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Ek villain
अग्निवीर योजना के बाद इसके सफल और त्रिभुज के रेवंत पर विशेष ध्यान देने को बहुत आवश्यकता है हाल ही में रूस यूक्रेन के बीच लंबे युद्ध ने भारत के लिए बहु आयामी चुनौतियों को समझने का अवसर दिया है हमारे दो शत्रु चीन और पाकिस्तान 1947 के बाद से कभी भी विश्वसनीय नहीं रहे और भारत की शांति की पहल और प्रयासों का उन्होंने हमारी कमजोरी के रूप में आकलन किया और अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए उपयोगी किया चीन और पाकिस्तान की सैन्य शक्ति का सामना करने के लिए थल वायु और नौसेना का समय यह बहुत आवश्यक है पाकिस्तान युद्ध में अकेला नहीं है अमेरिका पाकिस्तान दोनों पर गंभीर चुनौती है और साहित्य की ओर से रूस और फ्रांस हमारे आधुनिक वायुसेना के लड़ाकू विमान और सप्लाई चीन के पहले कभी नहीं कहीं और भारतीय से टकराते हैं उन पर अधिक विश्वास और निर्भरता उचित नहीं है नए सीडीएस निश्चित रूप से तीनों सेनाओं का आधुनिकीकरण और सशक्तिकरण के लिए समर्थक समूह के रूप में अपने कार्यकाल में बहुत सफलतापूर्वक पूर्ण करेंगे ©Ek villain #सैन्य शक्ति का हो आधुनिकीकरण #we
Divyanshu Pathak
मैं चंबल का चंचल जल,बहता हूँ बेख़ौफ़ यहाँ । कभी डकैतों के साये थे कभी बचे थे कृष्ण यहां।......... धौलपुर(राजस्थान) हमारे छोटे बड़े शहरों की अपनी विशेषताएं है ।हर जगह से कोई किस्सा कहानी घटनाएं जुड़ी हुई है ।आओ अपने शहरों की शब्दों से सैर कराते हैं प्यारे co
Monalisa Guje
प्रगतिशील की आदि है। साझा करें अपने विचार Democrats & Dissenters के साथ और हमें बताएं एक नारीवादी की विशेषताएं। 🌸 #yqdidi #yqdnd #dndhindi #dndवहनारीवादीहै #col
Anchor Chetna Malviya
Rakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त