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Pallavi pandey

बसंती हवा #कविता

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BANDHETIYA OFFICIAL

बसंती हवा ! # बसंत पंचमी #ज़िन्दगी

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Mukesh Raaz

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Tej's Yugal

हवा तुमको छूती है मैं सांस लेता हूँ #शायरी

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khushbu singh

मैं हवा हूँ रोक सको तो रोक लो #विचार

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लगा लो अपना ज़ोर तुम
बेड़ियाँ कितनी डालोगे
जिस्मों को तो बांध लिया
क्या रूहों को भी बाँधोगे

खुशबू सिंह मैं हवा हूँ रोक सको तो रोक लो

Roshani Thakur

हवा हू हवा मैं #krishna_flute

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SHIVENDRA TRIVEDI

मैं...... मैं आद्य हूँ ! , मैं अंत हूँ ! मैं रुप हूँ ! , मैं सन्त हूँ! मैं क्रोध हूँ ! , मैं शांत हूँ!

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 मैं......
        मैं आद्य हूँ ! , मैं अंत हूँ !
  
        मैं रुप हूँ ! ,  मैं सन्त हूँ! 
 
        मैं क्रोध हूँ ! , मैं शांत हूँ!

Anupama Jha

#पैसा#yopowrimopoetry #yqdidi#yqbaba मैं इतिहास हूँ, मैं वर्तमान हूँ, मैं भविष्य हूँ, मैं पैसा हूँ। मैं गरीब की आस हूँ,

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 पैसा 

मैं इतिहास हूँ
मैं वर्तमान हूँ
मैं भविष्य हूँ
मैं पैसा हूँ।
(कविता कैप्शन में) #पैसा#YoPoWriMo#poetry
#YQdidi#YQbaba

मैं इतिहास हूँ,
मैं वर्तमान हूँ,
मैं भविष्य हूँ,
मैं पैसा हूँ।
मैं गरीब की आस हूँ,

Jagveer Singh shayer

#मां मैं हवा.. #कविता

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मां में हवा
तेरे लाल से मिलने आई हूं
तोहफे लिए प्रेम द्वार पर
कब से आस बंधाई हूं।
तू दे दे आज्ञा मोहे
मैं संतो के संग आई हूं।।
तेरे लाल की नजर उतारने
चंदा, सूरज ,काजल ,टीका सब लाई हूं
मां में हवा
तेरे लाल से मिलने आई हूं।

©Jagveer Singh #मां मैं हवा..

Ghumnam Gautam

पैरों तले तारे
""'''''''''''''''''''''"
मैं बहती हुई हवाओं में था
तुझ संग था,तो खलाओं में था...

बिजली की छिटकन तेरी अदा थी
गर्जन मेरी सदाओं में था...

गुदगुदी-सी होती थी,
तारे पैरों तले जब पड़ते थे...
चांदनी की बेल पकड़,
सूरज ही पर हम चढ़ते थे...

उमंग-ओ-अहसास का मौसम
हरसू दसों दिशाओं में था...

हर अमा मज़ेदार थी,
हम मिलकर चाँद छुपाते थे...
बादलों के पीछे बैठ,
वहीं घंटों फ़िर बतियाते थे...

तेरी ही तो आँखों का काजल
उमड़ती हुई घटाओं में था...

मैं बहती हुई हवाओं में था...

मिलकर तुझसे था सूफियाना
नहीं दुनियावी गुनाहों में था
तुझ संग था,तो खलाओं में था...


#खलाओं=अंतरिक्ष,
#अमा=अमावस्या #मैं #हवा #घटा
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