?? प्रकृति से दूर होकर, बीमारियों को पास बुलाते हैं। काट-काट कर एक-एक पौधा, अपना महल बनाते हैं। प्रकृति का रूप हुआ विकराल, फैले नित नुतन बीमारी, विज्ञान बना है प्रकृति से, प्रकृति ही सब रोगो की संहारी। विज्ञान के आविष्कार बनते जा रहे है जान के दुश्मन, करते है प्रकृति से दूर, बन रहे है डाल-डाल के दुश्मन। रहते सब है एक जगह पर, पर अभिवादन करते ऑनलाइन, काम करे ना खुद से कोई, मशीनों काे ना छोड़ते ऑफलाइन। आवश्यकता, आविष्कार की जननी, बनी रोगों की भी जनक, काम करे सब मशीनों से, तन को ना होने दे कभी भी भनक। हाथों से जब कुटे मसाला, देखना ना पड़े कभी दवाखाना, आटा पीसे नित भोर से पहले, पाचन-क्रिया हो बिन हर्जाना। प्रकृति से दूर होकर, बीमारियों को पास बुलाते हैं। काट-काट कर एक-एक पौधा, अपना महल बनाते हैं। महल या प्रकृति ?? प्रकृति से दूर होकर, बीमारियों को पास बुलाते हैं। काट-काट कर एक-एक पौधा, अपना महल बनाते हैं। प्रकृति का रूप हुआ विकराल, फ