Find the Latest Status about प्राकृतिक आपदा पर कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, प्राकृतिक आपदा पर कविता.
Vivek prajapati
देश के नाम एक संदेश.. आज हमारे देश में जो भी कुछ हो रहा है, यह 2020 हमारे जिंदगी को जीवन को तहस-नहस कर गया है। क्या कुछ नहीं हुआ, यह 2020 में, शुरुआत होते ही कोरोना जैसी महामारी ने दस्तक दे दिया, फिर उसके बाद भूकंप के झटके, ओले का गिरना, तूफान का आना, अब तो एक और मुसीबत टिड्डी दल का आना, हम सब की मुसीबत 2020 में बढ़ा दिया है। क्या हम सब इन मुसीबतों का सामना कर पाएंगे क्या हम सब निकल पाएंगे इन मुसीबतों से। कहते हैं, ना जब प्राकृतिक आपदा आती है, ना तो सबको तबाह करके चली जाती है। वही हुआ है, अब इंसानों ने जितना बर्बाद किया, इस प्रकृति को आज वह सारा हिसाब इंसानों से ले रही है। अब भी संभल जाइए, नहीं तो प्रकृति का इतना बड़ा प्रकोप होगा, जो सब कुछ खोना पड़ेगा और खत्म करके चला जाएगा, इस पूरी पृथ्वी को। बस यही कहना चाहता हूं कि प्रकृति से खिलवाड़ ना करो। उसको अच्छा बनाने की कोशिश करो। #WorldEnvironmentDay प्राकृतिक आपदा
DR. LAVKESH GANDHI
आपदा आपदाओं का वर्ष हैं 2020 तबाही का वर्ष है 2020 कोरोना, अम्फान, निसर्ग, और आगे बाढ़ ही बाढ़ है जीवन पर भारी है यह वर्ष #आपदा # #आपदा वर्ष # #yqbaba#yqdidi#
DR. LAVKESH GANDHI
आपदा आज अनैतिकता की बाढ़ -सी आ गई है तभी तो आज प्रलय की आँधी चल रही है प्राकृतिक आपदाओं से हो रहा बार-बार सामना प्रकृति दे रही मनुष्य को बार-बार अनेक चुनौतियाँ # आपदा # #आपदा की बाढ़# #yqbadhlila #yqaapda #
AJAY PANDEY UJJWAL
बड़े बड़े माफिया वहां पर बिल्डिंग लगे बनाने जब, ऊंचे ऊंचे संयंत्रों से पर्वत लगे सजाने तब। बोझ जरूरत से ज्यादा जब जोशीमठ पर लाद दिया, रूठे रूठे शिव शम्भू फिर ताण्डव लगे मचाने अब।। #_उज्ज्वल ©AJAY PANDEY UJJWAL #_जोशीमठ आपदा
माही मुन्तज़िर
मेरे देश की यही विडम्बना है , दर्द कितना भी हो , दिल बहला ही देते है। ✍️✍️माही #Heart #आपदा
CK JOHNY
वो प्राकृतिक था प्रकृति के नियम मानने वाला था। बदलना प्रकृति का नियम है सो वो भी बदल गया। वो प्राकृतिक था और मैं प्रकृति से जुड़ा था। अब भी धरा सा अपने कक्ष में घूमता हूँ ढूँढता हूँ चारों ओर उसे नित उदय होता हूँ अस्त होता हूँ सदियों से यही अटल स्वभाव है मेरा किसी के बदलने से कहाँ ये बदलता था। वो प्राकृतिक था और मैं प्रकृति से जुड़ा था। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ प्राकृतिक
Rupam sinha
खूबसूरत इस जहां की परी हो तुम, मेरे सपनों में आती हैं जो वही रानी हो तुम, कलियाँ भी खिलने से पहले खूबसूरती तुमसे उधार माँगे ऐसे सुन्दरता की मल्लिका हो तुम ©Rupam sinha # प्राकृतिक