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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Jk
marathi kavita ©Jk https://youtu.be/dqw3xuTrzL4?si=r54kFHAtEhBVHrgX बंध रेशमाचे मराठी कविता Plz watch on YouTube also Share comment & also subscribe my YouTu
कवि: अंजान
White कहाँ ढूँढू सुकून तुझें इस जमानें में बिन राम के सुख कोई काम न आने में। वो किनारें भी ठहरे तो क्या ठहरें 'अंजान' मज़ा तो हैं राम नाम में डूब जानें में। ©कवि: अंजान #mountain #श्रीराम #Bhakti #Poetry #Shayari #भक्ति #भजन #कविता #शायरी
Shivkumar
White ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी ऊँचे बन जाओ । ये सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो गहराई सा उसको लाओ । तुम समझ रहे हो न वो क्या कहती है , तु उठ-उठ कर और गिर-गिर कर तटल तरंग सा । तु भर ले अपने इस मन में , तेरी मीठी-मीठी बोल और ये मृदुल उमंग सा ॥ पृथ्वी कहती के ये धैर्य को न छोड़ो , इस सर पर भार कितना ही हो । नभ कहता फैलो इतना कि , तुम ढक लो ये सारा संसार को ॥ ©Shivkumar #mountain #Mountains #Nojoto #कविता ये #पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी #ऊँचे बन जाओ । ये #सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो
Niranjana Verma
White हर मौसम में कुछ बात होती है,पतझड़ के बाद बसंत की शुरुआत होती है,पुराने पत्तो का डाल से गिर जाना ही बेहतर है तभी तो नए पत्तो के आगवन कि शुरुआत होती है ©Niranjana Verma #mountain मौसम
- चाणक्य (के अनकहे लफ्ज़)
कई बार भगवान हमारी योजनाओं को फेल कर देते है, क्योंकि उस वक्त भगवान जानते हैं कि नहीं तो ये योजनाएं हमें बुरे तरीके से फेल करने वाली है। . ©- चाणक्य (के अनकहे लफ्ज़) कहन #GingerTea #कविता #शायरी #लव #Poetry #poem #Radhe #New #story
निशब्द
ARTI JI
White जीवन का इम्तिहान आसान नहीं होता, बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता, जब तक ना पड़े हथौड़े की मार, तब तक तो पत्थर भी भगवान नहीं होता..!!! ©ARTI JI #mountain #IPL #IPL2024 #लव #hunarbaaz #शायरी #कविता #मोटिवेशनल #कोट्स #कॉमेडी
- चाणक्य (के अनकहे लफ्ज़)
Black लक्ष्य को देखकर बढ़ेंगे तो मुसीबत दूर हो जाती है, एवं 'मुसीबत" को देखकर बढ़ेंगे तो लक्ष्य दूर हो जाता है - चाणक्य (के अनकहे क्योटस) . ©AV official ⤴️ #Thinking #कहानी #कविता #शायरी #Life #story #shyari #Love
Rabindra Kumar Ram
यूं हासिल होने को हम भी हो जाये , हमें मुहब्बत से भी चाहे कभी कोई . " ये इल्म तेरा यकीनन इल्म तेरा ही हो , तुम हमारे ख़सारे पे ग़ैर तो फ़रमाओ . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram यूं हासिल होने को हम भी हो जाये , हमें मुहब्बत से भी चाहे कभी कोई . " ये इल्म तेरा यकीनन इल्म तेरा ही हो , तुम हमारे ख़सारे पे ग़ैर तो फ़रम