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Parasram Arora
दिन पूरा दिन होता हैँ और रात पूरी रात होती हैँ किन्तु ये अवसादग्रस्त अनिद्रा इस बात का समर्थन कहा करती हैँ जबकि मेरी हर करवट पर ये चरमराती हुईं बूढ़ी खाट भी तो इसी बात की पुष्टि करती हैँ. ! अवसादग्रस्त अनिद्रा..... Message
Arora PR
White किसने छीन ली है निद्रा मेरे नयन की पता नहीं कौन है जो मुझे अपनी कसौटी. पर परख रहा है आखिर कोई तो सीमा होंगी इस अनिद्रा क़ो सहन करने की ? ©Arora PR अनिद्रा क़ा हौवा
Parasram Arora
क्यों नहीं सो पा रहा है ईश्वर इतने दिनों से? जबकि शेषनाग वाली मुलायम शैया की सुविधा मिली हुई है उसे युग युगान्तरों से आखिर क्यों लेना पड़ता है उसे अवतार और धरती पर उतरने का श्रम करना पड़ता है? आखिर अवतार बन कर इस धरती पर उतरने की अकुलाहट उसमे कौन भरता है? कदाचित कोई करुण काव्य की धारा शेषनाग की शैया क़े नीचे बहती है जो ईश्वर को प्रेरित करती हो ! और सृजन क़े दर्द से ईश्वर मे कोई छटपटाहट उठती हो जो अवतार बन कर धरती को कृतार्थ करने का भाव भर देती हो ईश्वर क़ि अनिद्रा का रहस्य
Rupam Jha
ये नींदों की बगावत भी मुझे अच्छी नहीं लगती! देखती हूं ख्वाब मगर वो अब मुझे सच्ची नहीं लगती! कैसे होंगे मुक्कवल ख्वाब सारे?बता तू ही मेरे मौला! स्वस्थ रहने के लिए नींद भी तो जरूरी होती है! माना लाख कह दे लोग ख्वाब खुली आंखों से देखो! पर ज्यों नींद ही रूठे भला,तो कैसे ख्वाब सच होवें? #अनिद्रा #अनिद्रा 😴 #yqdidi #fightwithsleep #stillawake 😥😥😥 #afteralongtime #jhapost #नवरूप #bestyqhindiquote ✍✍
tehzibasheikh👩💻
Rajasic Food ये आहार शरीर और मस्तिष्क को कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। इनका अत्यधिक सेवन शरीर में अतिसक्रियता, बेचैनी, क्रोध, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा इत्यादि लाते हैं Iअतिस्वादिष्ट खाद्य पदार्थ राजसिक हैं Iउदाहरण - मसालेदार भोजन, प्याज, लहसुन, चाय, कॉफी और तले हुए खाद्य पदार्थ I Rajasic Foodये आहार शरीर और मस्तिष्क को कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। इनका अत्यधिक सेवन शरीर में अतिसक्रियता, बेचैनी, क्रोध, चिड़चिड़ा
Kaleem Ansari
और कितना लिखू तेरी याद में कोई दम नहीं मेरी फरयाद में मेरी रूह भी छीन के ले गई मुझ से में में ना रहा तेरे बाद में में में न रह तेरे बाद में
डॉ वीणा कपूर "वेणु"...
सागर की लहरों में, मेरे गांव की नहरों में सीमाओं के पहरों में, उथले और गहरों में, सब ओर तुम्हें खोजती, मेरी मौन तलाश। एक दिन तो तुम मिल ही जाओगे पूर्ण है विश्वास। जल सम पारदर्शी गगन सम समदर्शी मेरी भोली आस सागर के किनारे भी अतृप्त है प्यास।। ©Veena Kapoor लहरों में नहरों में गहरों में पहरों में अतृप्त प्यास #sagarkinare