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Shreyansh Gaurav
White इस मुहब्बत क़े ज़ज़्बे कभी भी, ज़माने में कम नहीं होंगे बस वक़्त बीतनें दो, यहीं लोग इंसान बदलते मिलेंगे..! यहाँ लोंगो को देखता हूँ आजकल, बहुत हसीं आती है कहते है तुमबिन मर जायेंगे, अगले पल ही बदल जायेंगे..! आज की तारीख में देखो,कसमों वादों का कोई मतलब है जो जितनी अधिक कसमें खाये, वहीं झूठ बोलते मिलेंगे..! मुहब्बत अब नहीं रहीं लोंगो क़े दरमियाँ, वो पहले जैसी इक़ पल मिलते है,साथ साथ है,अलग अलग निकलेंगे.! मुहब्बत में इंसान कभी इक़ दूजे से अलग ही नहीं होते इसमें इक़ अनजानी अनदेखी डोर से हमेशा बधे मिलेंगे..! मुहब्बत कोई ज़िस्मो की जरूरत नहीं है,अब क्या समझें दूर दूर हो हमसफ़र, फ़िर भी लगेगा हम साथ साथ मरेंगे..! मुहब्बत में वादों की गुंजाइश नहीं, निभाना होता है इसे ईमानदारी से मौके जाया करके, हमेशा यें साथ साथ रहेंगे..!! ©Shreyansh Gaurav #आओ मुहब्बत सिखाता हूँ #आओ मुहब्बत दिखाता हूँ #Thinking
bina singh
White कितने झूठे होते हैं ये लोग न तो अपने होते हैं न ही गैर होते है वक्त बेवक्त आपको ये ज़लील करते है कभी हँसकर तो कभी झल्लाकर कभी मुस्कुरा तो कभी फुसफुसा कर तेरे ही इर्द गिर्द तेरा तिरस्कार करते है वैसे तो ये खुद को तुम्हारा सागा कहते है जब होगी अपनों की जरूरत तो ये झूठी बातें कह ठगा करते हैं सामने से मुस्कुरा कर मिलते हैं जैसे ही नज़र हटी ये जोर - जोर से तेरे ही नाम का शोर गुल करते हैं होते तो हैं ये अपने से अपनापन सा व्यवहार करते हैं जो चार कदम दुख में चलना हो तो गैरों से भी गैर निकलते हैं...by Bina singh ©bina singh #लोग #गैर #दिखावा #अपने #लाइफ #Life
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी चुभ रही हवा चुभन बनकर तन मन कोई सहला रहा हो गुलाबी हुये गाल कोई थप थपा रहा हो मस्ती में माला माल हुये हम अंग अंग अंगड़ाई ले रहा है चुनर धानी उड़ी उड़ी जाये बसन्त अपना जलवा दिखा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Freedom बसन्त अपना जलवा दिखा रहा है
#Freedom बसन्त अपना जलवा दिखा रहा है
read morejameel Khan
White कुछ और अपनी हक़ीक़त के अलावा करते है है कुछ और कुछ और होने का दिखावा करते है जमील ©jameel Khan # दिखावा #
# दिखावा #
read moreINDIANTRUST.IN ( BY.. VISHNU SAINI)
White अच्छे वक्त में अपनापन दिखाने वाले! अक्सर बुरे वक्त में ईद का चांद बन जाते हैं जो ढूंढने पर भी नज़र तक नहीं आते!! ©INDIANTRUST.IN ( BY VISHNU SAINI) #rainy_season #दिखावे_की_दुनिया #दिखावे_के_रिश्ते
#rainy_season #दिखावे_की_दुनिया #दिखावे_के_रिश्ते
read moreVikas sharma
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset कहने को तो सब चुप है फिर भी सुनाई देते है लम्हे बीत गये है जानता हूँ जाने क्यों फिर भी .. अब भी दिखाई देते है ©Vikas sharma #SunSet दिखाई
#SunSet दिखाई
read moreDANVEER SINGH DUNIYA
Unsplash ऐ पागल तुने मुझे चाहा और चाह के भी छोड़ दिया तेरी ऐक्सेप्ट लिस्ट में ना सही ब्लैक लिस्ट में तो हूं तू धन की चाहत में और को याद कर मुझे भूल गई मन से दूर किया तो क्या दिल और दिमाग में तो हूं... ©DANVEER SINGH DUNIYA #snow आइना दिखा
#snow आइना दिखा
read moreusFAUJI
सामाजिक परिवेश को बदलने के लिए हमें अच्छे कर्म से ईर्ष्या नहीं उसको पुरस्कृत करना होंगा। ©usFAUJI जैसा दिखाओगे वैसा ही बनेगा समाज #परिवेश #कर्म #पुरस्कृत #सम्मानित #usfauji #Nojoto
theABHAYSINGH_BIPIN
White रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहारें छाईं, कभी जुदाई से भरी पतझड़ आई। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी रुस्वाई से भरी रातें थीं, तो कहीं जुदाई के आँसू बहाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी उम्मीदों का सूरज उग जाए, कभी बगैर चाँद आसमान सुना हो जाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सपनों को बहार मिली, कभी उम्मीदों पर सितारे गिरे। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी पलकों पे मुस्कानें बिखरीं, कभी दिलों पे ग़मों के छाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी खुशियों का झरना बहा, कभी ख़ामोशियाँ गूंजीं यहाँ। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सर्द हवाओं में आग जली, कभी गर्मी में बर्फ़ पिघली। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। ©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा
#love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा
read moreमनोज कुमार झा "मनु"
Unsplash कौन कितने पानी में है सब दिखाई दे रहा है। सबका दिखावा अच्छे से हमें दिखाई दे रहा है।। समय बदला तो जो मूक थे वो भी बोल रहे हैं, मेरी बुराई पर बहरों को भी सुनाई दे रहा है।। जो गलत है उसको भी सही कह रहे हैं लोग, लगता है कि वो उसकी चमचागिरी कर रहा है।। जो कह रहा था चार दिन से मोबाइल नहीं छुआ, वो चार दिन से ही ऑनलाइन दिखाई दे रहा है।। कितने कमाल के लोगों से रोज मिलते हो "मनु" ये बताओ तुम्हें ये सब कैसे दिखाई दे रहा है।। ©मनोज कुमार झा "मनु" #leafbook सब दिखाई दे रहा है
#leafbook सब दिखाई दे रहा है
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