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श्यामजी शयमजी
White कुत्ते का पिल्ला बैठा नीम की शाम में आज बारिश होगी आपकी भी गांव में ©श्यामजी शयमजी #cg_forest कविता कविता
#cg_forest कविता कविता
read moreMahesh Patel
White सहेली.... ज्ञानी होने से शब्द समझ आने लगते हैं.. अनुभवी होने से अर्थ... लाला..... ©Mahesh Patel सहेली.....अर्थ... लला....
सहेली.....अर्थ... लला.... #Shayari
read morepraveen dubey
White शिव बैठे है खुले आकाश मे, सारा जगत सजदे में शिर झुकाएं बैठा है। महल बालों को झूठा ही अभिमान है,की लोग हमारे दर में सजदा ही नही करते।। ©praveen dubey #कविता
कविता
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी संसद से सड़कों तक जनता के मुद्दे नदारद थे पक्ष विपक्ष के हाव भाव आपस मे टकराने के थे सात चरण में गाली गलौज आरोप प्रत्यारोपण हावी थे भरोसे के एक भी मुद्दे जनता को सियासतें दे नही पायी फ्री फ्री अनाज और रुपये एकाउंट में डालकर बेरोजगारी और महंगाई का समाधान दे नही पायी साइलेंस वोट देकर मतदाता ने पक्ष विपक्ष सबको सबक सिखाया है अठाहरवीं लोकसभा में किसी को बहुमत ना देकर सियासतों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #election_results सियासतों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है #nojotohindi
#election_results सियासतों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है #nojotohindi #कविता
read moreGurudeen Verma
White शीर्षक- इस ठग को क्या नाम दे --------------------------------------------------------- बड़े नम्बरी होते हैं वो आदमी, जो करते हैं शोषण छोटे आदमी का, और छीन लेते हैं उधारी चुकाने के नाम पर, गरीब आदमी की जमीन और आजादी। लेते हैं काम छोटे आदमी को, कोल्हू के बैल की तरह दिनरात, एक वर्ष की मजदूरी बीस हजार देकर, जबकि होते हैं खर्च पाँच हजार एक माह में। लेता है ब्याज बहुत वो आदमी, छोटे आदमी को देकर उधार रुपये, बड़े ही ठाठ होते हैं इन आदमियों के, जिनके होते हैं मकां महलनुमा। होती है उनकी जिंदगी राजा सी, जिनके एक ही आदेश पर, हो जाते हैं सारे काम, और हाजिर नौकर चाकरी में। कमाता होगा इतने रुपये वह आदमी, मेहनत की कमाई से कभी भी नहीं, बनाता है वह अपनी इतनी सम्पत्ति, भ्रष्टाचार और दो नम्बर की कमाई से। लेकिन एक ऐसा आदमी भी है, जो लेता है बड़े आदमी से भी ज्यादा दाम, करता नहीं रहम वो अपने भाई पर भी, और कोसता है वह बड़े आदमी, इस ठग को क्या नाम दे।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #कविता
कविता
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