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Rohit Thapliyal (Badhai Ho Chutti Ki प्यारी मुक्की 👊😇की 🙏)
ज़िन्दगी का सफर छुट्टी(खुदा)- "मेरे प्यारे बच्चों, मानो या ना मानो, ज़िन्दगी एक छुट्टी है, यह जानो... छुट्टी का है सफर छुट्टाना(सुहाना)...खाया नहीं क्या, कभी भुट्टा ना? अरे! {(छुट्टी लेई)-2 ओ ऊ..., (छुट्टी लेई) ओ!}-2 छुट्टी का है सफर छुट्टाना(सुहाना)...खाया नहीं क्या, कभी भुट्टा ना? अरे! बजी क्या घँटी🔔? क्या हो गई छुट्टी?🤔😁👊😇" @बधाई हो छुट्टी की प्यारी मुक्की👊😇 की🙏 🤔🤣👊😇🙏#Life #BadhaiHoChuttiKi #jindgikasafar छुट्टी(खुदा)- "मेरे प्यारे बच्चों, मानो या ना मानो, ज़िन्दगी एक छुट्टी है, यह जानो... छुट्टी का ह
🤔🤣👊😇🙏Life #BadhaiHoChuttiKi #jindgikasafar छुट्टी(खुदा)- "मेरे प्यारे बच्चों, मानो या ना मानो, ज़िन्दगी एक छुट्टी है, यह जानो... छुट्टी का ह #Poetry #Art #Humour #Love #story #Thoughts #Truth #Inspiration #Comedy #philosophy #psychology #संगीत #गाना #ज़िन्दगीकासफर #CTL #OpenPoetry #rimix #ज़िन्दगीएकसफरहैसुहाना
read moreCharudatta Thorat . in Abhyasaka
|| गुप्तज्ञान दत्ताश्रयम् || सर्वेक हरिरूपातळी | सुख सदा लायिं हरिपूर्ण || सर्वेक धन्यता अमृतमयः | आश्रयीत चित्त भावपूर्णः || सेवेंसीं सदैव
|| गुप्तज्ञान दत्ताश्रयम् || सर्वेक हरिरूपातळी | सुख सदा लायिं हरिपूर्ण || सर्वेक धन्यता अमृतमयः | आश्रयीत चित्त भावपूर्णः || सेवेंसीं सदैव #Indian #Trending #spiritual #nojotophoto #ॐ #मराठी #letest #nashik #charudattaThorat #CMThorat #kavyavishnusadan #IndianYogi #महाराष्ट्रधर्म #नशामुक्तसमाज
read moreVATSA
जिनगी भर ईहै सोचलेस हमार माई बेटवा कुछ पढ़ लेई कुछ तो कमाई अपने दुखवा के आज तक ढोवत बाटै ए भाई, माई मोर रोवत बाटई. शहर के हर ऐशो आराम दई देई टोटी वाला नलका और सामान दई देई हमार रहियाँ उ आज तक जोहत बाटै ए भाई, माई मोर रोवत बाटई. #माई #vatsa #mothersday #yqdidi #yqbaba जिनगी भर ईहै सोचलेस हमार माई बेटवा कुछ पढ़ लेई कुछ तो कमाई अपने दुखवा के आज तक ढोवत बाटै ए भाई, माई
#माई #vatsa #MothersDay #yqdidi #yqbaba जिनगी भर ईहै सोचलेस हमार माई बेटवा कुछ पढ़ लेई कुछ तो कमाई अपने दुखवा के आज तक ढोवत बाटै ए भाई, माई
read moreCharudatta Thorat . in Abhyasaka
|| गुप्तज्ञान दत्ताश्रयम् || सर्वेक हरिरूपातळी | सुख सदा लायिं हरिपूर्ण || सर्वेक धन्यता अमृतमयः | आश्रयीत चित्त भावपूर्णः || सेवेंसीं सदैव
|| गुप्तज्ञान दत्ताश्रयम् || सर्वेक हरिरूपातळी | सुख सदा लायिं हरिपूर्ण || सर्वेक धन्यता अमृतमयः | आश्रयीत चित्त भावपूर्णः || सेवेंसीं सदैव #Indian #Trending #spiritual #nojotophoto #ॐ #मराठी #letest #nashik #charudattaThorat #CMThorat #kavyavishnusadan #IndianYogi #महाराष्ट्रधर्म #नशामुक्तसमाज
read moreराजेश कुशवाहा 'राज'
मानई के परी बाति मानई के परी, घरे मा रहि के जियू जियाये परी। मानई के परी.....।। जियू पियार होत है जानई के परी, सब मेर क जतन कै बचाबै के परी। मानई के परी.....।। "कोरोना" जान लई लेई बचई के परी, उपाय अब दूरी बनाय रहई के परी। मानई के परी.....।। हाँथ मुह खुब बढ़िया से धोबई के परी, खुद करे परी औ दुसरे क बताये परी। मानई के परी.....।। मौका अच्छा है परिवार के साथ रही, नही फेर साथ छोड के जाय के परी। मानई के परी.....।। राज जिन्दगी बचाबई के माने परी, प्रिय जनन से कुछ दूरी बनाए परी। मानई के परी.....।। सरकार डॉक्टर पुलिस क निस्चिँत करी, "कोरोना" का अपने इहा से भगाए परी। मानई के परी.....।। अपना पंचे "लॉकडाउन" के पालन करी, नही प्रशासन क जबर्दस्ती कर्बाबई के परी। मानई के परी.....।। #कुशवाहाजी मानई के परी बाति मानई के परी, घरे मा रहि के जियू जियाये परी। मानई के परी.....।। जियू पियार होत है जानई के परी, सब मेर क जतन कै बचाबै के परी
मानई के परी बाति मानई के परी, घरे मा रहि के जियू जियाये परी। मानई के परी.....।। जियू पियार होत है जानई के परी, सब मेर क जतन कै बचाबै के परी #कविता #कुशवाहाजी #कोरोना
read moreHariom
कबीर परमेश्वर जी जिंदा सन्त रूप में जम्भेश्वर जी महाराज (बिश्नोई धर्म प्रवर्तक) को समराथल में आकर मिले थे। अपना तत्वज्ञान समझाया। उन्होंने अ
read moreराजेश कुशवाहा 'राज'
!!मलकिनिया के पापड़!! - भाग-1 आजु बताइथे हमहूं अपने, मलकिनिया के हाल। हर बातिनि में दिनभर उ, चलति हां आपन चाल।। बइठ रहन आफिस में अपने,आबा उनखर काॅल। कहिन किराना औ तरकारी, लइ आबा तत्काल। हमहूं आसउं चिप्स बनायब, लइअउब आलू लाल। कलर त बिल्कुल भूलब न, पीला हरा औ लाल।। एतना कहिके काटि दिहिन, फोनबा उ तत्काल। का कही फेर आपन हालत, जाने हर माई के लाल।। फेर हमहूं चलि दिहन बंजारे, फटफटिया लै तत्काल। सगल बजारे खुब ढूंढन पै, आलू मिली न लाल।। फेर त हमहूं फोन लगायन, कहन बजारे के हाल। तब बताइन कि आलू लई लेई, उज्जरि होई या लाल।। एतने तक त ठीक रहा पै, आगे बढ़ी बवाल। जब कहिन की बिल्कुल भूलब न, पीला हरा औ लाल।। आगे कहिन बनाउब पापड़, जीरा सौंफ सब डाल। दाना साबुन वाला लेआउब, नही घर में गली न दाल।। एतना कहिके काटि दिहिन, फेर फोनबा उ तत्काल। तब हमहूं सामान लिहन, औ घर पहुंचन तत्काल।। नाश्ता पानी दिहिन नही, पहिलेन करिन सवाल। लइ आयन की नही बताई, साबुन आलू औ रंग लाल।। हमहूं रहन मनइ मन गुस्सा, चेहरा पड़ा रहा सब लाल। दिहन सामान पटकि मूड़े म, फेर भगन दूर तत्काल।। आजु बताइथे हमहूं अपने, मलकिनिया के हाल। आजु बताइथे हमहूं अपने, मलकिनिया के हाल।। ----कुशवाहाजी ©राजेश कुशवाहा !!मलकिनिया के पापड़!! आजु बताइथे हमहूं अपने, मलकिनिया के हाल। हर बातिनि में दिनभर उ, चलति हां आपन चाल।। बइठ रहन आफिस में अपने,आबा उनखर काॅल।
!!मलकिनिया के पापड़!! आजु बताइथे हमहूं अपने, मलकिनिया के हाल। हर बातिनि में दिनभर उ, चलति हां आपन चाल।। बइठ रहन आफिस में अपने,आबा उनखर काॅल। #कविता #standAlone #कुशवाहाजी
read moreराजेश कुशवाहा 'राज'
--------- मलकिनिया के पापड़------- -------------भाग-2--------------- ---------बघेली रचना क्रमांक-3------ आजु बताइथे हमहूं अपने, मलकिनिया के हाल। हर बातिनि में दिनभर उ, चलति हां आपन चाल।। आगे का सुनि लेई हाल, भगन दूर वहां से तत्काल। सोचन पहिले जान बचाई, नही त मचि जई तुरत बवाल।। पै जब उ सामान दिखिन, तब आबा हमरउ खयाल। नाश्ता पानी सब लइ आईं, फेर मत पूछी हाल।। बड़े प्रेम से उ बोलिन, पूछिन एक ठे सवाल । पहिले पापड़ कि चिप्स बनाई, चलिन उ फेर से चाल।। हमहूं त कम नही रहन, समझि गयन तत्काल। सोचन पुनि कुछ बाति बनाई, नही त मची बवाल।। कहन दुनउ क साथे बनाबा, काहे रखबा झंझट पाल। सुखई न त होई बेकार, मौसम बदलत है तत्काल।। हम काटीथे चिप्स लिआबा,पापड़ बनाबा जीरा डाल। दुनहू जने करीथे काम, काहे रखबा झंझट पाल।। फेर दुनहू जन चिप्स बनायन, पापड़ जीरा डाल। रंग डारि रंग-रोगन किन्हन, पीला हरा औ लाल।। "राज" कहिन की राज न राखा, न राखा कउनौ मलाल। इ पावन रिश्ता है आपन, एका रखा संभाल।। नोक-झोक औ राग विराग, सदा हबै इह काल। हमरन क इ जोड़ी राखा, ऐसई गौरा औ महाकाल।। इ कविता है हसै के खातिर, समझी न कउनौ जाल। बस मलकिन के प्यार छुपा है, समझी न कउनौ चाल।। अपनऊ पंचे रखी बनाइके, आपन प्रेम सम्भाल। जउने एक दूसरे के दिल म, रहइ न कउनौ सवाल।। आजु बताइथे हमहूं अपने, मलकिनिया के हाल।। आजु बताइथे हमहूं अपने, मलकिनिया के हाल। -------कुशवाहाजी ©राजेश कुशवाहा --------- मलकिनिया के पापड़------- -------------भाग-2--------------- ---------बघेली रचना क्रमांक-3------ आजु बताइथे हमहूं अपने, मलकिनिया के
--------- मलकिनिया के पापड़------- -------------भाग-2--------------- ---------बघेली रचना क्रमांक-3------ आजु बताइथे हमहूं अपने, मलकिनिया के #कविता #standAlone #कुशवाहाजी
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