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yogesh atmaram ambawale
कधी कधी आपलीच आकृती आपल्यासमोर उभी राहते, आणि हसत हसत विचारते ओळखला का ? मीच ती जी तुला तुझी ओळख करून देते. आकृती #withcollabratingyourquoteandmine #collabratingwithyqtaai #ओळख #आकृती #collab #yqmarathiquotes #मराठीकविता कधी कधी आपलीच आकृती आपल्या
Haleema Ali
कुछ इस तरह के पगलयतीपन से ,,, अपराधों को बढावा देते हैं लोग,,,,।। हलीमा✍ #gif #वाह #रे #लाल #पान #वाली #आकृती #Love
Kumar Ajay Bhardwaj
जीवन मे आप किसी और को गिराने से ज्यादा खुद को उठाने पे ध्यान दे क्यों की वास्तव में जो लोग ऊपर उठ गए है उनके पास किसी को निचे गिराने का वक्क्त ही नही है और जो लोग नए है वो खुद को ऊपर उठाने के लिए दूसरों को नीचा गिराने में लगे है ये ही सम्फलता और असफलता का मुख्य लक्षण है ©Kumar Ajay Bhardwaj फॉन्ट
Vinod Umratkar
साथ साथ चलना है हमको पण तू एकटीच जाते सामोरी। आणि मी उदास मनी बघतोय तुझी आकृती "ती" पाठमोरी। साथ साथ चलना है हमको पण तू एकटीच जाते सामोरी। आणि मी उदास मनी बघतोय तुझी आकृती "ती" पाठमोरी। सुप्रभात। तुम जो होगे साथ हमारे, जीवन यह आसान
yogesh atmaram ambawale
कधी कधी आपलीच आकृती आपल्यासमोर उभी राहते, आणि हसत हसत विचारते ओळखला का ? मीच ती जी तुला तुझी ओळख करून देते. #yqbaba #yqtaai #yqdidi #yqquotes #marathiquotes #YourQuoteAndMine Collaborating with dream Deshmukh Collaborating with Sanika Pingale Co
Writer1
Self respect कोई भी सिर्फ #एक #शब्द लिखे #collab with Sangram Dhotre १) अपना फॉन्ट छोटा रखे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लिख पाए #YourQuoteAndMine Colla
Ritik sheoran
तुम्हारा एहसास शाम 6 बजे तक सभी रचनाएँ मान्य होंगी फॉन्ट छोटा और बॉक्स के अंदर लिखें सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक शब्दों की मर्यादा का ध
Dr Jayanti Pandey
मीठी सी 'खुनकी' हौले से हर ओर बिखर जाए, जब बेख्याली के आलम में तुम्हारा ख्याल आए। शाम 6 बजे तक सभी रचनाएँ मान्य होंगी फॉन्ट छोटा और बॉक्स के अंदर लिखें सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक शब्दों की मर्यादा का ध
Insprational Qoute
मुझें अर्श से फर्श पर ले आया तुम्हारा मात्र एक एहसास, मैं कली से फूल हो गई,तेरे होने का आज करती हूँ आगाज। शाम 6 बजे तक सभी रचनाएँ मान्य होंगी फॉन्ट छोटा और बॉक्स के अंदर लिखें सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक शब्दों की मर्यादा का ध