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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
तुम बनके फिरोन कर रहे हो बेगुनाहों का नरसंहार रफाह में,... फिर कह देते हो सफेद झूठ अपनी ही जुबान सियाह में...... के हमने नहीं मारे मर्द औरत और नौनिहाल रफ़ाह में... जो रब वक्त ए मूसा के फिरोन को कर सकता है गर्क,वही मौजूदा फिरोंन का भी करेगा इंशाल्लाह संहार रफाह में. तकब्बुर,जुल्म की राते बहुत लंबी नही होती,रुक जा ज़ालिम ते रा भी निकलेगा जनाजा इसी रफ़ाह में... हम कैसे मुसलमान है,जो देखती आंखे न हीं करते कुछ हरकते हिमायत निहत्थे रफ़ाह में .... तुमने ही तो की है बमों से बौ छारों की हैवानियते पर रफाह में...., बहुत जल्द देते फिरोगे मेहशर में तुम दुहाई दो जानू दोजख ए जगह में ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #rafah#nojoto तुम बनके फिरोन कर रहे हो बेगुनाहों का नरसंहार रफाह में,..... फिर कह देते हो सफेद झूठ अपनी ही इसी जुबान सियाह में......
#rafahnojoto तुम बनके फिरोन कर रहे हो बेगुनाहों का नरसंहार रफाह में,..... फिर कह देते हो सफेद झूठ अपनी ही इसी जुबान सियाह में...... #writersofindia #poetsofindia #gaza #shamawritesBebaak #All_Eyes_on_Rafah #All_Eyes_on_palestine #All_Eyes_on_free_plestine
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- किसी की किसी से लड़ाई नही है । लबों पे किसी के दुहाई नही है ।। जाँ बीमार की फिर बचाई नही है । हकीमों ने बोला कमाई नही है ।। तड़पता रहा मर्ज़ से वो भी अपने । कहा सबने इसकी दवाई नही है ।। डुबा ही दिया कर्ज़ ने देखो उसको । गरीबों की अब रह नुमाई नही है ।। यही वो जगह है जहाँ पर खुदा ने । सज़ा आदमी को सुनाई नहीं है ।। दिखाओ हमें भी यहाँ शख्स कोई । हुई जिसकी अब तक रिहाई नही है ।। चले ही गये सब जहाँ से थे आये । कभी मौत अपनी बुलाई नही है ।। न देखूँ उसे क्यूँ नज़र भर बताओ । बसी जाँ है जिसमें पराई नही है ।। प्रखर ही सुनाये मुहब्बत के किस्से । मुहब्बत में उसके जुदाई नही है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- किसी की किसी से लड़ाई नही है । लबों पे किसी के दुहाई नही है ।।
ग़ज़ल :- किसी की किसी से लड़ाई नही है । लबों पे किसी के दुहाई नही है ।। #शायरी
read moreDevesh Dixit
जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना है, आती मुसीबत से भी बचना है। कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे, काट कर बातों को वो मेरे। मुझ पर ही हावी हो जाए, काम ऐसा कुछ कर जाए। उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में, शतरंज के फैले इस डेरे में। शह-मात का चलन रहा है, देख पानी सा रक्त बहा है। युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर, कभी नारी की इज्जत पर। भाई-भाई में द्वेष बड़ा है, देखो कैसे अधर्म अडा़ है। खून के प्यासे दोनों भाई, महाभारत की देते दुहाई। प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है, ये जीवन अब खेल हुआ है। सभ्यता ही सब गई है मारी, बुजुर्गों का जीवन ये भारी। मिले नहीं सम्मान उन्हें अब, संतानें ही विद्रोह करें जब। कलियुग का ये प्रभाव सारा, किसने किसको कैसे मारा। संस्कारों की बलि चढ़ी है, मुश्किल की ही ये घड़ी है। होती है ये अनुभूती ऐसी, शतरंज में दिखती है जैसी। .......................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीवन_एक_बिसात #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना ह
#जीवन_एक_बिसात #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना ह #Poetry #sandiprohila
read moreRameshkumar Mehra Mehra
पुरानी बातें मत दोहराना...... हम उनसें उभर गए है......! रिश्तों की दुहाई मत देना....!! जज्बात मर गए है....!!! हाल पूछने मत आना....!!!! घाव भर गए है....!!!!! नही रुकती जिंदगी.... अब किसी के जाने से....!!!!!! जो चले गए जिंदगी से... बो दिल से उतर गए है.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # पुरानी बातें मत दोहराना,हम उनमें उभर गए है,रिश्तों की दुहाई मत देना,जज्बात मर गए है,हाल पूछने मत आना,घाब भर गए है,नहीं रुकती जिंदगी,अब किस
# पुरानी बातें मत दोहराना,हम उनमें उभर गए है,रिश्तों की दुहाई मत देना,जज्बात मर गए है,हाल पूछने मत आना,घाब भर गए है,नहीं रुकती जिंदगी,अब किस
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