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Kiran Chaudhary
green-leaves एक एक करके सब छोड़ गए मुझे, और, मैंने भी अब खुदको अकेला कर दिया।। ©Kiran Chaudhary एक एक करके सब छोड़ गए मुझे..
एक एक करके सब छोड़ गए मुझे..
read moreSatish Kumar Meena
Unsplash स्वाध्याय ज्ञान प्राप्त करने का सबसे अच्छा साधन है इससे अनुभव के साथ साथ मस्तिष्क का भी विकास होता है। ©Satish Kumar Meena स्वाध्याय
स्वाध्याय
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash बेहद मुख्तसर सी पसंद है हमारी एक तुम और पलकें झुका कर मुस्कुराना तुम्हारा ©हिमांशु Kulshreshtha एक तुम..
एक तुम..
read moreManju Vashishtha
एक लड़की अपने मन के जज्बात किसी से बयां नहीं कर सकती चाहे वो प्यार के हो या नफरत के बीच में उसकी शर्म और दुनिया का डर आ जाता है ©Manju Vashishtha #एक लड़की
#एक लड़की
read moreआधुनिक कवयित्री
White आंसू भी सूख गए हैं, तेरे दूर जाने से। फुर्सत मिले तो लोट आना, कभी किसी बहाने से। हर गीत तुझ पे लिख दिया है, पर डर लगता है अब गाने से। कुछ राते यूं कट जाती है, कुछ यादों के अफसाने से। बिखर गया ये दिल, तेरे दिए हर तानों से। सुकून मिलता है अब, ख़ुद को अंधेरे में छुपाने से। हर कोई आंसू दे जाता है, हमारी नजरे भर मिलाने से। चैन आता है दुनियां को, बेवजह हमे रुलाने से। आज भी इंतजार में मशगूल हैं, दुनियां में लगते सब बेगाने से। ये जिंदगी वीरान ही रहेगी, नहीं भुलेंगे तेरे भुलाने से। ©आधुनिक कवयित्री एक इंतजार......।
एक इंतजार......।
read moreMahesh Patel
सहेली..... वह मेरा इंतजार कर रहे थे.. आए तो थे दहलीज पर मेरे.. घटना क्या घटी.. वह हमें बुलाए बिन ही चले गए.. लाला..... ©Mahesh Patel सहेली... घटना... लाला....
सहेली... घटना... लाला....
read morekrishnkant
White किसी के अंदर प्रेम जगाकर छोड़ देना उसकी हत्या करने के बराबर है ©krishnkant एक सत्य
एक सत्य
read moreवैभव जैन
White *एक दिया जो भेद मिटाए,* *क्या तेरा क्या मेरा है?* *एक दिया जो याद दिलाये,* *हर रात के बाद सवेरा है |* ©वैभव जैन #एक दिया
#एक दिया
read morekrishnkant
White ज्यादातर हार्ट अटैक से मरने वाले लोग मर्द ही होते हैं क्योंकि हर कोई उन्हें नहीं समझ पाता ©krishnkant एक सत्य
एक सत्य
read moreगोरक्ष अशोक उंबरकर
White गावानं निरोप दिला तुला शहराने बोलावलं.. ऐकून घेताक्षणी मनातलं सारं सुख हरवलं.. भिरभिरणाऱ्या मनाला जबाबदारीनं समजावलं.. समजवताना डोळ्यांना पाण्याने मात्र भरवलं.. भरलेल्या डोळ्यानी फिरून जगाकडे पाहिलं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर गाव
गाव
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