Find the Latest Status about राहत सामग्री from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, राहत सामग्री.
Nitesh Jawa
पके पकाएं भोजन की लागत ज्यादा और उस भोजन के ताजा रहने की अवधि कम होती हैं ! राहत में भोजन बांटने से अच्छा होगा कि आप लोग एक छोटा राशन सामग्री का किट बांटे ! जो पके भोजन के मुकाबले ज्यादा अवधि तक चल सके व भोजन से कम लागत का होगा ! जिसमे करीब 10 से 15 दिन की जरूरी सामग्री आ जाएं और आपको रोज रोज बांटने की भी जरूरत नही होगी ! जनहित में जारी नितेश जावा राहत सामग्री
राहत सामग्री
read moreNaresh Chandra
गतांक से आगे कृपया अवलोकन अवश्य करें 🙏🙏🙏 ©Naresh Chandra आज तक किसी को भी पता नही उस राहत सामग्री का क्या हुआ फिर जब वहां लाशें सड़ने लगी तो महामारी का खतरा बढ़ता देखआसपास के गांवों के लोगों ने आन्दो
आज तक किसी को भी पता नही उस राहत सामग्री का क्या हुआ फिर जब वहां लाशें सड़ने लगी तो महामारी का खतरा बढ़ता देखआसपास के गांवों के लोगों ने आन्दो
read moreNaresh Chandra
कांग्रेसियों का आपदाओं मे योगदान कृपया कैप्शन मे पढ़े🙏 ©Naresh Chandra मित्रों लाशों के व्यापारी आज कल बहस चल रही है किस सरकार ने आपदा समय में क्या किया तो मुझे 2013 की बाबा केदारनाथ धाम मे भीषण बादल फटने की घट
मित्रों लाशों के व्यापारी आज कल बहस चल रही है किस सरकार ने आपदा समय में क्या किया तो मुझे 2013 की बाबा केदारनाथ धाम मे भीषण बादल फटने की घट
read moreSachin Pathak
शायरी बनाने की विधी। पतीले में थोड़ा सा ग़ालिब लें, अब उसमें मीर और गुलज़ार क पेस्ट डालें, दो -दो चम्मच आशिक़ी, और दर्द मिलाएं, अब थोड़ी देर तक शौहरत की आग पर रखें, और तब तक भूने, जब तक गुलाबी मोहब्बत भूरी न हो जाये। अब उसे तब तक ठंडा होने दे, जब तक गरीबी और लाचारी की खुशबु आने लगे। अब एक पैन में बेवफाई के तेल डालके गर्म करें, उसमे एक एक चम्मच राजा, रंक, फ़क़ीर, डालें। अब उसमें आंसुओं क छौंक दें। अब ये मिश्रण उपर की गरीबी के साथ मिलाएं, ली जिए आपकी ताजा ताजा शायरी तैयार है। शायरी की सामग्री और विधि।
शायरी की सामग्री और विधि। #story
read morePrem Narayan Shrivastava
बगैर तेरे दिल को आराम कहां यह न सोचा तुमने ही कभी हर मोड़ पे गम सजा के इंतजार किया सच कहा मैंने हमें आप ज़ख्म और देकर मुस्कुरा के दिल से नाता तोड़ गए और आंसू में बहा दिया गम को ये सच कहा मैंने निगाह तेरी देखकर मिजाज़ परख लिया ख्वाब तेरा चुरा कर अब दिल ही तुझसे लगा लिया यह सच कहा मैंने बेताब दिल मेरा किस मुकाम पे आया ये समझना पड़ेगा तुझे और आबरू इश्क की ही खो बैठे हैं सच कहा मैंने बात दिल की कहनी थी कह दिया हमने जब अरमां तेरा जब पास मेरे आएगा वापस आ जाऊंगा ये सच कहा मैंने 🙏🙏मेरी इक और नई गज़ल बेताब तमन्ना🙏🙏 ©Prem Narayan Shrivastava #राहत
Ram tiwari
कलम की सिफारिश से, वो कुछ ऐसी नब्ज लिख गए, हर दिल को छू जाए ऐसे लफ्ज़ लिख गए , हमेशा ना सही पर हर मुशायरे में आपकी बात होगी , जिसने देखा वो अक्स बताएगा,जो मिला उसकी जुबां पर हर एक बात होगी। -Ram राहत
राहत
read moreRK SHUKLA
जंग भरी ज़िन्दगी न हमसफ़र न किसी हमनशीं से निकलेगा हमारे पांव का कांटा हमीं से निकलेगा मैं जानता था कि ज़हरीला सांप बन बन कर तिरा ख़ुलूस मेंरी आस्तीं से निकलेगा इसी गली में वो भूखा फ़क़ीर रहता था तलाश कीजे ख़ज़ाना यहीं से निकलेगा बुज़ुर्ग कहते थे इक वक़्त आएगा जिस दिन जहां पे डूबेगा सूरज वहीं से निकलेगा गुज़िश्ता साल के ज़ख़्मों हरे-भरे रहना जुलूस अब के बरस भी यहीं से निकलेगा राहत इन्दोरी राहत
राहत #शायरी
read moreRK SHUKLA
जंग भरी ज़िन्दगी न हमसफ़र न किसी हमनशीं से निकलेगा हमारे पांव का कांटा हमीं से निकलेगा मैं जानता था कि ज़हरीला सांप बन बन कर तिरा ख़ुलूस मेंरी आस्तीं से निकलेगा इसी गली में वो भूखा फ़क़ीर रहता था तलाश कीजे ख़ज़ाना यहीं से निकलेगा बुज़ुर्ग कहते थे इक वक़्त आएगा जिस दिन जहां पे डूबेगा सूरज वहीं से निकलेगा गुज़िश्ता साल के ज़ख़्मों हरे-भरे रहना जुलूस अब के बरस भी यहीं से निकलेगा राहत इन्दोरी राहत
राहत #शायरी
read moreRK SHUKLA
जंग भरी ज़िन्दगी न हमसफ़र न किसी हमनशीं से निकलेगा हमारे पांव का कांटा हमीं से निकलेगा मैं जानता था कि ज़हरीला सांप बन बन कर तिरा ख़ुलूस मेंरी आस्तीं से निकलेगा इसी गली में वो भूखा फ़क़ीर रहता था तलाश कीजे ख़ज़ाना यहीं से निकलेगा बुज़ुर्ग कहते थे इक वक़्त आएगा जिस दिन जहां पे डूबेगा सूरज वहीं से निकलेगा गुज़िश्ता साल के ज़ख़्मों हरे-भरे रहना जुलूस अब के बरस भी यहीं से निकलेगा राहत इन्दोरी राहत
राहत #शायरी
read more