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Senty - Poet
रिमझिम रुनझुन बरसन लागे, पिया मिलन को तरसन लागे, कोयल पपिहा काग सुनो सब, प्रेम की धारा सरसन लागे। साज बजाए अतरंगी फिर, गीत सुनाए सतरंगी फिर, मन फूहड़ सुने छंद बहार, सावन लाया सजन श्रृंगार। बरसो मेघा, राग मल्हार । ©Senty - Poet #Barsaat #poem #गीत #hindi #कविता
Arora PR
White मै चाहता हु मेरे इस नए गीत के लिए नए छंद . असमान से ऊतरे लेकिन मेरा गीत मेरी इस बात से राज़ी नही.... क्योंकि उसे धरती के साथ. चिपके रहना ज्यादा पसंद हैँ ©Arora PR नया गीत
नया गीत #कविता
read moreGurudeen Verma
White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #गीत
3 Little Hearts
अंत का भी अंत होता है, सब कुछ कहाँ अनंत होता है। पतझड़ एक घटना है, बारह महीने कहाँ बसंत होता है।। 🩶🩶🩶 ©3 Little Hearts #tree #बसंत
PФФJД ЦDΞSHI
गीत...... बजने लगी शहनाईयाँ, चुभने लगी तम्हाईयाँ चाहे तुम्हे गहराईयाँ होने लगी रुसवाईयाँ चारो तरफ है परछाईयाँ,मौत भी लेती अगड़ाईयाँ, जीना भी चाहूं ज़ी ना सकूँ दिल मे बसी है वीरानियाँ...... ©PФФJД ЦDΞSHI #गीत #pujaudeshi
Pallavi pandey
बसंत की प्रतीक्षा में मैंने लिखे है प्रेम गीत रखी है होठों पर मुस्कान खोली है आशा की खिड़कियां सजा रखी है फूलों की दुकान , ओढ़ गुलाबी ओढ़नी गाए जा रही फाग उम्मीद है आएगा बसंत मेरा मुंडेर पर आज फिर बोला काग © Pallavi pandey बसंत
बसंत #कविता
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