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Radhe Radhe
कह दो ना वो सनम तेरे है तेरे हम दिल के गहराई में बहके बहके कदम जय श्री राधे ©Radhe Radhe दिल के गहराई में,,,
दिल के गहराई में,,,
read morebrar saab
भारत की कौन-सी पर्वत श्रेणी नवीनतम है ? (A) हिमालय (B) सहयाद्रि (C) अरावली (D) सतपुड़ा ©brar saab #makarsankranti #भारत की कौन-सी #पर्वत #श्रेणी नवीनतम है ? (A) हिमालय (B) सहयाद्रि (C) अरावली
#makarsankranti #भारत की कौन-सी #पर्वत #श्रेणी नवीनतम है ? (A) हिमालय (B) सहयाद्रि (C) अरावली
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New Year 2024-25 भारत की उतरी सीमा पर स्थित पर्वत है ? (A) मैकाल (B) हिमालय (C) नीलगिरी (D) अरावली ©brar saab @भारत की #उतरी #सीमा पर स्थित पर्वत है ? (A) मैकाल (B) हिमालय (C) नीलगिरी
The Insecure Being
गौरैय्या की तरह विलुप्त होते आँगन ( तस्वीर हमारे आँगन से) . ©The Insecure Being आँगन
आँगन
read moreRJ VAIRAGYA
White आंख अपनी उम्र भर रोती रही रोज दाने खेत में बोती रही, आश के दीपक सदा ढोती रही।। फेर नजरें वक्त है चलता बना, आंख अपनी उम्र भर रोती रही।। हाथ में मद से भरा प्याला लिए, दौलतें मां बाप की सोती रही।। दोस्ती हमसे सभी करते चले, दुश्मनी है मीत गल जोती रही।। थे बिना पूंजी हर्ष दिन भले, बिछ गई बिस्तर तले थोती रही।। ©RJ VAIRAGYA #sad_qoute त्रिलोचन जी की कविता है #rjharshsharma #rjvairagyasharma
#sad_qoute त्रिलोचन जी की कविता है #rjharshsharma #rjvairagyasharma
read moreAbhishek Jha
Unsplash रात के अंधेरे में, बालकनी में खड़े होकर चाय की चुस्की लेते ही चश्मे पे जमे हुए भाप ने मुझसे कहा, "अंधेरा थोड़ा धुंधला ही अच्छा लगता है।" उसकी सुनता, पर इतने में ही रात की ख़ामोशी बोल पड़ी, "अरे, मुझे बाहर क्या ढूंढता है, मैं तो तेरे अंदर भी हूँ।" तो मैंने उससे पूछा, "अच्छा मुझमें,पर मुझमें कहाँ?" तो बोलती है, "जरा दिल की गहराइयों में उतर के तो सुन, ख़ामोशी हूँ, मेरा एक अलग शोर होता है।" मैं ख़ामोशी की बात सुन ही रहा था, इतने में बालकनी से गुजरती ठंडी हवा ने कहा, "अरे, जनाब पहले चाय तो पी लिजिये, वरना इस अंधेरी रात में खामखा मुझपे इल्ज़ाम लग जाएगा।" बस इतने में ही गुजरते हुए वक़्त ने कहा, "बस कीजिए भाईसाहब, फिर लोग दुनिया को दोष देते हैं, जबकी वक़्त तो अकेलापन बर्बाद कर देता है।" ©Abhishek Jha रात के अँधेरे में
रात के अँधेरे में
read moreAnuradha T Gautam 6280
Unsplash वो मुझे जिंदगी के तौर तरीके सीख रहा था और उसे क्या पता इस जिंदगी की गुरु मां तो मैं ही थी..🖊️ #@2🤦🏻🙆🏻♀️ ©Anuradha T Gautam 6280 जिंदगी के सफर में
जिंदगी के सफर में
read moreGhumnam Gautam
Unsplash दुकाँ तो मिल गई, घर से मगर है छिन गया आँगन उजड़ वीरां हुए हैं सब, नहीं अब मन कोई उपवन कि किसके साथ होना था व किसके साथ होते हैं― कहीं पर तन,कहीं पर मन,यही जीवन-यही जीवन ©Ghumnam Gautam #leafbook #उपवन #आँगन #ghumnamgautam
#leafbook #उपवन #आँगन #ghumnamgautam
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