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Ramvir Kori
रख हौसला इस हौसले से न डगमगा इम्तहा है इस घड़ी का जरा न घबरा हिम्मते मर्दा मद दे खुदा #flood
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बहुत ख़ुशी के साथ आंखे कुछ नम भी हुई, गर्व का एहसास भी हुआ, आज मेरी लेखनी की दौरान रूबरू होने का मोका मिला। @Saroj g मुस्लिम होने के बावजूद उसके पिता में अपनी आंखे एक हिन्दू को Donate कर दी , अब वो इस दुनियां में नहीं है इनका बेटा सरहद पर शीहिद हो चुके। हिम्मत उस मां के ज़िगर की को रखती हैं, हिम्मते मर्दा मर्दे ख़ुदा, बस ये कहकर ख़ुद बुलंद खड़ी रहना, See Caption #lifequotes #equality #zindagi #life #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बहुत ख़ुशी के साथ आंखे कुछ नम भी हुई, गर्व का एहसास
आशिष गंगाधरजी चोले
कसा रे मर्दा तू माणूसकी विसरला स्वतःची आई बहीण विसरून तुझी हवस तू जोपासला पूर्ण करण्यात हवस तुझी कुठली रे मर्दानगी तुझ्या या हवसिने लागली सम्पूर्ण समजाला ठिणगी दुर्भाग्य तिचे ती बनायला निघाली होती सबला तुझ्याच अश्या कर्मकांडाने ती पुन्हा झाली अबला दृष्ट बुद्धी विचाराने माजून तू शैतान झालास तुझ्याच या भोंगळ विकृत भावनेला तू पुरुषार्थ समजलास कसा रे मर्दा तू माणूसकी विसरला नव्हताच दोष तिचा कुठला न तिची वाटही नव्हती चुकली तुझ्या हैवानी जाळ्यात ती विना पर्यायी फसली विधात्यालाही तुला बनवून पश्चात्ताप झाली अरे नराधमा अशी विकृत हवस तुझी कसली नालायक पणे तू माणुसकी भोसकला कसा रे मर्दा तू माणूसकी विसरला लेखन:- आशिष गंगाधरजी चोले । कसा रे मर्दा
somnath Chavan
चल उठ मर्दा...माईसाठी प्रयत्नांची पराकाष्ठा कर. सोसावे लागले कितीही कष्ट देऊ नको तिला कधीही अंतर उतराई होण्या माईचे उपकार घे माईला खांद्यावर चल उठ मर्दा... माईसाठी प्रयत्नांची परकाष्ठा कर. खाव्या लागल्या कितीही खास्ता दूर नको करू ते मायेच छप्पर जाणीव ठेव तिच्या त्या दुधाची सर घे माईला डोक्यावर चल उठ मर्दा..माईसाठी प्रयत्नांची पराकाष्ठा कर. अपमानाच्या कडाडल्या कितीही वीजा सोडू नको परी ते मायेच उदर उरी गुंडाळुन घे ती मायेची चादर घे माईला कडेवर चल उठ मर्दा...माईसाठी प्रयत्नांची पराकाष्ठा कर. कोसळले कितीही दुःखाचे डोंगर दूर लोटू नको ती ममतेची बखर करी असू दे सदा तो मायेचा सागर नि घे माईला पलकांवर चल उठ मर्दा...माईसाठी प्रयत्नांची पराकाष्ठा कर. असू कितीही दैन्य,दारिद्र्याची गुढी पाठी मिरव ती चैतन्याची मुर्ती काही कमी पडणार नाही कधी सगळ्या दैन्यांचा तुला पडेल विसर घे माईला पाठीवर चल उठ मर्दा...माईसाठी प्रयत्नांची पराकाष्ठा कर. उसळला कितीही विंवचनेचा महासागर दूर नको ठेवू ती जिव्हाळ्याची घागर डोळ्यात साठवून घे ते प्रेमाचे आगर घे माईला ह्रदयावर चल उठ मर्दा...माईसाठी प्रयत्नांची पराकाष्ठा कर. -Soma... चल उठ मर्दा
Advo Karishma Kapil
लगन पाने की हो तो हर मुश्किल आसान हैं इरादों को पंख लगा सामने खुला आसमां है हिम्मत ए मर्दा मदद ए खुदा..
freethinker
मरा हुआ सा था मे अब जिंदा हो रहा हूँ खबरदार ए दुनिया वालो मे अब डरना छोड़ रहा हूँ ©freethinker हिम्मत ए मर्दा तो मदद ए खुदा
Shivkumar
Autumn अगर ये पतझड़ नहीं होगी तो , उनमे ये नए पत्ते कैसे आएँगे ।। उन पर ये मुसीबते नहीं होगी तो, तुम पर वो हिम्मते कैसे लाएंगे !! ©Shivkumar #autumn #पतझड़ #पतझड़ #Nojoto #nojotohindi अगर ये पतझड़ नहीं होगी तो , उनमे ये नए #पत्ते कैसे आएँगे ।। उन पर ये #मुसीबतें नहीं होगी त
बे-फ़सील
बहुत हिम्मते जुटाई पर कामयाब ना हो सका, महोब्बत करता रहा पर कुछ कह ना सका। हर बार नई तरकीब लगाई इजहार की, हर तरकीब का मुकाम तय ना हो सका । सोच रहा हुँ कँरु अब की बार कुछ नया सा, बस डरा हुआ हुँ पिछली नाकामी से जरा सा । किताब मेँ रखकर मुरझाये से गुलाब लाया था, दिल मे छुपाकर झुलसे हुए कुछ ख्वाब लाया था । तेरे पिछे भी गया, हौसला भी था, सब कुछ ठिक कर सका, तुने मुडकर देखा हिम्मत टुटी और फिर कुछ ना कर सका । बहुत हिम्मते जुटाई पर कामयाब ना हो सका, महोब्बत करता रहा पर कुछ कह ना सका। हर बार नई तरकीब लगाई इजहार की, हर तरकीब का मुकाम तय ना हो सका ।
Divyanshu Pathak
भोर की किरण निकलते ही उम्मीद हो जाती है। शोर उठता हुआ कह दे कि जीवन अभी बाक़ी है। दुनिया में तकनीकियों का परचम लहरा रहा है। यन्त्रवत एहसासों का इन्सान होना अभी बाक़ी है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और नौच डालो उन्हें। ऐसी हैवानियत का ,इंतज़ाम होना अभी बाक़ी है। अँधेरे में ख़्वाहिश जुगनुओं सी उड़ी और गुम गई। अनचाहे इन बादलों का छंटना तो अभी बाक़ी है। हिम्मत-ए-मर्दा - मदद-ए-ख़ुदा क्या कहते हो तुम! सुनो! स्त्री की हिम्मत को,दाद देना अभी बाक़ी है। तमाम बन्दिशों के बावजूद जो हिम्मत नहीं हारते। 'पंछी' के उन हौसलों की उड़ान अभी बाक़ी है। भोर की किरण निकलते ही उम्मीद हो जाती है। शोर उठता हुआ कह दे कि जीवन अभी बाक़ी है। दुनिया में तकनीकियों का परचम लहरा रहा है। यन्त्रवत एहसासों
Vandana
क्यों उदास इस डाल में तू बैठा है जिंदगी से क्या हार बैठा है,,, माना मुश्किलों से भरी तेरी राह है कामयाबी से तू कोसों दूर है,,, हिम्मते मर्द ए खुदा कर चल उठ खुद से दगा कर,,,, आसान कोई मंजिल नहीं होती लहरों से टकरा के नैया पार होती इतिहास गवाह है देखी है जिन्होंने तकलीफें है,,, दर्द को घूंट घुंट पिया है,, हासिल उन्हें तख़्त-ओ-ताज हुए बादलों से भी ऊपर और ऊंचा उड़े वह बाज हुए,,,, जिंदगी के शहंशाह तीरंदाज हुए,,, क्यों उदास इस डाल में तू बैठा है जिंदगी से क्या हार बैठा है,,, माना मुश्किलों से भरी तेरी राह है कामयाबी से तू कोसों दूर है,,, हिम्मते मर