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R.rajdoot
कैसे तेरे बगैर, घर बसालूं मैं ? ख़ुद का जग ख़ुद हीं हसा लूं मैं तेरे होने का वहम कैसे पालूं मैं? तुझे याद करू फिर मुस्कुरा लूं मैं या ख़ुद के हाथों जहर खा लूं मैं तेरे होने का वहम कैसे पालूं मैं? ©R.rajdoot कैसे तेरे बगैर, घर बसालूं मैं ? ख़ुद का जग ख़ुद हीं हसा लूं मैं तेरे होने का वहम कैसे पालूं मैं? तुझे याद करू फिर मुस्कुरा लूं मैं या ख़ुद
Ankur tiwari
बचपन से है सीखा हमने ज़िद को छोड़ो और सबर करो हर एक विकट स्थिति में न आपा खोओ बस धीर धरो यह वक्त का पहिया हैं देखो चलता रहता टिकता ही नही तुम अच्छे कर्म रहो करते मत सोचो क्या है बुरा क्या सही यह बात सुना करता ही गया हर विपदा से लड़ता मैं गया फिर भी न सुलभ हुआ जीवन इसके पाटों में पिसता ही गया वो दिन भी देखें हैं मैंने जब एक वक्त की भी ना रोटी थी फैला के हाथ भी देखें थे पर क़िस्मत अपनी तो खोटी थी था सब्र कि अगले पल शायद कही से तो कोई हाथ मिले जिन हाथों में हो अन्न ज़रा, छुधा गर्भ की जिससे शांत रहें हर किसी ने केवल देखा और फिर मुंह अपना मुझसे मोड़ लिया कोई हसा मेरे हालातों पर पर ना किसी ने मुझको ठौर दिया उस वक्त से गुजरा हुआ हूं मैं जिसमें लोग गुजर जाते हैं यहां अच्छा करने वालों के संग अच्छा हो हुआ मैंने न सुना ©Ankur tiwari #WoNazar बचपन से है सीखा हमने ज़िद को छोड़ो और सबर करो हर एक विकट स्थिति में न आपा खोओ बस धीर धरो यह वक्त का पहिया हैं देखो चलता रहता टिक
Ankur tiwari
गम चाहें कितने भी हो अपनी हसी में छुपा लेता हूं मुफसिली में भी हर रिश्ता भरसक निभा लेता हूं और अंजान पसंद नहीं है मुझे लोगो के उदास चेहरे मैं खुद का मज़ाक बना दूसरो को हसा देता हूं ©Ankur tiwari गम चाहें कितने भी हो अपनी हसी में छुपा लेता हूं मुफसिली में भी हर रिश्ता भरसक निभा लेता हूं और अंजान पसंद नहीं है मुझे लोगो के उदास चेहरे म
Prerana Jalgaonkar
कोकणातली गंमत...(लेख👇)— % & दहावीची परीक्षा संपल्यावर मी माझ्या कुटुंबासोबत आजोबांच्या गावी कोकणात म्हणजेच अंजनवेलला गेले होते.मामांनी नवीन घर बांधलं होतं त्याची पूजा ह
Prerana Jalgaonkar
मी लिहिलेलं एक पत्र प्रिय बाई, ( पूर्ण पत्र 👇) प्रिय बाई, नुकताच शिक्षक दिन होऊन गेला.तुम्ही शिकवलेलं सर्व आठवत अजून. तसं एरव्ही काही लिहिताना, वाचताना, वाचलेलं समजून घेताना तुमची आठवण आल
Prerana Jalgaonkar
कोकणातली गंमत...(लेख👇)— % & दहावीची परीक्षा संपल्यावर मी माझ्या कुटुंबासोबत आजोबांच्या गावी कोकणात म्हणजेच अंजनवेलला गेले होते.मामांनी नवीन घर बांधलं होतं त्याची पूजा ह
Prerana Jalgaonkar
मी लिहिलेलं एक पत्र प्रिय बाई, ( पूर्ण पत्र 👇) प्रिय बाई, नुकताच शिक्षक दिन होऊन गेला.तुम्ही शिकवलेलं सर्व आठवत अजून. तसं एरव्ही काही लिहिताना, वाचताना, वाचलेलं समजून घेताना तुमची आठवण आल
Kulbhushan Arora
सठियाने का मतलब😂😂 ये पोस्ट आप सभी के कमेंट्स के लिए है, सुबह जो testimony दी थी खुद को.... सठियाने से मेरा मतलब पगलाने से नहीं था....late 60,s में हूं... साठ
Kulbhushan Arora
उस रात बरसों बाद छत पे गया चांद मिला उदास सा चांदनी पड़ी मुरझाईं सितारे टिमटिमाते आंसूओं की परछाई इक सितारे ने देखा मुझे हाथ हिला, मु
Kulbhushan Arora
कल रात मेरा छत पे चले जाना, सर उठा ,आसमान में खो जाना, सितारों का टिमटिम टिमटिमाना, मानो कोई हाथ लग गया खज़ाना। सितारों की भीड़ में इक सितारा जगमगाया, मुस्कराते हुए बच्चे सा उसने हाथ हिलाया, तुम भी भूल गए ना, सितारा उदास नज़र आया मेरी आंखों में भी आंसू का सितारा झिलमिलाया। सितारा बोला, याद है बचपन में हम कितना खेला करते थे, तुम जुगनू पकड़, मुट्ठी बंद कर लिया करते थे, हमें देख तुम , अक्सर यही कहा करते थे, देखो देखो पकड़ लिया तुम्हें तब हम कितना हसा करते थे। कहां खो गए तुम, इस दुनिया की भीड़ में, कहां दौड़ रहे तुम, इस बेरहम होड़ की दौड़ में, देखो, रोज़ न सही, कभी कभी तो मिलने आया करो, तुमसे बातें करना, तुम्हारी बातें सुनना, बड़ा अच्छा लगता है.😍..😍😍😍 Hii writers 😊 Good evening Collab with earlybirdzone and add your thoughts on this beautiful background Thank you Miss Glory for your sug