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Mou$humi mukherjee
#@4page वाकई में रात होती जा रहीं थी मैनें उसकी ओर देखा वो मुझे ही रह रह कर देख रहा था शायद कुछ कहना था उसे मगर कोशिशो के बावजूद बोल निकल नहीं रहे थे और उसपर से मेरी मनोदशा कुछ उखड़ी सी मैने ही पूछ लिया क्या कुछ कहना हैंॽॽॽ, वो तो जैसे इंतज़ार में ही था कि मैं कुछ पूछूँ और वो अपनी बातो का सारा हाल कह सुनाए। तुम बोल रही थी की तुम्हें घूमना हैं कहीं तो अगर चलना चाहो तो भाभी को बनारस जाना हैं उनका ननीहाल हैं कल सुबह सुबह निकलेंगे और रात को वापस आ जाएंगे । बोलो गर चलना चाहोॽ वो प्रत्युत्तर की अपेक्षा में था वहां मैं तुमलोगो के साथ जाकर क्या करूंगी भाभीजी का घर हैं और मैं अनचाही मेहमान , नहीं फिर कभी । कुछ नहीं हम दोनो बनारस घूमेंगे बाहर ही खाना खाया जाएगा और शाम होने से पहले वापसी की तैयारी कर ली जाएगी और तो और वहां शिव जी का भव्य मंदिर भी हैं गंगा आरती और जाने क्या क्या तुम न मत करो । वो तो जैसे बच्चों को फुसलाकर बात मनवाई जाती हैं बस मुझे भी एसे ही लालचों का अंबार लगा कर मोहित कर रहा था। ठीक है कल बतातीं हूँ । अच्छा ठीक हैं मगर ना नहीं होना चाहिए ।सर्दी सी लग रहीं थी ।मौसम भी करवटें ले रहा था,जाड़े की आहटें थी धीरे-धीरे रात भी हो रही थी उसको जाने को बोला विन कुछ कहें ही घर को रवाना हो गया। बडा अजीब है अभी तक सर पे सवार था और अब बिल्कुल चुपचाप चला गया ।शायद कल सुबह की तैयारी में जुट गया हो अभी से। #story #page-4
A k sahu
यह सब सोचते सोचते ही मै कॉलेज के मेन गेट के अंदर प्रवेश क्या ,अब किस से अपने क्लास रूम के वारे में puchu yah soch ही रहा था में की एक लड़की मेरे ओर देख कर मुस्कुरा रही थी , सोचा इसी से पूछ कर देखूं कैसा रेस्पॉन्स देती हैं hello, हा kya हुआ , कुछ ना जी ,तो फिर, क्या आप B .Com 1st sem के class रूम खोज ने में मेरा हेल्प करोगी ,न मैं नहीं करता किसी का help तो ठीक है फिर ©A k sahu page no .4 #alonesoul
page no .4 #alonesoul
read moreKumarSaimann
Bus me sheet khali nahi thi to maine unhe apni sheet dedi aapko to pata hi hai ki har hindustani ladka apni sheet khali kar hi deta hai gar jab samne ladki hoto Aur wahin ek kinare khada ho gaya lagbhag raat ko 12:00 baze hoge ki bus ek hotel par ruki sabhi log kuchh khane ko utre main bhi bhuka tha to maine maa ke hath ke bane parathe khane suru kar diya. maine dekha ki wo dadi amma aur wo ladki bus se niche nahi utre mujhe laga sayed unka man nahi hai kuchh khane ka fir main parathaa khatam karke jab niche pani ki botal lene bus se utar raha tha ©KumarSaimann kahani page no 4 #citylights
kahani page no 4 #citylights
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