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@official_ankit_upp
अक्सर उन कहानियों की सटोरिया बन जाती हैं। जिनको सुनने वाला कोई नही होता । 🥺💔🥀 ©@official_ankit_upp कहानियां रह गई #PhisaltaSamay
Gurudeen Verma
शीर्षक - यही तो जिंदगी का सच है ---------------------------------------------------- सबको पता है और यह सत्य है कि, पहली आवश्यकता है आदमी की, रोटी, कपड़ा और मकान, और इन्हीं के लिए वह, करता है दिनरात इतनी भागदौड़, और बहाता है अपना खून- पसीना, करता है पाप और अनैतिकता भी, जीने को वह सुख- शान्ति से।। भूल जाता है वह, अपनी मंजिल तक पहुंचने में, अपने परिचितों के चेहरे और नाम तक, याद तक नहीं आते हैं उसको, अपने गम और दर्द तक, तोड़कर सभी से अपना रिश्ता वह, जीना चाहता है अकेला होकर, और जी.आज़ाद बनकर वह।। नहीं रहता उसको कुछ भी मतलब, अपने परिचितों और परिवार से, और इसी तरह चला जाता है वह, अंत में अपने सम्बन्ध सभी से तोड़कर, बहुत दूर अपने किसी संसार में, लेकिन वहाँ भी उसको नहीं होता है, किसी से कोई मतलब,प्यार और रिश्ता, यही तो जिंदगी का सच है।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #लेखन
Gurudeen Verma
शीर्षक- हाँ, तैयार हूँ मैं ---------------------------------------------------------- हाँ, तैयार हूँ मैं, क्योंकि--------------, बांध रखा है मैंने अपना सामान चलने को, जूतें भी पॉलिश कर लिये हैं चलने को, और कपड़ें भी बदल लिये हैं मैंने चलने को। हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन मैं तुमसे पूछता हूँ, तुम क्यों कर रहे हो ऐसा ? क्या वहाँ तुम्हारा वश चलता है ? क्या उन्होंने दिया है तुम्हें सन्देश मेरे लिए ? हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन मिट नहीं पा रही है अभी तक, आँखों में वो पुरानी तस्वीरें उनकी, निकल नहीं पा रही है दिल से अभी तक, उनकी वो नुकीली चुभती हुई बातें। हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन डरता हूँ मैं वहाँ आने से, और नहीं करता हूँ उन पर विश्वास, मैं अब दुःखी नहीं रहना चाहता, मुझको अब आगे बढ़ना है। और इसीलिए, हाँ, तैयार हूँ मैं , क्योंकि--------------------। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #लेखन
Sita Prasad
White लेेखन सौन्दर्य जब भी लिखी दास्तान दिल की कलम ने मेरा बखूबी साथ निभाया किसी ने कहा' वाह क्या बात है! ' किसी को मेरा नज़रिया न भाया हैं दिल की बातें भी अजीब इस दरिया में बस कुछ ही हैं नहाते हर एक को दृश्य सुन्दर हैं भाते बिरला ही कोई मनमोहक दिल हैं पाते स्वांग न रचना न बातें बनाना सीधी सी बात है दिल से दिल है मिलाना न अपना चातुर्य किसी को बार- बार दिखाना निर्मल हृदय पूर्ण सामने वाले की बात है समझना तुम कलिमल रहित मुझे अपनाना न मैं तुम्हे परखकर दोस्ती निभाऊँ मेरा तो बस काम ही है लिखना पाठक व दोस्त के घायल मन को सहलाना।। सीता प्रसाद ©Sita Prasad #flowers #कविता #लेखक #लेखन
Raushan Rajput
कुछ कहानियां इंसान के खत्म होने के बाद ही खत्म होती हैं 😓 साला जब तक जिंदा रहो तब तक आपसे आपका दर्द पूछने कोई नहीं आएगा और आप मर जाओ तो लोग तरह तरह की बाते करते की काश बताया होता तो हम कुछ करते 🙏 इस दुनियां में ना इंसानियत बिलकुल खत्म हो चुका है बस Formality Raih Gaya hai ©Ritesh Entertainment Bhojpuri #motivate कुछ कहानियां इंसान के खत्म होने पे खत्म होती है #SAD #sad_feeling
अदनासा-
साहितà¥à¤¯ ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️ यदि कुछ अपने लिए और कुछ समाज के लिए लिखूं, तो कुछ प्रशंसा, कुछ प्रेरणा अवश्य मिलेगी और संभव है कुछ आलोचना (वर्तमान में अपशब्द संभव है) भी, परंतु आवश्यक है स्वयं की अंतरात्मा कहे कि, सत्य लिखा है, साहित्य लिखा है, निष्पक्ष लिखा है, निडरता से लिखा है वह भी बिना किसी प्रलोभन के लिखा है, क्योंकि मैं समाज में विचारता मात्र एक साधारण व्यक्ति हूं, किसी अलौकिक शक्ति का मालिक नही। ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️ ©अदनासा- #हिंदी #साहित्य #लेखन #लेखक #कवि #साहित्यकार #पत्रकार #WForWriters #Instagram #अदनासा
Ankit Upadhyay....
चेहरों के बाजार में आईना भी बेचा गया नजर में आने वालों को नज़रिया भी दिया गया कहानियाँ ईमान की फैली ही नहीं शहर में "अंक" बेईमानियों के प्रसंग से अखबार सजाया गया आसमां बनते-बनते जमीन को कुचला गया चांद -सा रौशन इलाका अंधेरों का होता गया निभाने वाले ईमान पर दाग भी लगाए गए जश्न के माहौल में देश ही बदल गया एक अकेला क्रांति के फिर भी लगाए नारे यहां आँधियों के वार से पेड़ भी लड़ता गया खूब चलते है चाकू कितनों के सीने तलें अखबार के पृष्ठों में देश कहानियाँ पढ़ता गया जनतंत्र करता है शोर रसातल के मेहमान का मोल -तोल करते नहीं है चुनावी-प्रचार का अखबार ही क्या जवाबदेह है? लोकतंत्र के इस विकार का दफ़्तरों में मौन-मुखौटो से दीनों की बात हुई है दीमकों को कागज़ो -सी खुराकी मिल गई है मानवों में दानवों -सा रक्त बह गया है मानो कलमों को कलम ही रहने दो मत प्रलोभन के स्वर को मानो प्रतिवर्ष तन मन की निर्मलता से विवेक,त्याग और कौशलता से फूलों-सा ईमान आता है देश जानूस-सामना के परिवेश में दीमकों का बनता है भेंट ©Ankit Upadhyay.... #traintrack #कविता #भष्टाचार #Corruption #अंक #लेखन #मेरेशब्द #नोजोटो #Nojoto #आलोचक
Himanshu Prajapati
White कहानियां एक तरीका बताती हूं, हमें क्या और कैसे करना चाहिए सच नहीं, Don't Trust All Story Be Aware To Know What is True..! ©Himanshu Prajapati #lonely_quotes कहानियां एक तरीका बताती हूं, हमें क्या और कैसे करना चाहिए सच नहीं, Don't Trust All Story Be Aware To Know What is True..!
Vikrant Rajliwal Show