Nojoto: Largest Storytelling Platform

New कलमे सुरे Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about कलमे सुरे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कलमे सुरे.

    LatestPopularVideo

कॅरियर काउंसलर सोनबोइर केजू राम

सुरे गांव सभा #nojotophoto

read more
 सुरे गांव सभा

सुरमई साहित्य

बे सुरे अल्फाज़......( मनोज अनंग) #शायरी

read more

Praveen Jain "पल्लव"

तलवारों की ताकत कलमे रखती है #WForWriters #पल्लव_की_डायरी

read more
साहित्य   पल्लव की डायरी
समाज और देश का चरित्र
बनकर दर्पण में उभरता है
हल चलो का चलन कवि
रचनाओं में उकेरता है
जब जब पथ भृष्ट समाज होता है
कबीर निराला का दिल
कविताओं में रोता है
सत्ताओ का चरित्र शोषण करता है
तब तब कलमो का लेखन
चुनोती पूर्ण होता है
तलवारों की ताकत
कलमे रखती है
कितने औहदे ऊँचे हो
नेस्तनाबूद करती है
                   प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" तलवारों की ताकत कलमे रखती है

#WForWriters 
#पल्लव_की_डायरी

Harminder Kaur

ABHISHEK SWASTIK

ऐसे ही मिल जाए सच्ची मोहब्बत तो मोहब्बत कहां थी जनाब इश्क़ के अजूबे सफ़र में थोड़ा वक्त लगता है । चलते रहे दरिया के किनारे, और ख्वाइश मंजिल #ishq #yqbaba #yqdidi #yqurdu #yqhindi #yqlove #yqshayari

read more
ऐसे ही मिल जाए सच्ची मोहब्बत तो मोहब्बत कहां थी जनाब
इश्क़ के अजूबे सफ़र में थोड़ा वक्त लगता है ।

चलते रहे दरिया के किनारे, और ख्वाइश मंजिल की थी,
इश्क़ के गहरे समंदर में डूबना तो पड़ता है।

पूरी नहीं हुई रस्म-ए-मोहब्बत तो कहते हैं ज़माने ने बगावत की,
अरे नादान, इस कलमे को समझने में थोड़ा जुल्म तो सहना पड़ता है।

नाम कितने गिनाऊं इश्क़ के सितारों के-2
लैला मजनू, हीर रांझा, देव पारो के
कमबख्त इस दुनियां में ज़माने से लड़ना पड़ता है
मुकम्मल इश्क़ सजाने में हद से गुजरना पड़ता है ।।

-©अभिषेक अस्थाना (स्वास्तिक) ऐसे ही मिल जाए सच्ची मोहब्बत तो मोहब्बत कहां थी जनाब
इश्क़ के अजूबे सफ़र में थोड़ा वक्त लगता है ।

चलते रहे दरिया के किनारे, और ख्वाइश मंजिल

Abhishek Asthana

ऐसे ही मिल जाए सच्ची मोहब्बत तो मोहब्बत कहां थी जनाब इश्क़ के अजूबे सफ़र में थोड़ा वक्त लगता है । चलते रहे दरिया के किनारे, और ख्वाइश मंजिल #ishq #yqbaba #yqdidi #yqurdu #yqhindi #yqlove #yqshayari

read more
ऐसे ही मिल जाए सच्ची मोहब्बत तो मोहब्बत कहां थी जनाब
इश्क़ के अजूबे सफ़र में थोड़ा वक्त लगता है ।

चलते रहे दरिया के किनारे, और ख्वाइश मंजिल की थी,
इश्क़ के गहरे समंदर में डूबना तो पड़ता है।

पूरी नहीं हुई रस्म-ए-मोहब्बत तो कहते हैं ज़माने ने बगावत की,
अरे नादान, इस कलमे को समझने में थोड़ा जुल्म तो सहना पड़ता है।

नाम कितने गिनाऊं इश्क़ के सितारों के-2
लैला मजनू, हीर रांझा, देव पारो के
कमबख्त इस दुनियां में ज़माने से लड़ना पड़ता है
मुकम्मल इश्क़ सजाने में हद से गुजरना पड़ता है ।।

-©अभिषेक अस्थाना (स्वास्तिक) ऐसे ही मिल जाए सच्ची मोहब्बत तो मोहब्बत कहां थी जनाब
इश्क़ के अजूबे सफ़र में थोड़ा वक्त लगता है ।

चलते रहे दरिया के किनारे, और ख्वाइश मंजिल
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile