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Shrikant Agrahari
हिंदी काव्य कोश संगठन का, सहृदय कोटि कोटि आभार🙏🙏 माहेश्वर सूत्र (संस्कृत: शिवसूत्राणि या महेश्वर सूत्राणि) को संस्कृत व्याकरण का आधार माना जाता है। पाणिनि ने संस्कृत भाषा के तत्कालीन स्वरूप
Shrikant Agrahari
यदि महेश्वर सूत्र न होता,, यदि महर्षि पाणिनि न होते ,, तो व्याकरण का मूल न होता। शब्दों का कोई समूह न होता।। लिपि के माध्यम से भावनाओ को व्यक्त करने की हमारी,सामर्थ्यता न होती। अक्षर का मेल न होता,भाषाओ का खेल न होता। ©श्रीकान्त अग्रहरि Caption me bhi padhe माहेश्वर सूत्र (संस्कृत: शिवसूत्राणि या महेश्वर सूत्राणि) को संस्कृत व्याकरण का आधार माना जाता है। पाणिनि ने संस्कृत भाषा के तत्कालीन स्वरूप
Divyanshu Pathak
सुनो! तुमने मुझे एक विचार दिया है। हमारी जीवनशैली को चार आश्रमों में विभक्त किया गया है। 1. ब्रह्मचर्य जीवन के पहले 25 साल। 2. गृहस्थ जीवन के अगले 25 साल। 3. वानप्रस्थ जीवन के आगे 25 साल। 4. सन्यास जीवन के अंतिम 25 साल। वैज्ञानिक जीवनशैली थी। चारों के लिए 4 पुरुषार्थ निश्चित किए... 1.धर्म, 2.अर्थ, 3.काम, 4.मोक्ष । एक संतुलित और शानदार जीवन। OPEN FOR COLLAB ✨ #ATतलाश • A Challenge Aesthetic Thoughts! ♥️ इस खूबसूरत चित्र को अपने प्यारे शब्दों से सजाएं|✨ Transliteration: Fir se
kareem malik
#Pehlealfaaz जिंदगी तो सारी उम्र संभालती रही हमे दो पांवो पर मौत के नखरे तो देखो आते ही दिया मुझे चार कंधे चाहिए kareem malik नगरे य मजबूरी
Poet Shivam Singh Sisodiya
जय जय जगन्नाथ शचीर नन्दन | त्रिभुवन कोरे जार चरण वन्दन || 🐚🔅📍🌷 नीलाचले शंख चक्र गदा पद्म धर | नदीया नगरे दण्ड कमण्डलु कर || 🙏🏻 केहो बोले पूरवे रावण बधिला | गोलोकेर वैभव लीला प्रकाश कोरिला || बंगाली महाकवि वासुदेव घोष जय जय जगन्नाथ शचीर नन्दन | त्रिभुवन कोरे जार चरण वन्दन || 🐚🔅📍🌷 नीलाचले शंख चक्र गदा पद्म धर | नदीया नगरे दण्ड कमण्डलु कर || 🙏🏻 केहो बोले पूर
@nil J@in R@J
भोले की कृपा पाने के लिए शिव को प्रसन्न करने के लिए ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जप करने के साथ आप डमरू बजाएं। यदि जप के समय आपके साथ में और भी कोई है तो मंत्र के जप के साथ-साथ ‘बम बम भोले, बम बम भोले’ का भी उच्चारण करते रहे। इससे भोले की कृपा मिलेगी। #NojotoQuote - ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥[1] यह त्रयम्बक "त्रिनेत्रों वाला", रुद्र का वि