Find the Latest Status about एक गुजारिश करे दीवाना गाना from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, एक गुजारिश करे दीवाना गाना.
Damodar prasad Raj
हर चेहरे में तेरी सूरत नज़र आती है जाना न कभी छोड़ के इस तरह क्योंकि तेरे जाने के बहुत याद सताती है ©Damodar prasad Raj एक गुजारिश
Kavita jayesh Panot
एक गुजारिस उससे जिसकी कमी उसके होने पर भी खलती रही जिन्दगी इन्तजार बन यू ही चलती रही जब मेरी काया का ये ढेर खाक बन जाये तो तुम अपने हाथों में गुलाब लिए चले आना मेरी कब्र पर फिर से उस प्यार की खुशबू फैलाने जिसके लिए में जीवन भर तरसती रही। छूकर अपने हाथों से फिर मुझे एक बार जीने का एहसास दिला देना फिर वो फूलो की माला मेरी कब्र पर चढ़ा मेरी रूह को सात जन्म के बन्धनों वो सात फेरे याद दिला देना। बस एक गुजारिस है तुमसे जब तुम आओ तो अकेले ही आना तोहफा वक्त का साथ लाना ताकि चन्द लम्हे गुजार सकूँ और बटोर सकूँ उस एहसास को रूह बन रूह तक समा सकूँ के तुम सिर्फ और सिर्फ मेरे हो। कविता जयेश पनोत Written on 24 may अतः 10:20 pm #एक गुजारिश
I M MALIK
एक बोशे की इल्तेजा थी दोस्त बस मुंह में जायका सा रहे जाता ©ARAYAN MALIK #Hug एक गुजारिश
online tution by Amarnath sir
आज दिल रख लीजिये बाद में हिसाब कर लीजियेगा!.. #NojotoQuote एक गुजारिश है..
Haji imtiyaz
तू डराता है हम डरे तो नहीं तू जालिम है तो हम बुजदिल तो नहीं। तू ताकतवर है तो हम कमजोर तो नहीं ,तू भी कम नहीं मालूम है ,, पर हमारी तरह सर पर कफ़न तो नहीं। हाजी इम्तियाज एक छोटी सी गुजारिश
Thakur Dhananjay Pratap Singh
एक गुजारिश थी उनसे वो हमारे सपनो न आये दूर ही रहे वो हमसे वो हमारे खयालो में न आये यार थोड़ा सा भी रहिम कर दे वो हमारे करीब न आये एक गुजारिश थी उनसे
Himani Sati gaur
एक गुजारिश एक गुजारिश है आपसे कभी साथ मत छोड़ना हमारा बहुत कोशिशों के बाद पाया है तुम्हे बहुत सिद्दत से चाहा है तुम्हे हिमानी सती एक गुजारिश है आपसे
Raushan Ram
एक गुजारिश माँ से.... ................................. माँ मुझको वापस घर ले बुला, गोदी मे मुझको फिर से सुला! माँ पता है मुझको, मेरी फ़िकर हमेशा तु करती है. अब करता ना हूँ कोई नखरे ,जो मिलता है सो खाता हूँ, कई रात तो माँ अब मैं भुखे ही सो जाता हूँ! लोगों से मिला है मुझे बहुत ही प्यार, पर किया ना कोई तुझसा दुलार! माँ मुझको वापस घर ले बुला, गोदी मे मुझको फिर से सुला! पास बिठा के माँ मुझको बचपन कि वो लोरी सुना, जानी-अनजानी मुझको फ़िरसे भुतों वाली काहानी सुना! मन करता है डर छुप जाऊँ जाके तेरी आँचल में, माँ आज भी मुझको आता याद तेरा वो सिक्का है, बिन माँगे ही कहती थी, यहाँ पैसा ये किसका है! माँ मुझको वापस घर ले बुला, गोदी मे मुझको फिर से सुला! माँ खा लुँगा अब वो भी खीर, जो नखरे में ना खाता था, अच्छा ना है ये कह कर गुस्से से मैं सो जाता था! फ़िर नखरे उठा कर तु मेरी बड़े प्यार से खिलाती थी, बस आखिर बार है ये कह कर, खिलाते ही तु रहती थी! माँ मुझको वापस घर ले बुला, गोदी मे मुझको फिर से सुला! एक गुजारिश माँ से