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Nandini Rastogi
White मां का खाली हाथ भी दुआओं भरा लगता है । जिस दिन बात ना करूं दिन अधूरा सा लगता है। ©Nandini Rastogi #mother
Mr_ VIKAS__
___माँ__ माँ के लिए मैं क्या लिखूं, माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.. माँ से छोटा कोई शब्द हो तो बताओ, माँ से बड़ा भी कोई हो तो बताओ.. लोग कहते हैं आज माँ का दिन है, वो कौन सा दिन है जो माँ के बिन है.. मौत के लिए तो बहुत रास्ते हैं, पर जन्म लेने के लिए केवल माँ ही है..!! . ©Mr_ VIKAS__ #MainAurMaa #Mother #motherlove #maa #Love #poem #Poet
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read morePRIYANSHI MITTAL
White कोरे कागज़ पे मानो श्याही सी हैं वो, मेरे जीवन में बुनी कढ़ाई सी हैं वो, मां सरस्वती के आशीर्वाद की परछाई सी हैं वो, कन्हैया के स्वरूप से मानो जगमगाई सी हैं वो, नारायण के हर पथ की हमराही सी हैं वो, मेरे जीवन का अर्थ हैं वो, मेरे जीवन की सच्चाई हैं वो। मां...... ©PRIYANSHI MITTAL #mothers_day #Poetry #poem #Mother #Life #Love #Nojoto #Quote
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read moreSchizology
Dear Mother Dear Mother , up in heaven We miss you here very much We know you are watching over us We all miss your loving touch Mother's day is tomorrow It's not the same any more Without your voice around now Our hearts have all been tore Dear Mother , now gone away We love you deeply forever We cherish our memories of you You will always be remembered Mother's day is tomorrow It doesn't feel the same now Without you brightening our lives We must carry on, but how ? ©Schizology Dear Mother #poem✍🧡🧡💛 #Mother #missed
SZUBAIR KHAN KHAN
122 122 122 12 दुआएं लगे मां की एसे तुझे छुपाती रहे हर बला से तुझे क़दम भर चले तू जहाँ पे कहीं रुकी सांसें अटकी बतायें तुझे वो ममता की मूरत है तेरे लिए इबादत वो जन्नत है तेरे लिए छुपाती है आंचल मैं कैसे तुझे लेखक - ज़ुबैर खान......✍️ ©SZUBAIR KHAN KHAN Mother
Mother #कविता
read moreDeepanshu
#SaferMotherHoodDay कहीं आधी रात को गूँज उठी किलकारी, और आँखों से बह गई अश्रुधारा; उन आँसुओं में भरा था मातृप्रेम, उस स्नेह से उत्पन्न हुआ एक शिशु प्यारा। वो अब भूख को अपनाना सीखेगी, उस शिशु के लिए तो यही ज़रूरी है; कहीं जल ना उठे उस बच्चे की आत्मा, इसलिए उस माँ का तपना ज़रूरी है। वो बच्चा अब चलना चाहता है, सो माँ ने उसके पैरों तले फूल दिए; वो जिस पथ पर पग बढ़ाता है, माँ ने उस पथ के सभी शूल लिए। उसने परिपक्वता की पराकाष्ठा देख ली अब, वो खुश है, भले ही स्वप्नहीन सही; वो बच्चा अब युवक हो चला है, माँ तो उसी के सपनों में लीन सही। अभी उस माँ का कार्य बाकी है, अपनी कोख को मजबूत बनाना है; वो युवक चला जब संसार बसाने, तब ये सूर्य चंद्रमा उसके इंतज़ार में बिताना है। युवक लौटा तो खिलखिलाया हुआ था, आखिर अपने ख्वाबों को सच कर लौटा है; उस माँ को देखकर हैरान रह गया, जिस देवी का वो बेटा है। वो कोमल हर्षित देह, जिसे वो जानता था, वो शरीर अब शाम में ढलने को है; उसकी आत्मा मुस्काती है, (अपने बच्चे को देखकर) और अब वो देह सामने जलने को है। उस शक्ति का कार्य संपन्न हुआ, जिसने त्याग में बिताया जीवन सारा; वो बच्चा जब रखता है उसे अग्नि के गर्भ में, तब उसके आँखों से बह गई, "अश्रुधारा"। ©Deepanshu #alone #life #lifequotes #lifelessons #lifequote #lovelife #poem #poetry #Mother #motherlove