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Mukesh Poonia
ram lala ayodhya mandir निकली है सज धज के राम जी की सवारी, लीला है सदा राम जी की न्यारी न्यारी, राम नाम है सदा सुखदायी सदा हितकारी जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम ©Mukesh Poonia #ramlalaayodhyamandir निकली है #सज #धज के #राम जी की #सवारी, #लीला है सदा राम जी की #न्यारी न्यारी, राम नाम है सदा #सुखदायी सदा #हितकारी,
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
सुभंगी छन्द :- ये जग माया , मन भरमाया , हम है भटके , गिरिधारी । हमें बचाओ , राह दिखाओ , ये जग छलता , हितकारी ।। जो है अपना , लगता सपना , किसे पुकारूँ , बनवारी । आप हमारा , एक सहारा इतना जानूं , भंडारी ।। निंद्रा त्यागो , अब तो जागो , भोर सुहानी , है आई । उठ जा प्यारे , राज दुलारे , दही जलेबी , माँ लाई ।। आँखें खोलो , मुँह को धो लो , सूरज ने ली , अँगडाई । चंचल चिडिय़ा , लगती गुडिय़ा , चूँ चूँ करती , है आई ।। १५/१२/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सुभंगी छन्द :- ये जग माया , मन भरमाया , हम है भटके , गिरिधारी । हमें बचाओ , राह दिखाओ , ये जग छलता , हितकारी ।। जो है अपना , लगता सपना ,
KP EDUCATION HD
KP NEWS for the same for me to get the same for me to get the ©KP NEWS HD घर-घर कान्हा की बधाइयां बज रही है. श्रीकृष्ण भक्त श्रद्धा भाव से अपने आराध्य के बाल स्वरूप की पूजा-उपासना कर रहे हैं. धार्मिक मान्यता है कि
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :- काँव-काँव लड़ रहे , हल न निकल रहे , जनता की पीर लिए , नेता परेशान है । नित यही भाषण हो , फिर भी तो शोषण हो , कहतें है डरो नही , अनुसंधान है । आज सत्तर साल में , बिजली पानी गाँव में , देते आए नेता सब , जनता हैरान है । आया फिर चुनाव है , खोजत नेता ठाँव है , जनता भी पूछे अब , कैसा मतदान है ।।१ बोलते डालर उठा, पैसा क्यों है नीचे गिरा , बोरो में भरकर वे , करते सवाल है । धंधा खूब चल रहा , मजदूर नित मर रहा , रोता है किसान अब , कहते बवाल है । किसानो के हितकारी ,देखो सब सत्ताधरी, फिर भी उसका हक , करे इस्तेमाल है । आज नही पास कोई , पूछे नही हाल कोई, बच्चे भूखे सब अब , घर में न दाल है ।।२ श्रामिक किसान सभी , देखे नही घर कभी , हल जोठ कस्सी लिए , बैठे धूप छाँव में । शहर न जाए कभी , सूखी रोटी खाए सभी, रहे परिवार संग , अपने ही गाँव में । करोगे मदद थोड़ी , दोगे बैल एक जोड़ी , औ अपने आनाज का , स्वयं करुँ भाव में । अन्नदाता नाम नही , झूठे दो मुकाम नही , मैं भी अब खड़ा रहूँ , चाहूँ ऐसे पाव में ।।३ १७/०८ २०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR काँव-काँव लड़ रहे , हल न निकल रहे , जनता की पीर लिए , नेता परेशान है । नित यही भाषण हो , फिर भी तो शोषण हो , कहतें है डरो नही , अनुसंधान है ।
Vinod Mishra
Trilok
Trilok
N S Yadav GoldMine
अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर दोनों के बिच ब्राह्मण फायदा उठा गया !! 🎀🎀 ब्राह्मण चोर और राक्षस की कहानी {Bolo Ji Radhey Radhey} 🍄 एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण था। वह गांव से भिक्षा मांग कर अपना गुजरा करता था। उसके पास सर्दी और गर्मी के लिए भी पर्याप्त कपडे नहीं थे। एक दिन जब वह भिक्षा मांगने के लिए गांव गया तो एक यजमान ने उसे बैलों की जोड़ी भिक्षा में दी। 🍄 ब्राह्मण ने भी उसे उन्हें भिक्षा मांग-मांग कर घी और अन्य सामान से उन्हें बहुत तगड़े बना दिया। लेकिन ब्राह्मण के घर से गुजरते हुए एक चोर ने उन्हें देख कर सोचा- इन बैलों को मैं आज रात चोरी करूँगा और इन्हे बेचकर बहुत धन कमाऊंगा। 🍄 चोर रात में ब्राह्मण के घर को निकल पड़ता है लेकिन रस्ते में उसे एक लाल आँखों वाला, लम्बी नाक वाला, बड़े-बड़े दांतो वाला और सुखी हुयी चमड़ी वाला बहुत तगड़ा राक्षस दिखाई पड़ता है। चोर उससे डर जाता है वह भागने ही वाला होता है कि राक्षस उससे पूछता है – अरे! तुम कहाँ जा रहे हो। 🍄 चोर डरता हुआ कहता है- मैं ब्राह्मण के घर बैलों की चोरी करने के लिए जा रहा हूँ। राक्षस कहता है -तुम डरो मत हम एक ही काम करते है तुम बैल चुरा लेना और मैं ब्राह्मण को खा लूंगा इसलिए हम इकट्ठा चलते हैं। 🍄 दोनों ब्राह्मण के घर पहुँच जाते हैं और राक्षश कहने लगता है -पहले मुझे ब्राह्मण को खाने दो, अगर बैलों की चोरी करते समय आवाज हुयी तो वह जाग जायेगा और मुझे भगा देगा। चोर कहता है – नहीं पहले मुझे बैलों की चोरी करने दो अगर ब्राह्मण को खाते समय तुमसे कोई गलती हो गयी तो वह उठ जायेगा और हमें भगा देगा। 🍄 दोनों में शत्रुओं की तरहं लड़ाई हो जाती है और शोर-शराबे से ब्राह्मण जाग जाता है। राक्षश को देख वह अपने देवता के मन्त्रों के उच्चारण लगता है, मंत्रो की शक्ति से राक्षस भाग जाता है और चोर को तो वह डंडे से ही डरा कर भगा देता है। कहानी की शिक्षा:- 🍄 आपस में लड़ते हुए शत्रु हितकारी होते हैं जैसे चोर और राक्षस ब्राह्मण के शत्रु थे अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर उन दोनों के बिच से ब्राह्मण फायदा उठा गया। ©N S Yadav GoldMine #boat अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर दोनों के बिच ब्राह्मण फायदा उठा गया !! 🎀🎀 ब्राह्मण चोर और राक्षस क
CM Chaitanyaa
"श्रीराम चरितावली" प्रस्तावना : जिनका मुख-मंडल देख, अश्रु जल छलके अविराम। वे हैं नील मणि की भाँति, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।। दशरथ के नंदन बड़े अद्भुत,