Find the Latest Status about मेरी पाठशाला निबंध हिंदी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मेरी पाठशाला निबंध हिंदी.
somnath gawade
शालेय जीवनात "मी मुख्यमंत्री झालो तर".. हा निबंध नसता तर आज हा सत्तासंघर्ष उद्भवलाच नसता. #निबंध
Shailesh Bhatt Shael
हिंदी मेरी प्यारी हिंदी भर देती हर भावनाओं को सुन्दर अपनी भाषा में हर रूप निराला शब्दों का हर शब्दों का अर्थ अपनी भाषा है हिन्द की पहचान हमारी प्यारी हिंदी है देती दुनिया में अपनी एक अलग पहचान है हिंदी हमारी प्यारी हिंदी शैल हिंदी मेरी प्यारी हिंदी
हिंदी मेरी प्यारी हिंदी #poem
read moreKishan Jeengar
रिश्तों की पाठशाला बनाई रखनी थी... गणित का विषय कमजोर रखना बहुत जरूरी था... #NojotoQuote #रिश्तों की #पाठशाला #हिंदी #नोजोटो
Ekta Singh
सब भाषाओं को करूं,नतमस्तक सम्मान। पर हिंदी भाषा मेरी,मेरा है अभिमान। तुलसी,सुर,कबीर की,वाणी हिंदी जान। हिंदी सबकी जान है,मीरा या रसखान।, ©Ekta Singh # मेरी हिंदी
# मेरी हिंदी #विचार
read moreStenographer Himanshu Prajapati
Incomplete Truth मैं बेशक सबको समझ आ जाता... इतना मुश्किल नहीं है, पर लोगों में गरूर अंग्रेजी का हैयात है..!! - हिमांश मेरी पहचान, मेरी हिंदी..!!
मेरी पहचान, मेरी हिंदी..!! #story
read moreकुमार जितेन्द्र
जो ज्ञान की भाषा है,विज्ञान की भाषा है वो हिंदी मेरी बोली, स्वाभिमान की भाषा है । अंबर से आ नीचे, पर्वत को सहलाये झम झम गिरता झरना, कल-कल बहती जाये जो बसंती बयारों में,पावस की फुहारों में 2 कानन हो आनंदित,श्रृंगार की भाषा है । फिर प्रणय मिलन बेला, में महकी बहारें हैं मदमस्त परागों से ,नवगीत रचे भंवरे झुरमुट के झोखे से , झांके छुपके किरणे 2 उपवन की कोयलिया, के गान की भाषा है । गाए कोई फकीरा,गाए कोई गुरुवाणी गुमनाम सितारों की, है कलम- ए -शहनाई है भोर की कुछ शबनम,रणभेदी की गुंजन 2 जयहिंद के नारों में, बलिदान की भाषा है । हर शब्द के भाव अलग, हर भाव के शब्द नए जितने रस जीवन के, सब रस की खान लिए हर रूप के हैं वर्णन , हर रंग भरे इसमें, 2 अब मान रही दुनिया, संसार की भाषा है । ©कुमार जितेन्द्र हिंदी, मेरी बोली
हिंदी, मेरी बोली #कविता
read moreSapna Parihar
हिन्दी मेरी पहचान हिन्दी मेरी मातृभाषा हिन्दी मेरी पहचान स्वर,व्यंजन के बिना अधूरी हिन्दी मेरा अभिमान। हिन्द देश की शान निराली प्रान्त-प्रान्त की बोली प्यारी मिश्री जैसी मीठी -मीठी मेरी हिन्दी फूलों की क्यारी। बावन वर्णो का मेल यही है व्याकरण का मेल यही है स्वर, व्यंजन अंग है इसके बारहखड़ी का तालमेल यही है। मैं हिन्दी में कविता लिखती हस्ताक्षर भी हिन्दी में करती रस,छंद, अलंकार से सजती व्याकरण के रंग जो भरती। हिन्द देश की भाषा हिन्दी युग-युग की गौरव गाथा हिन्दी मस्तक का अभिमान है हिन्दी मेरी पहचान है हिन्दी। सपना परिहार. ©Sapna Parihar हिंदी मेरी पहचान
हिंदी मेरी पहचान
read more