Find the Latest Status about गोत्र शांडिल्य from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गोत्र शांडिल्य.
Rudra chhattarpal singh shandilya
रोज शाम मैदान में बैठ ये कहते हुए एक बच्चा रोता है हम गरीब हैं इसलिए हम गरीब का कोई दोस्त नहीं होता है/ ©GSU Rudra shandilya #रूद्र छत्रपाल सिंह शांडिल्य
Rudra chhattarpal singh shandilya
चलते चलते कहीं रूका , तो कुछ जानने वाले मिले , तो लगा कितनी छोटी सी दुनियां है , जब जानने वालों ने पहचाना नहीं , तो लगा की इस छोटी सी दुनियां में हम कितने छोटे हैं।। ©Rudra chhattarpal singh shandilya रूद्र छत्रपाल सिंह शांडिल्य #sharadpurnima
Rudra chhattarpal singh shandilya
जात पात से ऊपर उठकर आओ नई शुरुआत करें बेहतर माहौल बनाने के खातिर मिलकर समाज का सुधार करें ©GSU Rudra shandilya रुद्र छत्रपाल सिंह शांडिल्य
Rudra chhattarpal singh shandilya
मेरे पिता ने मेरे सामने इस जल, जंगल, जमीन की रक्षा किये हैं यह मेरे पुरखों का जंगल है और मेरे पिता ने कहे हैं मेरे चले जाने के बाद तूम सब इस जल, जंगल, जमीन की रक्षा करोगे।। जय आदिवासी ©Rudra chhattarpal singh shandilya रूद्र छत्रपाल सिंह शांडिल्य #NatureLove
Rudra chhattarpal singh shandilya
जिस जंगल के संग मैं बड़ा हुआ उसको मैं कैसे छोड़ दूं।। जोहार प्रकृति जोहार आदिवासी ©Rudra chhattarpal singh shandilya रूद्र छत्रपाल सिंह शांडिल्य #BooksBestFriends
Rudra chhattarpal singh shandilya
आज मैं सूबह उठा , सोचने लगा दुनिया के बारे में, कैसे जाते हैं हम कैसे लगी रहती ये प्रकृति हमारे सहारे में । मैं टहल रहा था सड़क पर , और हवा की ठंडी झलक आयी , सूरज अब निकलने को था , चिड़ियो की आवाज़ कहीं दूर दूर तक आयी।। ©Rudra chhattarpal singh shandilya रूद्र छत्रपाल सिंह शांडिल्य #sunrays
Rudra chhattarpal singh shandilya
ऐ गोंडवाना धरती अउर आदिवासी हरे हमर पहचान , कतका इहां हमर पुरखा मन हो हे बलिदान । इहा के माटी मा हो हे मोर जनम , Love Gondwana ©Rudra chhattarpal singh shandilya रूद्र छत्रपाल सिंह शांडिल्य #Butterfly
Rudra chhattarpal singh shandilya
क्या हुआ अगर थोड़ा सा मिट्टी कपड़ो पर लग गया तो मिट्टी का शरीर मिट्टी में ही मिल जाएगा पत्थर दिल इंसान देखें हैं मैंने जैसे पत्थर ही हो मगर वक्त आने पर पत्थर भी मिट्टी हो जाएगा मेरे बारे में उसने ने खत लिखी थी फिर क्या मैंने खत जला दिया मिट्टी हो गया मिट्टी का शरीर मिट्टी में मिल जायेगा तुझे खबर भी न होगी कब मिट्टी हो गया मैंने आज स्याही से लिखा है इस गजल को दवात जमीन पर गिरा सब मिट्टी में मिल गया मिट्टी का शरीर मिट्टी में मिल जायेगा।। ©Rudra chhattarpal singh shandilya रूद्र छत्रपाल सिंह शांडिल्य #Trees
Rudra chhattarpal singh shandilya
हम बच्चे गोंडवाना के, ऐसा कुछ कर जाएंगे, हमें भी दूर दूर तक लोग याद रख पाएंगे, जन्म लिया इस गोंडवाना भूमी पर , इस भूमी का ऋण चुकाएंगे, नया प्रकाश नई रोशनी चारो ओर फैलाएंगे, हम बच्चे गोंडवाना के, गोंडवाना भूमी में हम जन्म लिए, नहीं भुले हम उनकी कुरबानी जिन्होंने हमें रास्ता दिखाया, उनकी कुरबानी व्यर्थ न जाने देंगे, हर सपना सकार कर दिखायेंगे , भ्रष्टाचार,गरीब को मिटा कर तरक्की की राह पर ले जायेंगे।। ©Rudra chhattarpal singh shandilya रूद्र छत्रपाल सिंह शांडिल्य #Mic