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GUDIYA SHARMA

यदा यदा ही धर्मस्य। #wisdomwords

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Ajay bhardwaj kalawatia the poet

यदा यदा ही धर्मस्य,,, जय श्री कृष्ण।। #nojotovideo

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Shankar Yadav

गीता का एक श्लोक है यदा यदा ही धर्मस्य......

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Mohit Mudita Dwivedi

वो तो मरेंगे ही कमज़ोर हैं न हम भी मातम मनाते रहेंगे काली पट्टी पहन के , dp बदल के , मोमबत्ती जला के । भगवान , ख़ुदा , ऊपर वाले , गलती क्या #Poetry #SyriaAttack #R #childrendied

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वो तो मरेंगे ही कमज़ोर हैं न 
हम भी मातम मनाते रहेंगे 
काली पट्टी पहन के , dp बदल के , मोमबत्ती जला के । भगवान , ख़ुदा , ऊपर वाले , गलती क्या

Jai ojha

#krishna_flute यदा यदा धर्मस्य

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Yudhishthir Yadav

#geetagyan यदा यदा हि धर्मस्य #समाज

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સુજલ પટેલ

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्‌ ॥

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यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्‌ ॥
 અધ્યાય ૪  શ્લોક ૭
જ્યારે જ્યારે પૃથ્વી પર અધર્મ પ્રવતશે ત્યારે ત્યારે 
હું જન્મ લઈશ
એવો દીધેલ કોલ એ ભૂલી નથી ગયો માટેજ સાક્ષાત હતો એ ખાખી રંગમાં
ફર્ક હતો માત્ર થોડા વસ્ત્ર અને શસ્ત્રનો
બાકી વધ કરવાની કળા એ જ હતી
જે વર્ષો પહેલા મહાભારતમાં આબેહૂબ વર્ણવી છે
સુ "જલ" यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।

अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्‌ ॥

GOOD TIME PAWAN KUMAR

“यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।” #soultouching

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Dinesh Yadav

यदा यदा... #समाज

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Banbihari

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिः भवति भारत, अभि-उत्थानम् अधर्मस्य तदा आत्मानं सृजामि अहम् भगवद गीता श्लोक #भगवदगीता #BhagvadGita #India nojo #Morning #विचार

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“ यदा यदा हि धर्मस्य 
ग्लानिः भवति भारत, 
अभि-उत्थानम् अधर्मस्य 
तदा आत्मानं सृजामि अहम् ”


जो मनुष्य इश श्लोक का मतलब समझ जाए वो फिर कभी अपने कर्मो से नहीं मुकरे गा और नाही धर्म और मनुष्यता की हानि करेग । 
परन्तु यह श्लोक को समझने के लिए मनुष्य को मन से , हृदय से , सज्ज होना पड़ेगा , नहीं तो जितना भी समझने का प्रयास करें मनुष्य बस इसे याद कर पाएगा ।

©Banbihari यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिः भवति भारत, 
अभि-उत्थानम् अधर्मस्य तदा आत्मानं सृजामि अहम् 

भगवद गीता श्लोक 
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