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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी मिथक टूट रहे उसके विश्व के आका बनने के खुद यूरोपियन संघ बगावत पर उतारू रुख भारत की ओर कर रहे है टेरिफ टेरिफ का खेल खेलकर डॉलर की बादशाहत कम कर रहे है कम आँकना भारत को मिट्टी में इनको मिला देगा मेन्युफेक्चरिंग कितनी भी कर लेना मगर खपत खपाने के लिये बाप भारत को ही बनना होगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Indian_flag बाप भारत को ही बनाना होगा
#Indian_flag बाप भारत को ही बनाना होगा
read moreJitender Jiyhind
White कयो करी सै तु खामा खाई लडाई नुये काचे काटेगा तेरे बाप का जमाई तु के सोच मै तेरी सारी टेल पुगाऊ सुनले नै छोरी मै तो नुये धुमा ठाऊ फेर होजै सै छोरी टकरार तेरी मेरी नुये काचे काटेगा तेरे बाप का जमाई तेरे मंन की पुरी ना होवै कोनया चंल चाल ठाली बैठ कै खारी बैरण लागण देना हाल ढबे पिछ चाल करदु तेरी खिचाई नुये काचे काटेगा तेरे बाप का जमाई कयो करी सै तु खामा खाई लडाई ©Jitender Jiyhind 6
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read moreHarshit Rajasthani Official
अपनी है आन तिरंगा,अपनी है शान तिरंगा,घर घर लहरायें।जय हिन्द जय भारत जय जवान जय किसान।।मेरा भारत देश महान है। आजाद था आजाद हैं और आजाद रहेगा।भारत माता की----------------------------------------------- ©Harshit Rajasthani Official भारत
भारत
read morehoney
White डियर दिसंबर जो कभी तेरे आने पे अदावत करता था अब ये दिल तेरे होने की इबादत करता है कल तक तेरे ठहर जाने पे थी रंजिश अब कुछ पल तो थम जा की ख्वाहिश बावरा मन जाने क्यूं तेरी हसरत करता है जो ख्वाब -ए - खाक हुए, तुने नए सपने संजोए जो आईना बन जिंदगी का खुद से खुद को रुबरु करवाए नई उम्मीदो नई सपनो की तु ही तो इनायत करता है ढल रहा खूद फिर जाने क्यूं हादसो का इलजाम रखता है तेरे गुजरने कि गुजारिश अब बेमानी सी लगती है कि तुझसे जुड़ी जिंदगी की हर कहानी लगती है कि इस बार अलविदा नही कहेंगे अगले साल हम फिर बेहिसाब मिलेंगे ©honey # दिसंबर
# दिसंबर
read moremeri_lekhni_12
Unsplash ए दिसम्बर तू जा,अब तुझे अलविदा कहना चाहती हूँ, गए वर्ष मे क्या क्या खोया, उसे याद नहीं करना चाहती हूँ। ए दिसम्बर तू जा........ कुछ सपने थे जो टूट गए, कुछ अपने मुझसे रूठ गए, कुछ आस्तीन के साँपो से अब सारे बंधन छूट गए, अब कहना सुनना ख़त्म हुआ, अब थोड़ा आराम करना चाहती हूँ.... ए दिसम्बर तू जा... कितने बच्चे अनाथ हुए, कितने माँ बाप निसंतान हुए, कितनी बेटियां भेडियो का शिकार हुई, कितने घर बर्बाद हुए, कितने जीव मनुष्य का शिकार हुए अब सहन शीलता ख़त्म हुई, अब मै खुद का आईना बनना चाहती हूँ। ए दिसम्बर तू जा...... ©meri_lekhni_12 दिसंबर /december
दिसंबर /december
read moreAshutosh Mishra
Unsplash शीतकाल में शीतल पवन तन में तीर चुभाऐ बिरहन के व्याकुल मन को पी का संग ही भाऐ शीतलहर का बढ़ा प्रकोप हिमपात से धरा ढकी नव-युगल जोड़ियों के सपनों को प्रेम के पंख लगे क्या शहर क्या देहात शीतलहर की चली बयार तेज ठंड़ से सब हैरान और परेशान बूढ़े बच्चे और जवान सब को पर्दे वाला और संस्कारी बनाए क्या नर क्या नारी सब को लगी कपड़ो की अल्फाज मेरे✍️🏽🙏🏼🙏🏼 ©Ashutosh Mishra #snow #हिंदीनोजोटो #हिंदी_कविता #कोहरा #शीतलता #हिमपात #दिसंबर #आशुतोषमिश्रा Neelam Modanwal .. M.K.kanaujiya Sharma_N ANOOP PANDEY Pr
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