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प्रतिभा त्रिपाठी

बूंद का भाग्य #कविता

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एक बूंद नेह की
 आंखों से गिरी ही थी
गिर गयी 
स्नेह रूपी सीपी में 
बन गयी 
मोती और कितने  हृदयों का
 हार हो गयी।
वही दूसरी ओर 
एक बूंद 
गिरी 
 अभिलाषाओं से लिप्त
 स्वार्थ की मैली सोच पर । 
अब आँखों मे क्रोध है
 कंचोट है
उद्विघ्न मन उलाहने 
सुनकर  
विरोध कर रहा है ।
बूंद अब विषैली हो चली है 
विषधरों के उद्देश्यों 
की कुंठाओं की 
बेदी पर चढ़ने को 
अस्तित्व खोने को बूंद का भाग्य

Sanjit.Rajbhar

प्याज टमाटर की मीनिंग #कॉमेडी

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Jitendra KumarYadav ( jitu)

एक बूंद का घडा #nojotophoto

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 एक बूंद का घडा

Praveen Jain "पल्लव"

#Barsaat बूंद बूंद का भी अपना जलवा है #nojotohindi #कविता

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Aradhana Kavyodaya

प्यार का एक बूंद #poetryunplugged #कविता

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pramod malakar

#बूंद बूंद करके #कविता

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बूंद बूंद करके
""""""""""""""
 बूंद बूंद  करके जो मिलता है  ज्ञान तुम्हें 
दिल    में   समेट      लिया     करो।
चांद  की रोशनी  मिलती है अगर,
अमावस्या    की    रात    भी,
आंखों में समेट लिया करो।
मंद मंद हवाएं बहती है अगर तुम्हारे करीब से,
अपनी   सांसों   में   पीरोलिया  करो।
कहानी किस्मत की ऐसे ही नहीं लिखी जाती,
खुशी और  गम को  चुपचाप पी  लिया  करो।
तुम  भी   शबनम   हो   इस    कायनात   के,
मुस्कुराते   हुए   हर   पल   जी   लिया  करो।
ख्वाहिशें  तो   बहुत  होगी   दिल  में ,
फटे लम्हों को मन के धागों से सी लिया करो ।
आसमान  भी और जगह  ढूंढ रहा है ,
सपनों को  दायरे में समेट लिया करो।
 बूंद बूंद करके जो मिलता है ज्ञान तुम्हें,
दिल में समेट लिया करो।।
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प्रमोद मालाकार की कलम से
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

©pramod malakar #बूंद बूंद करके

Salman Ai

बूंद सा जीवन है इंसान का #शायरी

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Prashant Gurjar

मैं तेरी एक बूंद का प्यासा.... #poem

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मैं तेरे साथ चलता रहा यू कही मंजिल मिल जाये
तुम मुस्कुरा दो यू कहि,मेरी रूखी कली खिल जाये

मैं हर रोज सुखी मिठ्ठी में पेड़ लगता बस इस आस में
हवा चले बदल आये यू कहि ओर बरसात हो जाये मैं तेरी एक बूंद का प्यासा....

hãmräj jhâ

बूंद बूंद 😛+ #Twowords

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कांच के बाहर की परत
मुझ जैसी है।

बूंद जैसी तुम
छूकर गुजरती रहती हो।
न तुम रुकती हो,
न मेरा मन भरता है।

-

©hãmräj jhâ बूंद बूंद 😛+

#Twowords

Anuj Ray

# दो बूंद बरसा के, आंखों का पानी," #शायरी

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