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Vidhi
यक्ष: क्या सचमुच गीता ने अर्जुन की मदद की? युधिष्ठर: की ही होगी। स्त्रियाँ प्रायः ही उसके पीछे सम्मोहित हो जाती हैं। छिछोरेपन के सारे ही गुण पाए जाते हैं उसमें। यहाँ तक कि द्रौपदी भी.. (आवाज़ में चिढ़न साफ सुनाई दे रही थी) यक्ष: अ.. मैं आप लोगों के व्यक्तिगत मामलों पर प्रश्न नहीं कर रहा। मैंने तो बस उन श्लोकों की बात की, जिसे प्रभु ने स्वयं उसे सुनाई। युधिष्ठिर: सच पूछिए, तो ये हमारी सोची समझी योजना ही थी। आपको क्या लगता है प्रभु इतने सीधे हैं? यक्ष: तो क्या आपका मतलब है कि ये सब ड्रामा था? मोह? प्रवचन? ये सब कुछ? युधिष्ठिर: ओह यस। प्रभु महान हैं, मगर उनमें इतना भी टैलेंट नहीं कि सहवाग को द्रविड़ बना सकें। वो तो बस हमारे कहने से बकलोली कर रहे थे। ताकि तब तक में हम पीछे से व्यूह रचना कर सकें। यक्ष: तो यानी आपने जिस व्यूह की रचना की उसका नाम 'नीतीश' था? युधिष्ठिर: अरे, आपको कैसे पता? यक्ष: संजय की कमेंट्री केवल धृतराष्ट्र ही नहीं सुनते। उसका सीधा प्रसारण स्वर्ग में भी होता है। युधिष्ठिर: हाँ मैं भूल ही गया था अब तो पृथ्वी पे मौजूद सारी सुविधाएँ आधार से जुड़ी हुई हैं। #यक्ष #युधिष्ठिर #संवाद #गीता #मनोरोग #नीतीश #आधार #YQbaba #YQdidi
Parasram Arora
सभी ईश्वर सारे गुरु जिस कुनबे का प्रतिनिधित्व करते हैँ मै भी उस कुनबे का एक साझीदार बनने की लालसा रखता हूं ताकि मै भी अधिकृत हो सकू. अपने वो यक्ष प्रश्न पूछने के लिए कि कहाँ हैँ हमारे स्त्रोत और कहाँ हमारा अंत होता हैँ कि क्या हैँ आधार हमारे जीवन का. और क्या हैँ औचित्य और निष्कर्ष हमारी श्रद्धा विश्वास और भरोसो का ? यक्ष प्रश्न.......
Parasram Arora
आज भी मेरा एक प्रश्न यक्ष प्रश्न बनकर मेरे ज़हन मे भटक रहा है क़ि आखिर मुझे इस उपग्रह पर कैसे और क्यों उतारा गया? मेरी जन्म तिथि क्या थी और तिथि बाह्य होने की समय सीमा क्या है? मै तो ये तक नहीं जानता की यहाँ मुझे किस मिशन . पर भेजा गया है? इसके अलवा मै अभी तक अनभिज्ञ हूँ की मुझे इस उपग्रह क़े कौनसी दिशा मे अपना घर बना कऱ बसना है ? ©Parasram Arora #यक्ष प्रश्न........
Arora PR
आज के दिन. मेरे पास एक ही यक्ष प्रश्न था पूछने के लिए जो दिन भर मै सबसे पूछता रहा कि क्या उस भूखे गूंगे बहरे. फ़क़ीर को आज क़ी रोटी नसीब हुई है या नहीं,? ©Arora PR यक्ष prshn
Tarakeshwar Dubey
यक्ष प्रश्न लिखने की लालसा लिए मैं बैठा हूँ लिखने हाथ में कलम लिए, पर ..… सोचता हूँ क्या लिखूं ? किसके लिए लिखूं ? किस पर लिखूं ? राम मंदिर निर्माण पर या कोरोना के संग्राम पर, बुद्धिजीवियों के संवाद पर या राजनीतिज्ञों के फिज़ूल विवाद पर, राजस्थानी मरुभूमि पर या लहलहाती सिंचित जमीन पर, न्याय व्यवस्था के भविष्य पर या कूपोषित भारत के करुण दृश्य पर, वैश्विक वाणिज्यिक व्यवस्था पर या मानव की धार्मिक आस्था पर, राणाप्रताप के सौर्य पर या चंद्रगुप्त मौर्य पर ? यक्ष प्रश्न है भारत की एक विशाल जनसमूदाय के सामने दो वक्त की सुकून की रोटी कैसे आयेगी ? माताओं बहनों का तन कैसे ढकेगा ? देश का भविष्य संवारने वालों के स्कूल की फीस कहां से आयेगी ? बूढ़े मां बाप के इलाज के खर्च का बोझ कौन उठायेगा ? उन्हें वक्त नहीं है सोचने की, उनकी सामर्थ्य नहीं है पढ़ने की, उनके पास संसाधनों का अभाव है, गैरव्यवस्था में जीना अब उनका स्वभाव है। ऐसे में विषय, लेख, लेखक, लेखनी उनके लिए सब कोरे सामग्री से है। हर लेख बेकार सा हैं, हर कविता अधूरी सी हैं। आजादी के दशकों बाद भी हाय भारत! तेरा यही हस्र अवशेष है ? © मृत्युंजय @ तारकेश्वर दूबे। यक्ष प्रश्न #flyhigh
वेदों की दिशा
।। ॐ ।। तदभ्यद्रवत्तमभ्यवदत् कोऽसीति वायुर्वा अहमस्मीत्यब्रवीन्मातरिश्वा वा अहमस्मीति ॥ वह 'उसके' (यक्ष के) प्रति द्रुतगति से गया; ‘उसने’ (यक्ष ने) वायु से कहा, ''तुम कौन हो? इसने कहा, ''मैं वायु हूँँ, मैं हीं वह तत्त्व हूँ जो वस्तुओं के ‘मातृ-तत्त्व' में विस्तीर्ण होता है(मातरिश्वा हूँ)। He rushed upon That; It said to him, “Who art thou?” “I am Vayu,” he said, “and I am he that expands in the Mother of things.” केनोपनिषद तृतीय खण्ड मंत्र ८ #केनोपनिषद #उपनिषद #वायु #यक्ष
Vidhi
यक्ष: मंत्री जी कह रहे हैं कि नोटबंदी से केवल उनकी छँटनी हुई है जिनकी योग्यता संदेहजनक है। आपका का क्या कहना है इस पर? युधिष्ठिर: सौ प्रतिशत खरी बात है। छँटनी के शिकार हुए युवाओं ने उनकी ही IT सेल में नयी भर्तियाँ ली हैं। और उनके मुखारविंद से निकले शब्द उनकी योग्यता ही दर्शातें हैं। यक्ष: और वे लोग जिन्हें वहाँ भी जगह नहीं मिली, वे? युधिष्ठिर: उन्होंने स्किल इंडिया जॉइन कर ली। देखा नहीं कितने स्वरोजगार बढ़ रहे हैं? यक्ष: मगर ये जो रिपोर्ट्स और सर्वे आ रही हैं, उनका क्या? बढ़ती महँगाई का क्या? युधिष्ठिर: वे सब एज ऑफ डूइंग बिज़नेस के परिणाम हैं। #notebandi #इकॉनमी #यक्ष #YQbaba #YQdidi