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netrapal bharat
" चार वेद " 1. ऋग्वेद 2.यजुर्वेद 3.सामवेद 4. अथर्ववेद ©netrapal bharat वेद
'मनु' poetry -ek-khayaal
वेद के पहले न सत्य था न असत्य, प्रथम वेद में देवता भी उन्हें माना गया जो दृश्यमान प्राकृतिक शक्ति उर्जा स्त्रोत एवम तत्व थे, प्रथम वेद स्तुति संग्रह है, मानव बुद्धि के विकास के साथ साथ समाज और ईश्वर की धारणा को बल दिया गया। 'मनु' वेद
Ruchi Sharma
शक्ति है भक्ति है जन्मों की मुक्ति है जीवन का ये संपूर्ण सार है... युग युग से कण कण में सृष्टि के दर्पण में वेदों की कथा अपार है.. धर्मो की गाथा है देवों की भाषा है सदियों के इतिसाह को प्रणाम है... ©Ruchi Sharma वेद सार
manoj kumar jha"Manu"
"यत्पुरुषेण हविषा देवा यज्ञमतन्वते। वसन्तोSस्यासीदाज्यं ग्रीष्मSइध्म: शरद्धवि: ..."।। देवताओं ने उस (विराट) पुरुष के शरीर में ही हविष्य की भावना करके यज्ञ सम्पन्न किया। इस यज्ञ में वसन्त ऋतु घृत, ग्रीष्म ऋतु इन्धन और शरद ऋतु हविष्य हुए अर्थात देवताओं ने इनमें यह भावना की। (इस मंत्र में सृष्टि रूप यज्ञ का वर्णन)। पुरुषसूक्त वेद पढ़ो
वेदों की दिशा
।। ओ३म् ।। कः स्वि॑देका॒की चर॑ति॒ कऽउ॑ स्विज्जायते॒ पुनः॑। किस्वि॑द्धि॒मस्य॑ भेष॒जं किम्वा॒वप॑नं म॒हत्॥ पद पाठ कः। स्वि॒त्। ए॒का॒की। च॒र॒ति॒। कः। ऊँ॒ऽइत्यूँ॑। स्वि॒त्। जा॒य॒ते॒। पुन॒रिति॒ पुनः॑। किम्। स्वित्। हि॒मस्य॑। भे॒ष॒जम्। किम्। ऊँ॒ऽइत्यूँ॑। आ॒वप॑न॒मित्या॒ऽवप॑नम्। म॒हत्॥ हे विद्वानो ! हम लोग तुम को पूछते हैं कि (कः स्वित्) कौन (एकाकी) एकाएकी अकेला (चरति) विचरता है? (उ) और (कः, स्वित्) कौन (पुनः) बार-बार (जायते) प्रगट होता है? (किम्, स्वित्) क्या (हिमस्य) शीत का (भेषजम्) औषध और (किम्) क्या (उ) तो (महत्) बड़ा (आवपनम्) बीज बोने का स्थान है? ॥ Hey scholars! We ask you (who: self) who is (lonely) lonely (charati) wandering? (A) and (A: self), who (again) appears again and again (jayate)? (Kim, Svitta) Is (Himsya) Cold (Bheshajam) Drug and (Kim) Is (U) So (great) big (Aappanam) is the place of sowing seeds? ( यजुर्वेद २३.९ ) #यजुर्वेद #वेद
Risabh shukla
इस दुनिया में कुछ भी अनमोल नही है समय एक दिन सबको मिट्टी में मिला देगा ।।ऋआ फाउंडेशन।। ©Prakash Pandit वेद गर्ग
वेदों की दिशा
।। ओ३म् ।। यो रे॒वान् योऽअ॑मीव॒हा व॑सु॒वित् पु॑ष्टि॒वर्द्ध॑नः। स नः॑ सिषक्तु॒ यस्तु॒रः ॥ पद पाठ यः। रे॒वान्। यः। अ॒मी॒व॒हेत्य॑मीऽव॒हा। व॒सु॒विदिति॑ वसु॒ऽवित्। पु॒ष्टि॒वर्द्ध॑न॒ इति॑ पुष्टि॒ऽवर्द्ध॑नः। सः। नः॒। सि॒ष॒क्त्विति सिषक्तुः। यः। तु॒रः ॥ (यः) जो वेदशास्त्र का पालन करने (रेवान्) विद्या आदि अनन्त धनवान् (अमीवहा) अविद्या आदि रोगों को दूर करने वा कराने (वसुवित्) सब वस्तुओं को यथावत् जानने (पुष्टिवर्द्धनः) पुष्टि अर्थात् शरीर वा आत्मा के बल को बढ़ाने और (तुरः) अच्छे कामों में जल्दी प्रवेश करने वा करानेवाला जगदीश्वर है (सः) वह (नः) हम लोगों को उत्तम-उत्तम कर्म वा गुणों के साथ (सिषक्तु) संयुक्त करे ॥ (Yah) Those who follow Vedasastra (Revanism), etc. Eternal wealth (Amivah), Avidya etc. To get rid of diseases and get (Vasuvit) to know all things accurately (Confirmation): Confirmation means to increase the strength of body or soul and Jagadishwar is the one who enters early in good deeds (s) He (nah) combines us with good works and virtues (sishktu) ( यजुर्वेद .३.२९ ) #वेद #मंत्र