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Shubham Agarwal

# कुछ अटके टेढ़े मेढे ख्याल

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कैसे बताऊं मैं तुम्हें मेरे लिए तुम कौन हो
ठंड में अदरक की चाय की चुस्की हो तुम
वो बारिश की पहली बूंद हो तुम
सुबह की पहली किरण भी तुम रात में जगमाता चाँद भी तुम
मेरे दिल धड़कने का ज़रिया हो तुम
मेरी नज़र से देखो तो मेरे लिए खुदा हो तुम
मेरी साँसों का अर्थ हो तुम
मेरी ज़िंदगी की ग़ज़ल हो तुम
मेरी पानीपुरी का तीखा पानी हो तुम
गुलाब जामुन के साथ की आइसक्रीम हो तुम
मेरी दोस्त भी तुम मेरी हमसफर भी तुम
पर...पर कैसे बताऊँ में तुम्हें मेरे लिए कौन हो तुम ।

                                               -शुभम् # कुछ अटके टेढ़े मेढे ख्याल

Vaishali Kahale

इस दिवाली पर बनाएं खस्ता मेथी #मठरी , How to make Namkeen #Mathri https://www.youtube.com/watch?v=g8DAy9hUP_A

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इस दिवाली पर बनाएं खस्ता मेथी #मठरी , How to make Namkeen #Mathri https://www.youtube.com/watch?v=g8DAy9hUP_A

Harsh R

वो टेढ़े-मेढे मोड़ ......। 😊😊❣❣🙈🙈 #vivu #ekbihari #yqdidi #yqhindi #YourQuoteAndMine

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अब कदम वही रोक लो ,
अब मुलाकात नहीं होगी ,
तुमने आते आते देर कर दी अब
 ये नदी उस सागर से कभी नही मिलेगी वो टेढ़े-मेढे मोड़ ......।

😊😊❣❣🙈🙈




#vivu #EkBihari #yqdidi #yqhindi    #YourQuoteAndMine

Mukesh kumar dewangan

#MountainPeak कोई तो बताओ, इन पहाड़ों के टेड़े – मेढे रास्तों में चलकर भी ये पहाड़ी इतना सीधा – साधा कैसे बना रह सकता है।

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कोई तो बताओ, इन पहाड़ों के टेड़े – मेढे रास्तों में चलकर भी ये पहाड़ी इतना सीधा – साधा कैसे बना रह सकता है।

©Mukesh kumar dewangan #MountainPeak कोई तो बताओ, इन पहाड़ों के टेड़े – मेढे रास्तों में चलकर भी ये पहाड़ी इतना सीधा – साधा कैसे बना रह सकता है।

Raahul Kant

अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया, बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया। देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा। किसी #shayri #Quote #Kids #Hawas #raahulkant #justmushayra

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अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया,
बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया।
देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा।
किसी की हवस ने मुझे पाप की गठरी बना दिया।।

©Raahul Kant अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया,
बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया।
देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा।
किसी

Harsh R

वो टेढ़े-मेढे मोड़ ......। 😊😊❣❣🙈🙈 #vivu #ekbihari #yqdidi #yqhindi #YourQuoteAndMine

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मिलने के बहाने हज़ार बनाले पर वो बात नहीं होगी
अब सदिया बीत जायेगी लेकिन ये कहानी पूरी नहीं होगी वो टेढ़े-मेढे मोड़ ......।

😊😊❣❣🙈🙈




#vivu #EkBihari #yqdidi #yqhindi    #YourQuoteAndMine

Sanjeet Kumar

मोहब्बत के गाड़ी में ब्रेक नहीं होती... जरा संभल के चलना,, टेढे -मेढे डगर मिलेंगे... संतुलन न हो जिसकी रफ़्तार में.. अक्सर वह गिर जाया

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मोहब्बत के गाड़ी में ब्रेक नहीं होती... 
जरा संभल के चलना,, 

टेढे -मेढे  डगर मिलेंगे... 

संतुलन न हो जिसकी रफ़्तार में.. 
अक्सर वह गिर जाया करते हैं...! ! मोहब्बत के गाड़ी में ब्रेक नहीं होती... 
जरा संभल के चलना,, 

टेढे -मेढे  डगर मिलेंगे... 

संतुलन न हो जिसकी रफ़्तार में.. 
अक्सर वह गिर जाया

Rakesh frnds4ever

#उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनि #जीवन #मनुष्य #दुनिया #ज़िन्दगी #ज़िन्दगी #रिश्तों #धरती #AdhureVakya

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उलझन इस बात की है कि   हमें .......उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
दुनिया के झमेले की या  मन के अकेले की
पैसों की तंगी की 
या जीवन कि बेढंगी की
रिश्तों में कटाक्ष की 
या फिर किसी बकवास की
दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की
अपनी व्यर्थता की 
या ज़िन्दगी की विवशता की
खुद के भोलेपन की 
या फिर लोगो की चालाकी की
अपनी खुद की खुशी की 
या दूसरों की चिंता की
खुद की संतुष्टि की
 या फिर दूसरों से ईर्ष्या की
खुद की भलाई की
 या फिर दूसरों की बुराई की
धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की
मनुष्य की कष्टता की
 या धरती मां की नष्टता की
मानव की मानवता की 
या फिर इसकी हैवानियत की
बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की
प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,,
विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की
बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की
,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों
 या उनके समस्याओं या समाधानों 
या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,,
की हम किस बात की उलझन है..==...........

rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,,
हमें ......
उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी #मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
#दुनि

आलोक कुमार

आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

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बस यूँ ही चलते-चलते .........
जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

Raj

# इंसान की सफलता की# #विचार

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